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उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन और विश्व बैंक के बीच हुआ समझौता
चर्चा में क्यों?
27 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ में आयोजित गन्ना किसानों के वृहद हित लाभ के लिये कार्यशाला में प्रदेश के शुगर मिल्स एसोसिएशन और विश्व बैंक के बीच ‘सूक्ष्म सिंचाई’ पर एक सामान्य दृष्टि और प्राथमिकताओं के अनुरूप दीर्घकालिक संबंध स्थापित करने के लिये समझौता हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- विश्व बैंक की ओर से अजित राधाकृष्णन और उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन की ओर से महासचिव दीपक गुप्तारा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- 2030 डब्ल्यूआरजी ने अपने पायलट प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश परियोजना के अंतर्गत ‘ड्रिप इरिगेशन’ के बारे में एक प्रस्तुति दी। कार्यशाला में मैसर्स गुजरात ग्रीन रेवोलुशन कंपनी (जीजीआरसी), अहमदाबाद ने भी उत्तर प्रदेश सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिये विकसित किये जा रहे ‘न्यू सिंगल विंडो डिलीवरी मॉडल’ को पेश किया और गुजरात के गन्ना किसानों के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा किया। किये गए कार्यों की समीक्षा से ज्ञात हुआ कि गुजरात राज्य में गन्ना किसान लगभग 30 प्रतिशत पानी की बचत करने में सफल रहे।
- विश्व बैंक अपने जल संसाधन समूह और यूपीएसएमए ‘यूपी प्रगति एग्री वाटर एक्सेलरेटर’ (यूपी प्रगति कृषि जल त्वरक कार्यक्रम) को लागू करने के लिये साथ मिलकर काम कर रहा है।
- यह परियोजना राज्य के गन्ना किसानों के समग्र लाभ के लिये स्थायी ‘सूक्ष्म सिंचाई मॉडल’ विकसित करने के लिये दो संगठनों की सामर्थ्य का समन्वय करती है। कार्यक्रम वर्तमान प्राथमिकता मानदंड के आधार पर राज्य के 38 से अधिक जनपदों में वृहद स्तर पर सहायता कार्यक्रम चलाने का इच्छुक है। इससे गन्ना किसानों की उत्पादन लागत में उल्लेखनीय कमी आने का अनुमान है।
- परियोजना मुख्य रूप से निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करेगी-
- गन्ने की खेती में जल कुशल आचरण को बढ़ावा देना।
- गन्ने की खेती के मशीनीकरण को बढ़ावा देना।
- लो कार्बन एर्गोनोमिक संचालन को बढ़ावा देकर चीनी संवर्धन श्रृंखला को डी-कार्बोनाइज करना।
- विदित है कि उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) उत्तर प्रदेश में निजी चीनी मिलों का एक प्रमुख संगठन है। यूपीएसएमए का मुख्य उद्देश्य सरकार की अनुकूल और विकासोन्मुख नीतियों के माध्यम से प्रदेश में निजी चीनी मिलों के कामकाज और हितों की रक्षा को सुनिश्चित करना है। यूपीएसएमए राज्य में गन्ना किसानों और उद्योग हित में 1938 से कार्यरत है।
- 2030 जल संसाधन समूह, विश्व बैंक समूह का एक सार्वजनिक, निजी, सिविल सोसाइटी मल्टी-डोनर ट्रस्ट फंड है। डब्ल्यूआरजी (WRG) सामूहिक निर्णय लेने और पानी से जुड़े सभी क्षेत्रों में मज़बूत सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले लीक से हटकर (आउट-ऑफ-द-बॉक्स) समाधानों को सह-डिजाइन करने में हितधारकों का समर्थन करता है।
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