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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Jun 2022
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देश के सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ एक बार फिर अव्वल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी नये आँकड़ों के अनुसार देश के सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ एक बार फिर अव्वल रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • मई माह में छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी दर मात्र 0.7 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में देश में बेरोज़गारी दर 7.1 प्रतिशत थी। इससे पहले मार्च, अप्रैल 2022 में भी छत्तीसगढ़ की बेरोज़गारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी।
  • सीएमआई के नये आँकड़ों के मुताबिक देश के कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में मध्य प्रदेश 1.6 प्रतिशत, गुजरात 2.1 प्रतिशत, ओडिशा 2.6 प्रतिशत, उत्तराखंड 2.9 प्रतिशत, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश 3.1 प्रतिशत, महाराष्ट्र और मेघालय 4.1 प्रतिशत, कर्नाटक 4.3 प्रतिशत, आँध्र प्रदेश 4.4 प्रतिशत, पुदुच्चेरी 5.6 प्रतिशत, केरल 5.8 प्रतिशत शामिल है।
  • देश में सबसे अधिक बेरोज़गारी दर हरियाणा में 24.6 प्रतिशत, राजस्थान में 22.2 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 18.3 प्रतिशत, त्रिपुरा में 17.4 प्रतिशत, दिल्ली में 13.6 प्रतिशत, गोवा में 13.4 प्रतिशत, बिहार में 13.3 प्रतिशत, झारखंड में 13.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 9.6 प्रतिशत, तेलंगाना में 9.4 प्रतिशत, पंजाब में 9.2 प्रतिशत, असम में 8.2 प्रतिशत तथा सिक्किम में 7.5 प्रतिशत दर्ज़ की गई।
  • साढ़े तीन साल पहले छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली तथा रोज़गार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर शासन का सर्वाधिक ज़ोर रहा।
  • सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को ऋण तथा लंबित सिंचाई कर की माफी से इसकी शुरुआत की गई। इसके बाद राजीव गाँधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गाँव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गाँधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नई औद्योगिक नीति का निर्माण, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडिशन, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण दर में वृद्धि तथा 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछलीपालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर ज़िले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए।

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