15 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश | उत्तर प्रदेश | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2022 को उत्तर प्रदेश देश में 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने वाला पहला राज्य बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहाँ 15 करोड़ लोगों को कोविड टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं।
- 19.95 करोड़ की आबादी (जनगणना-2011) वाला उत्तर प्रदेश अब तक राज्य के लोगों को 32.76 करोड़ से अधिक डोज़ प्रदान कर चुका है।
- प्रदेशवासियों को अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 10 जनवरी से अब तक लगभग 31.52 लाख बूस्टर डोज दिये जा चुके हैं।
- वहीं राज्य में 15-17 आयु वर्ग के बच्चों को अब तक 2,45,92,596 से अधिक टीके और 12-14 आयु वर्ग के बच्चों को 1,02,11,117 से अधिक टीके की खुराक दी जा चुकी है।
बिहार में होगी जातीय जनगणना | बिहार | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2022 को जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बिहार में सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की गणना होगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना कराने का उद्देश्य लोगों को आगे बढ़ाना है ताकि राज्य का कोई भी व्यक्ति उपेक्षित न रहे।
- मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना के लिये केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था, किंतु राष्ट्रीय स्तर पर इसके आयोजन से इनकार के बाद राज्यस्तर पर करने का निर्णय लिया गया है।
- गौरतलब है कि 23 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मिलकर देश में जातीय जनगणना कराने का आग्रह किया था, साथ ही इससे पहले भी देश में जातीय जनगणना कराने के लिये बिहार विधानसभा से वर्ष 2019 तथा 2020 में दो बार प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।
- उल्लेखनीय है कि जातीय जनगणना आखिरी बार वर्ष 1931 में की गई थी, हालाँकि वर्ष 2011 में सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना आयोजित की गई थी, किंतु केंद्र सरकार द्वारा इसके जातीय आंकड़ों को जारी नहीं किया गया था।
राज्यस्तरीय तैराकी प्रतियोगिता का उद्घाटन | राजस्थान | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2022 को राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने जयपुर में सिरसी रोड स्थित अलंकार महाविद्यालय में राज्यस्तरीय सब-जूनियर व जूनियर बालक-बालिका तैराकी प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रतियोगिता का आयोजन 1 जून से 5 जून तक किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के 16 ज़िलों के 325 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
- इस पाँच दिवसीय प्रतियोगिता में शामिल होने वाले 325 खिलाड़ियों में से सब-जूनियर वर्ग में 45 तैराक, जबकि जूनियर वर्ग में 280 तैराक हिस्सा ले रहे हैं।
- इसका आयोजन राजस्थान तैराकी संघ के तत्त्वावधान में किया जा रहा है, जिसके अध्यक्ष अनिल व्यास हैं।
भारत की पहली बुलेट क्रशर मशीन मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में स्थापित | मध्य प्रदेश | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में भारत की पहली बुलेट क्रशर मशीन की स्थापना की गई। इस मशीन में इस्तेमाल किये गए कारतूस के शेल को नष्ट किया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- इस मशीन के उपयोग से इस्तेमाल किये गए बुलेट को दोबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकेगा। इस व्यवस्था से कारतूस का दुरुपयोग नहीं होगा।
- गौरतलब है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में शूटिंग की शॉटगन, पिस्टल और रायफल विधाओं में लगभग 100 से अधिक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक मनशेर सिंह, जसपाल राणा तथा सुमा शिरूर से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
- इसके अतिरिक्त खिलाड़ियों के लिये न्यूट्रीशियन, सायकोलॉजिस्ट, स्पोर्ट्स साइंस डॉक्टर, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग प्रशिक्षक भी उपलब्ध हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में 50 मीटर फाइनल शूटिंग रेंज का कार्य प्रगति पर है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिये पृथक् से फाइनल शूटिंग रेंज की आवश्यकता होती है। इसके पूर्ण होने पर एशिया कप और अन्य अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा सकेंगी।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में विकसित किस्मों का दूसरे राज्यों को भी मिलेगा लाभ | हरियाणा | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2022 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित गेहूँ, सरसों व जई की उन्नत किस्मों का लाभ अन्य राज्यों को भी प्रदान करने के लिये विश्वविद्यालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यावसायीकरण को बढ़ावा देते हुए गुरुग्राम की निजी क्षेत्र की प्रमुख बीज कंपनी मैसर्स देव एग्रीटेक प्रा.लि. से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- विश्वविद्यालय द्वारा गेहूँ की डब्ल्यूएच 1270, सरसों की आरएच 725 व जई की ओएस 405 किस्मों को विकसित किया गया है।
- फसलों की उपरोक्त उन्नत किस्मों के लिये विश्वविद्यालय की ओर से गुरुग्राम की मैसर्स देव एग्रीटेक प्रा.लि. को तीन वर्ष के लिये गैर-एकाधिकार लाइसेंस प्रदान किया गया है, जिसके तहत यह बीज कंपनी गेहूँ, सरसों व जई की उपरोक्त किस्मों का बीज उत्पादन व विपणन कर सकेगी।
- सरसों की आरएच 725 किस्म की फलियाँ अन्य किस्मों की तुलना में लंबी व उनमें दानों की संख्या भी अधिक होती है और तेल की मात्रा भी ज़्यादा होती है।
- गेहूँ की डब्ल्यूएच 1270 किस्म को गत वर्ष देश के उत्तर-दक्षिण ज़ोन में खेती के लिये अनुमोदित किया गया है। इस किस्म की औसत पैदावार 75.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, जबकि उत्पादन क्षमता 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 12 प्रतिशत है।
- जई की ओएस 405 किस्म देश के सेंट्रल ज़ोन के लिये उपयुक्त किस्म है। इसकी हरे चारे की पैदावार 51.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि दानों का उत्पादन 16.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
अस्मिता दोरजी | झारखंड | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जमशेदपुर की अस्मिता दोरजी पूरक ऑक्सीजन का उपयोग किये बिना माउंट एवरेस्ट के दक्षिण शिखर (8745 मीटर) पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है।
प्रमुख बिंदु
- 38 वर्षीय अस्मिता टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन में एक वरिष्ठ प्रशिक्षक हैं। इनके पिता आंग दोरजी भी एक पर्वतारोही थे, जिनकी एक मिशन के दौरान मृत्यु हो गई थी।
- अपनी माता की मृत्यु के पश्चात् 1989 में ये नेपाल से भारत आ गई, जिसके बाद इनका पालन-पोषण जमशेदपुर में भारत की प्रसिद्ध पर्वतारोही बछेंद्री पाल द्वारा किया गया, जो 1984 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला थीं।
- माउंट एवरेस्ट विश्व की सर्वाधिक ऊँची चोटी (8848 मीटर) है, जिसे नेपाल में सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी ऊँचाई है।
देश के सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ एक बार फिर अव्वल | छत्तीसगढ़ | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी नये आँकड़ों के अनुसार देश के सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ एक बार फिर अव्वल रहा है।
प्रमुख बिंदु
- मई माह में छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर मात्र 0.7 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में देश में बेरोज़गारी दर 7.1 प्रतिशत थी। इससे पहले मार्च, अप्रैल 2022 में भी छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी।
- सीएमआई के नये आँकड़ों के मुताबिक देश के कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में मध्य प्रदेश 1.6 प्रतिशत, गुजरात 2.1 प्रतिशत, ओडिशा 2.6 प्रतिशत, उत्तराखंड 2.9 प्रतिशत, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश 3.1 प्रतिशत, महाराष्ट्र और मेघालय 4.1 प्रतिशत, कर्नाटक 4.3 प्रतिशत, आँध्र प्रदेश 4.4 प्रतिशत, पुदुच्चेरी 5.6 प्रतिशत, केरल 5.8 प्रतिशत शामिल है।
- देश में सबसे अधिक बेरोज़गारी दर हरियाणा में 24.6 प्रतिशत, राजस्थान में 22.2 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 18.3 प्रतिशत, त्रिपुरा में 17.4 प्रतिशत, दिल्ली में 13.6 प्रतिशत, गोवा में 13.4 प्रतिशत, बिहार में 13.3 प्रतिशत, झारखंड में 13.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 9.6 प्रतिशत, तेलंगाना में 9.4 प्रतिशत, पंजाब में 9.2 प्रतिशत, असम में 8.2 प्रतिशत तथा सिक्किम में 7.5 प्रतिशत दर्ज़ की गई।
- साढ़े तीन साल पहले छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली तथा रोज़गार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर शासन का सर्वाधिक ज़ोर रहा।
- सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को ऋण तथा लंबित सिंचाई कर की माफी से इसकी शुरुआत की गई। इसके बाद राजीव गाँधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गाँव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नई औद्योगिक नीति का निर्माण, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडिशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि तथा 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछलीपालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर ज़िले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए।
डॉ. नित्यानंद हिमालयन अनुसंधान एवं अध्ययन केंद्र का उद्घाटन | उत्तराखंड | 02 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2022 को दून विश्वविद्यालय की कुलपति (वीसी) सुरेखा डंगवाल ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 2 जून को दून विश्वविद्यालय में डॉ. नित्यानंद हिमालयन रिसर्च एंड स्टडी सेंटर के भवन का उद्घाटन करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- प्रसिद्ध हिमालयी भूगोलवेत्ता नित्यानंद के नाम पर केंद्र का निर्माण 22 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
- केंद्र की परिकल्पना हिमालयी क्षेत्र के सतत् विकास में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरने के लिये की गई है और इसका उद्देश्य क्षेत्र के सतत् विकास के लिये साक्ष्य आधारित निर्णय लेने और शिक्षण के लिये विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को एकीकृत करना है।
- इसके अतिरिक्त 2 जून को ही मुख्यमंत्री केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा आयोजित किये जाने वाले दो दिवसीय व्यावसायिक उन्नति कार्यक्रम का भी उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में उत्तराखंड की महिला वैज्ञानिकों और शोधकर्त्ताओं के कौशल और क्षमता को बढ़ाना है।