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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 May 2024
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झारखंड में भीषण गर्मी

चर्चा में क्यों?

पूर्वी सिंहभूम ज़िले के बहरागोड़ा में अधिकतम तापमान 47.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज होने के साथ झारखंड के कुछ हिस्सों में भीषण लू चल रही है।

मुख्य बिंदु:

  • मौसम विभाग ने झारखंड के 11 ज़िलों में भीषण गर्मी के लिये 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।
    • ये हैं- साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, देवघर, धनबाद, बोकारो, सरायकेला-खरसावाँ, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम।
  • राँची मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँचने का एक कारण खनन गतिविधियाँ और प्रदूषण भी हो सकता है।
हीटवेव/लू (Heat Waves)
  • परिचय:
    • हीटवेव अत्यधिक गर्म मौसम की दीर्घावधि है जो मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
    • भारत, एक उष्णकटिबंधीय देश होने के नाते, विशेष रूप से लू के प्रति संवेदनशील है, जो हाल के वर्षों में नियमित और तीव्र हो गया है।
  • भारत में लू की घोषणा के लिये IMD मानदंड:
    • जब तक किसी क्षेत्र का अधिकतम तापमान मैदानी क्षेत्रों के लिये कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों के लिये कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुँच जाता, तब तक हीटवेव/लू पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है।
    • यदि किसी स्टेशन का सामान्य अधिकतम तापमान 40°C से कम या उसके बराबर है, तो सामान्य तापमान से 5°C से 6°C की वृद्धि को हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
      • इसके अलावा, सामान्य तापमान से 7 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक की वृद्धि को गंभीर हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
    • यदि किसी स्टेशन का सामान्य अधिकतम तापमान 40°C से अधिक है, तो सामान्य तापमान से 4°C से 5°C की वृद्धि को हीट वेव की स्थिति माना जाता है। इसके अलावा, 6°C या इससे अधिक की वृद्धि को गंभीर हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
      • इसके अतिरिक्त, यदि सामान्य अधिकतम तापमान के बावजूद वास्तविक अधिकतम तापमान 45°C या अधिक रहता है, तो हीटवेव/लू घोषित की जाती है।


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