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मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना
चर्चा में क्यों?
1 मई, 2023 को मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने भोपाल में राज्य मुक्त विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड द्वारा स्थापित प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान में राज्य स्तरीय आकलन केंद्र का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने कक्षा 5वीं से 12वीं तक के स्कूली विद्यार्थियों के लिये मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार की घोषणा कर योजना की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना अंतर्गत कक्षा 5वीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट नवाचारों के लिये प्रथम पुरस्कार स्वरूप 51 हज़ार रुपए, द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 31 हज़ार रुपए, तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21 हज़ार रुपए एवं सांत्वना पुरस्कार स्वरूप 11 हज़ार रुपए (प्रत्येक संभाग के लिये कुल दस पुरस्कार) दिये जाएंगे।
- इसके अतिरिक्त बच्चों के मेंटर (शिक्षक) को बच्चों के पुरस्कार की 20% राशि पुरस्कार स्वरूप अलग से दी जाएगी।
- नवाचार जमा करने संबंधी प्रक्रिया एवं आवश्यक जानकारी साझा करने के लिये ईएफए स्कूल को नोडल सेंटर बनाया गया है। छात्र अकेले अथवा समूह में अपने नवाचार जमा कर सकते हैं। नवाचार जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2023 है एवं इसका परिणाम 10 अगस्त 2023 को जारी किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि बच्चों में उनकी वैज्ञानिक सोच, कल्पना शक्ति एवं रचनात्मकता को व्यवहारिक रूप देने के लिये प्रदेश में पहली बार यह पुरस्कार योजना शुरू की जा रही है। यह योजना बच्चों के नवाचार को अवसर और मंच प्रदान करेगी।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बच्चों के समग्र मूल्यांकन की दृष्टि से प्रश्न-पत्र निर्धारण पद्धति को बेहतर बनाने के लिये राज्य स्तरीय आकलन केंद्र बनाया गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को प्रश्न-पत्र बनाने के लिये प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे शिक्षक बच्चों के लिये ऐसे प्रश्न-पत्र तैयार करें जिनसे बच्चों में शिक्षा को लेकर जिज्ञासा एवं उत्साह का भाव जागृत हो एवं उनका वास्तविक मूल्यांकन हो सके।
- परीक्षा के प्रश्न-पत्र 3 स्तर से गुज़रते हैं- मापन, आकलन एवं मूल्यांकन। इन तीनों विधाओं को सम्मिलित करते हुए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र की स्थापना में 68 लाख रुपए का अनावर्ती व्यय हुआ है।
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शासकीय चंद्रशेखर आज़ाद स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय सीहोर को मिला ए-ग्रेड
चर्चा में क्यों?
1 मई, 2023 के मध्य प्रदेश के सीहोर के शासकीय चंद्रशेखर आज़ाद स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय ने नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्) मूल्यांकन में 3.12 सीजीपीए के साथ आगामी 5 वर्षों के लिये ‘ए’ग्रेड प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि नेक द्वारा 7 बिंदुओं पर महाविद्यालयों का मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें शासकीय चंद्रशेखर आज़ाद महाविद्यालय को केरीकूलर एस्पेक्ट्स में 3.55, टीचिंग, लर्निग एंड इवेल्यूएशन में 3.03, रिसर्च इनोवेशंस एंड एक्सटेंशन में 1.86, इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निंग रिर्सोसेस में 3.4, स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन में 3.5, गवर्नेंस लीडरशिप एंड मेनेजमेंट में 2.89 तथा इंस्टीट्यूशनल वेल्यूस एंड बेस्ट प्रेक्टिसेस में 3.8 औसत ग्रेड प्वाइंट प्राप्त हुए हैं।
- विदित है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) संस्था की ‘गुणवत्ता स्थिति’ की समझ प्राप्त करने के लिये उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) जैसे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों या अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों का मूल्यांकन और प्रत्यायन आयोजित करती है।
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मध्य प्रदेश निपुण प्रोफेशनल्स कार्यक्रम का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
1 मई, 2023 को प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी ने मंत्रालय में एक समारोह में मिशन अंकुर के अगले चरण में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा ‘मध्य प्रदेश निपुण प्रोफेशनल्स’ कार्यक्रम प्रारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- यह कार्यक्रम टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS), मुंबई के सहयोग से संचालित होगा। इसमें आगामी 2 वर्षों हेतु प्रत्येक ज़िले में एक सुशिक्षित और उच्घ्च कौशल से परिपूर्ण योग्य युवा फैलो की तैनाती की जाएगी।
- व्यावसायिक रूप से दक्ष इन युवाओं द्वारा स्थानीय ज़िला प्रशासन को मिशन अंकुर के क्रियान्वयन हेतु सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसमें डाटा आधारित रणनीति निर्माण, आवश्यकतानुसार क्षमतावर्धन एवं मिशन से जुड़ी नियमित प्रगति सुनिश्चित करना शामिल हैं।
- TISS के विशेषज्ञों द्वारा चयनित युवाओं के लिये एक स्पेशल कोर्स भी विकसित किया जा रहा है, जिससे इन युवाओं के कौशल विकास को बढ़ाया जाएगा।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश निपुण प्रोफेशनल प्रोग्राम देश के युवाओं के लिये भारत के सबसे बड़े राज्य में से एक, मध्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु संचालित प्रयासों से जुड़ने का एक अनूठा अवसर है। इसमें चयनित युवा ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर फील्ड पर सिस्टम्स ट्रांसफॉर्मेशन में काम करेंगे और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसिस (TISS) जैसे प्रतिष्ठित इंस्टिट्यूट द्वारा विकसित किये गए व्यावसायिक उन्नयन (professional development) प्रोग्राम से अपने कौशल को और उभारेंगे।
- इस प्रोग्राम का हिस्सा बनकर युवा मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 3 में पढ़ रहे लगभग 23 लाख छात्रों के लिये अर्थपूर्ण शिक्षा की नींव बनाने में भागीदार बन सकते हैं।
- इस प्रोग्राम के द्वारा राज्य सरकार जोश से भरपूर युवा प्रतिभा के माध्यम से मिशन अंकुर के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति में तेजी लाना चाहती है।
- विदित है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में वर्ष 2026-27 तक कक्षा 3 तक के सभी बच्चों के लिये बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) हासिल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘निपुण भारत मिशन’(National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy) कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
- इसी संदर्भ में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2026-27 तक निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये वर्ष 2021 में मिशन अंकुर कार्यक्रम शुभारंभ किया गया।
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