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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Mar 2023
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सतपुड़ा नेशनल पार्क बना बेस्ट वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सतपुड़ा नेशनल पार्क को बेस्ट वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन श्रेणी में इंडिया टुडे का एडिटर्स चॉइस अवार्ड मिला है।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार केंद्रीय संस्कृति और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नई दिल्ली में इंडिया टुडे टूरिज्म समिट एंड अवार्ड समारोह यह अवार्ड प्रदान किया। मध्य प्रदेश की ओर से फील्ड डायरेक्टर एल. कृष्णमूर्ति और सहायक प्रबंधक टूरिज्म बोर्ड डॉ. नीलम रावत ने अवार्ड प्राप्त किया।
  • यह अवार्ड सतपुड़ा नेशनल पार्क में पर्यटकों को और अधिक सुविधाएँ विकसित करने के लिये प्रेरणा का कार्य करेगा।
  • गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले में स्थित सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान को सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के नाम से भी जाना जाता है। बाघ संरक्षण केंद्र के रूप में प्रसिद्ध यह क्षेत्र वन्य-जीव एवं वनस्पति विविधता से भी समृद्ध है।
  • बाघ के अलावा यहाँ तेंदुए, भारतीय बायसन, भारतीय विशाल गिलहरी, सांभर, चीतल, हिरण, नीलगाय, लंगूर, भालू, जंगली सूअर सहित विभिन्न वन्य-जीव पाए जाते हैं।
  • उद्यान में ऐतिहासिक एवं पुरातात्त्विक महत्त्व की 300 से अधिक गुफाएँ हैं। भोपाल से 210 किमी., जबलपुर से 240 किमी., नागपुर से 250 किमी. और छिंदवाड़ा से 85 किमी. सड़क मार्ग से अभयारण्य तक पहुँचना आसान है।
  • अभयारण्य से 52 किमी. की दूरी पर पिपरिया निकटतम रेलवे स्टेशन और इटारसी निकटतम रेल जंक्शन है। पचमढ़ी निकटतम बस स्टैंड और अभयारण्य का प्रवेश द्वार भी है।


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मध्य प्रदेश बजट 2023-24

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मध्य पदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्य प्रदेश विधान सभा में वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया।

प्रमुख बिंदु

  • भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने हेतु राज्य द्वारा पूजीगत व्यय को बढ़ावा देने हेतु कुल बजट का लगभग 20 प्रतिशत प्रावधान रखा गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत है।
  • आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश- बजट- 2023-24 को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को दृष्टिगत रखते हुए बजट में विभिन्न योजनाएँ मिशन मोड में तैयार की गई हैं।
  • जनता का बजट- बजट तैयार करने हेतु जनता के सुझाव प्राप्त कर बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है।
  • वर्ष 2023-24 का बजट प्रथम बार ई-बजट के रूप में प्रस्तुत किया गया।
    • कुल विनियोग की राशि 3,14,024,84 करोड़ रुपए, जो विगत वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। कुल शुद्ध व्यय 81.553.62 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • राजस्व आधिक्य 76 करोड़ रुपए।
    • सकल राज्य घरेलू उत्पाद से राजकोषीय घाटे का 02% अनुमानित।
    • अनुमानित राजस्व प्रातियाँ 2,25,709.90 करोड़ रुपए है, जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 499.98 करोड़ रुपए केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 80,183.67 करोड़ रुपए, करेत्तर राजस्व 14,913.10 करोड़ रुपए एवं केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 44,113.15 करोड़ रुपए शामिल।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य स्वयं के कर राजस्व में 11% की वृद्धि अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-22 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राजस्व व्यय में 11% की वृद्धि अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में पूंजीगत परिव्यय में लगभग 15% की वृद्धि अनुमानित।
    • अनुमानित वर्ष 2023-24 में पूंजीगत परिव्यय राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4% अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 03%।
    • वर्ष 2023-24 में व्याज भुगतान कुल राजस्व प्राप्तियों का 10%।
  • बजट के कुछ प्रमुख बिंदु
    • अनुसूचित जनजाति (सब-स्कीम) हेतु 36,950.16 करोड़ रुपए।
    • अनुसूचित जाति (सब-स्कीम) हेतु 260, 86.81 करोड़ रुपए।
    • सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 11406 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु 8000 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना हेतु 8000 करोड़ रुपए।
    • जल जीवन मिशन नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर मिशन हेतु 7332 करोड़ रुपए।
    • 15वें वित्त आयोग के अनुसार अपेक्षित सुधार करने पर सहायता हेतु 6935 करोड़ रुपए।
    • माध्यमिक शालाओं हेतु 6728 करोड़ रुपए।
    • अटल कृषि ज्योति योजना हेतु 5520 करोड़ रुपए।
    • म.प्र.वि.म. द्वारा 5 एच.पी. के कृषि पंपों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति में 4775 करोड़ रुपए।
    • शासकीय हाई/हायर सेकेंडरी शालाएँ हेतु 4641 करोड़ रुपए।
    • 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान हेतु 4176 करोड़ रुपए।
    • समग्र शिक्षा अभियान हेतु 4039 करोड़ रुपए।
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम/एनआरएचएम) हेतु 3996 करोड़ रुपए।
    • रीवैम्प्ड डिस्ट्रीव्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) हेतु 3526 करोड़ रुपए।
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना हेतु 3500 करोड़ रुपए।
    • अटल गृह ज्योति योजना हेतु 3500 करोड़ रुपए।
    • सी. एम. राइज हेतु 3230 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु 3230 करोड़ रुपए।
    • हाउसिंग फॉर आल हेतु 2800 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु 2001 करोड़ रुपए।
    • सामाजिक सुरक्षा और कल्याण हेतु 1916 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 1826 करोड़ रुपए।
    • सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं का सौर उर्जीकरण हेतु 1356 करोड़ रुपए।
    • न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम विशेष पोषण आहार योजना हेतु 1272 करोड़ रुपए।
    • निवेश प्रोत्साहन योजना हेतु 1250 करोड़ रुपए।
    • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन हेतु 1144 करोड़ रुपए।
    • आपदा प्रबंधन योजनाओं को बनाए जाने हेतु 1131 करोड़ रुपए।
    • ग्रामीण सड़कों एवं अन्य ज़िला मार्गों का निर्माण/उन्नयन हेतु 1020 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए।

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