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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Jun 2022
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बिहार में होगी जातीय जनगणना

चर्चा में क्यों?

1 जून, 2022 को जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बिहार में सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की गणना होगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना कराने का उद्देश्य लोगों को आगे बढ़ाना है ताकि राज्य का कोई भी व्यक्ति उपेक्षित न रहे।
  • मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना के लिये केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था, किंतु राष्ट्रीय स्तर पर इसके आयोजन से इनकार के बाद राज्यस्तर पर करने का निर्णय लिया गया है।
  • गौरतलब है कि 23 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मिलकर देश में जातीय जनगणना कराने का आग्रह किया था, साथ ही इससे पहले भी देश में जातीय जनगणना कराने के लिये बिहार विधानसभा से वर्ष 2019 तथा 2020 में दो बार प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।
  • उल्लेखनीय है कि जातीय जनगणना आखिरी बार वर्ष 1931 में की गई थी, हालाँकि वर्ष 2011 में सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना आयोजित की गई थी, किंतु केंद्र सरकार द्वारा इसके जातीय आंकड़ों को जारी नहीं किया गया था।

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