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स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Mar 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

सबसे ज्यादा समय तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने वाले बने योगी आदित्यनाथ

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार सबसे ज्यादा समय तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने का नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। योगी आदित्यनाथ ने कार्यालय में 5 साल और 347 दिन पूरे किये और कॉन्ग्रेस के डॉ. संपूर्णानंद को पीछे छोड़ दिया, जो 1954 से 1960 तक 5 साल और 345 दिनों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि योगी आदित्यनाथ ने पहली बार 19 मार्च, 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इसके बाद दूसरी बार उन्होंने 25 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके पहले वे गोरखपुर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे।
  • सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार 5 साल 4 दिन तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। बसपा प्रमुख मायावती लगातार 4 साल 307 दिन उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं। मायावती चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी हैं। मुलायम सिंह यादव लगातार 3 साल 257 दिन तक मुख्यमंत्री रहे थे।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में ऐसे नेताओं में से हैं जिनके नेतृत्व में किसी एक पार्टी ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से बीजेपी की लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार सत्ता में आई और वे दोबारा मुख्यमंत्री बने।
  • योगी आदित्यनाथ बीजेपी के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो लगातार पाँच साल तक उत्तर प्रदेश की सत्ता सँभाल चुके हैं। इसके पहले कोई भी बीजेपी नेता लगातार पाँच साल तक उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं रहा है। योगी आदित्यनाथ के अलावा गोविंद बल्लभ पंत, मायावती और अखिलेश यादव ही लगातार पाँच साल तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। दूसरा कोई नेता पाँच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया था।
  • कॉन्ग्रेस के नारायण दत्त तिवारी के बाद योगी आदित्यनाथ दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनके नेतृत्व में किसी एक पार्टी ने प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनाई है। 37 साल पहले नारायण दत्त तिवारी ने दोबारा अपनी सरकार बनाई थी।

बिहार Switch to English

बिहार की बबीता गुप्ता का ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान-2023’ के लिये चयन

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा बिहार की बबीता गुप्ता को ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023’ के लिये चयनित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की ओर से आगामी चार मार्च को विज्ञान भवन, नयी दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्वारा उन्हें ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023’ से सम्मानित किया जाएगा।
  • केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान के तहत चार मार्च से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाया जाएगा।
  • विदित है कि प्लास्टिक कचरे से सजावटी सामग्री बनाकर खुद की जीविका चलाने के साथ दूसरी महिलाओं को भी राह दिखा रहीं मुजफ्फरपुर की सीहो गाँव निवासी बबीता गुप्ता स्वयं सहायता समूह (जीविका) की सदस्य हैं और स्वच्छता तथा पेयजल के विभिन्न श्रेणियों के लिये हुई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में उनका चयन किया गया है।
  • पति की दिव्यांगता के बाद वह जीविका की सदस्य बनीं और प्लास्टिक कचरे से उपयोगी वस्तु बनाने का हुनर जाना। इससे वह खुद स्वावलंबी बन चुकी हैं। अब वह गाँव की महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। उनकी इस पहल से 24 से अधिक महिलाएँ आत्मनिर्भर हो चुकी हैं।

राजस्थान Switch to English

खाद्य पदार्थों की जाँच के लिये प्रदेश में जल्द खुलेगी रैफरल लैब

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में आश्वस्त किया कि खाद्य पदार्थों की जाँच के लिये राज्य में शीघ्र ही रैफरल लैब स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राज्य खाद्य जाँच प्रयोगशाला एवं रैफरल लैब द्वारा खाद्य नमूनों की जाँच के लिये अलग-अलग पैरामीटर हैं। राज्य सरकार की ओर से देश भर में एक ही पैरामीटर निश्चित करने के लिये भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है।
  • मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि राज्य प्रयोगशाला में खाद्य नमूनों की जाँच में अनसेफ आए नमूनों की जाँच रैफरल से कराई जा सकती है। वर्तमान में मुंबई, पुणे तथा मैसूर में रैफरल लैब स्थापित हैं।
  • उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में सेफ तथा अनसेफ के पैरामीटर अलग-अलग हैं। राज्य प्रयोगशाला में अनसेफ 1202 नमूने रैफरल में भेजे गए थे, जहाँ उनमें से केवल 154 ही अनसेफ पाए गए। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में भी रैफरल लैब की शीघ्र स्थापना का आश्वासन दिया गया है।
  • इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने विधायक सूर्यकांता व्यास के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट की जाँच के लिये सरकारी प्रयोगशालाएँ स्थापित हैं। उन्होंने सरकारी प्रयोगशालाओं में गत चार वर्षों में लिये नमूनों तथा उनसे प्राप्त रिपोर्टों का वर्षवार एवं ज़िलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने उक्त रिपोर्ट से राज्य की खाद्य प्रयोगशालाओं द्वारा अनसेफ घोषित नमूनों से रेफरल लैब में भेजे जाने पर प्राप्त रेफरल से निर्णयों, अमानक एवं मानक माने गए नमूनों की वर्षवार एवं ज़िलेवार सूचना भी सदन के पटल पर रखी।
  • परसादी लाल मीणा ने कहा कि खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा-46(4) में खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट के विरूद्ध अपील संबंधित अभिहित पदाधिकारी को किये जाने के प्रावधान है। इन प्रावधानों के तहत संबंधित अभिहित अधिकारी द्वारा अपील किये जाने पर नमूनों की जाँच अभिहित अधिकारी द्वारा रेफरल प्रयोगशाला से करवाई जा सकती है। एफएसएसएआई द्वारा राज्य के लिये मैसूर, पूणे एवं नवी मुंबई तीन रैफरल लैब नियत की गई हैं।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश की प्रयोगशाला व रैफरल प्रयोगशाला के नतीजो में भिन्नता का मुख्य कारण अलग-अलग पैरामीटर्स पर जाँच करना है एवं नमूनों की जाँच के उपरांत प्राप्त जाँच परिणामों के लिये जाँचकर्त्ता अधिकारी द्वारा अपनी राय देने के लिये प्राप्त परिणामों की व्याख्या भिन्न-भिन्न किया जाना भी एक कारण है।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में रैफरल लैब की स्थापना हेतु एफएसएसएआई नई दिल्ली को वर्क प्लान 2023-24 में एमओयू के अंतर्गत प्रस्ताव प्रेषित किये गए हैं।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक विकास के लिये 35 प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल का अनुमोदन

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में आर्थिक, सामाजिक विकास, उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने, राज्य कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने, औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और संगठित अपराधों को नियंत्रित करने सहित 35 विभिन्न महत्त्वपूर्ण प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिमंडल की बैठक में ‘दी राजस्थान कंट्रोल ऑफ आर्गनाइज्ड क्राइम बिल-2023’ का अनुमोदन किया गया।
    • इसमें जिसके विरुद्ध पिछले दस सालों में न्यायालय में एक से अधिक आरोप पत्र पेश किया गया हो एवं न्यायालय ने उस पर प्रसंज्ञान लिया हो, साथ ही जिसने संगठित अपराध गिरोह के सदस्य के रूप में कोई अपराध, जो संज्ञेय व तीन साल या अधिक अवधि के लिये दंडनीय हो, उस व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।
    • संगठित अपराध गिरोह में दो या दो से अधिक व्यक्तियों का गिरोह, जिसके द्वारा संगठित रूप से अपराध कारित किया जाता है पर कार्रवाई की जाएगी।
    • इसमें पीड़ित की मृत्यु होने पर अपराधी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास एवं न्यूनतम एक लाख रुपए का अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। साथ ही आपराधिक षड़यंत्र, गिरोह के सदस्यों को शरण देने के लिये न्यूनतम पाँच साल का कारावास जो अधिकतम आजीवन कारावास हो सकेगा। साथ ही न्यूनतम पाँच लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
    • वहीं, संगठित अपराध से संपत्ति अर्जित करने पर न्यूनतम तीन साल का कारावास जो अधिकतम आजीवान कारावास हो सकेगा, का प्रावधान किया गया है। साथ ही लोक सेवक जिसने संगठित अपराध में सहयोग किया है, उसे अधिकतम तीन साल का कारावास और अर्थदंड देने का प्रावधान है।
  • मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित अन्य महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव-
    • मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट को जोधपुर में स्थापित करने से संबंधित विधेयक का अनुमोदन किया है। इंस्टीट्यूट डीम्ड पब्लिक यूनिवर्सिटी की तरह कार्य करेगा। इसमें डिजिटल एवं वित्तीय प्रौद्योगिकी डोमेन में प्रमाण पत्र कोर्सेज तथा डिप्लोमा कोर्सेज की सुविधा उपलब्ध होगी।
    • मंत्रिमंडल ने राजस्थान राज्य वन नीति को स्वीकृति देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस निर्णय से राज्य में वनों के सुव्यवस्थित विकास, प्रबंधन में सुविधा होगी एवं इससे राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा तथा रोज़गार के अनेक अवसर उत्पन्न होंगे।
    • मंत्रिमंडल ने राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के अतिरिक्त दोहन को रोकने तथा उनका सतत् रूप में उपयोग करने के उद्देश्य से जलवायु परिवर्तन नीति का अनुमोदन किया।
    • मंत्रिमंडल ने राज्य में ई-वेस्ट को कम करने, उसके पुन: उपयोग तथा री-साईकिल करने और ई-वेस्ट से पर्यावरण को पहुँच रही क्षति को कम करने के उद्देश्य से ‘ई-वेस्ट प्रबंधन नीति’ का अनुमोदन किया है।
    • मंत्रिमंडल ने 1 जून, 2002 एवं इसके पश्चात् 2 से अधिक संतानों वाली विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को राज्य सरकार में नियुक्ति दिये जाने हेतु विविध सेवा नियमों में संशोधन को स्वीकृति दी है। साथ ही, 1 जून, 2002 या उसके पश्चात् 2 से अधिक संतान वाले कार्मिकों के पदोन्नति के संबंध में विविध सेवा नियमों में संशोधन किया गया है।
    • मंत्रिमंडल ने राजस्थान पशुपालन अधीनस्थ सेवा नियम, 1977 में संशोधन कर जलधारी/सफाईकर्त्ता/गड़रिया के पदों की शैक्षणिक योग्यता तथा पदनाम परिवर्तन किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इस निर्णय से जलधारी/सफाईकर्त्ता/गड़रिया के पदों को मर्ज कर इनका नवीन पदनाम ‘पशु परिचारक’(एनिमल अटेंडेंट) हो सकेगा।
    • मंत्रिमंडल ने राजस्थान मत्स्य राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 2012 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इससे मत्स्य अधीनस्थ सेवा के कार्य क्षेत्र में नहीं आने वाले पदों की भर्ती अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लिखित परीक्षा के माध्यम से करवाई जा सकेगी।
    • मंत्रिमंडल ने महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एंड सोशल साइंसेज विधेयक, 2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया। इसके पारित होने पर जयपुर ज़िला मुख्यालय पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज संबंधी उच्च अधिगम (हायर लर्निंग) के क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्तरीय नवीन संस्थान की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
    • मंत्रिमंडल ने जोधपुर में सिटी इनोवशन कलस्टर के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑफ थिंग्स इनोवशन हब (एआईओटी) स्थापित करने के लिये सेक्शन-8 कंपनी बनाने का अनुमोदन किया। इस निर्णय से प्रदेश के युवा, स्टार्टअप्स और उद्यमियों को फायदा मिलेगा और रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
    • मंत्रिमंडल ने नगर पालिका सदस्य के विरूद्ध निर्वाचन से पूर्व की निर्हताओं के लिये कार्रवाई करने हेतु राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 39 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस निर्णय से राज्य सरकार को ऐसे नगर पालिका सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त हो सकेगा।
    • मंत्रिमंडल ने जे.के. सीमेंट लिमिटेड को ग्राम-पारेवर, ज़िला-जैसलमेर में सीमेंट प्लांट की स्थापना हेतु 210 हैक्टेयर भूमि को आवंटित करने का निर्णय किया है। इस परियोजना में लगभग 5000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। परियोजना के स्थापित होने से 1000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष तथा 5000 व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा।
    • मंत्रिमंडल ने बाड़मेर ज़िले के ग्राम गुड़ामालानी में भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान स्टेशन की स्थापना हेतु भूमि आवंटन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
    • मंत्रिमंडल ने ग्राम नावाँ, ज़िला-नागौर में सरकारी भूमि पर ब्राडगेज डेडिकेटेड रेल लाइन के निर्माण का निर्णय लिया। इस डेडिकेटेड रेललाइन पर देश एवं विदेश में बनने वाले मध्य चल स्टॉक एवं आधारभूमि कंपोनेट टेस्टिंग व ट्रायल हो सकेंगे।
    • मंत्रिमंडल ने जय मीनेष आदिवासी विश्वविद्यालय, रानपुर (कोटा) विधेयक, 2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया। इस विधेयक के पारित होने पर निजी क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
    • कैबिनेट बैठक में पूर्व बजट घोषणाओं की अनुपालना में ग्रेटर भिवाड़ी इंडस्ट्रीयल टाउनशिप क्षेत्र एवं मारवाड़ इंडस्ट्रीयल क्लस्टर नियोजन एवं इनके क्षेत्राधिकार को विस्तृत करके आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का विकास करने का निर्णय लिया गया है।
    • कैबिनेट बैठक में व्यावसायिक भवनों में ऊर्जा बचाने हेतु ऊर्जा दक्ष भवनों के निर्माण के लिये राजस्थान ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता व राजस्थान ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता नियम-2023 का अनुमोदन किया गया। इससे भवन क्षेत्र में ऊर्जा की खपत में कमी आएगी। साथ ही, कार्बन-डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आने से वातावरण को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।
    • कैबिनेट बैठक में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल सोसायटी तथा राजमेस के द्वारा संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस एवं महिला विद्यार्थियों की तर्ज पर एमबीसी और ओबीसी वर्ग के नॉन क्रिमिलयर अभ्यर्थियों की सरकारी सीटों पर ट्यूशन फीस माफ करने का निर्णय लिया गया है।
    • मंत्रिमंडल ने प्रोटेक्शन ऑफ एनिमल्स एंड वेलफेयर सोसायटी को बेघर डॉग्स के शेल्टर हाउस के लिये भूमि आवंटन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। यह भूमि जयपुर विकास प्राधिकरण की आवासीय योजना रामचंद्रपुरा में 1000 वर्गमीटर का नवसृजित भूखंड है।

मध्य प्रदेश Switch to English

सतपुड़ा नेशनल पार्क बना बेस्ट वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सतपुड़ा नेशनल पार्क को बेस्ट वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन श्रेणी में इंडिया टुडे का एडिटर्स चॉइस अवार्ड मिला है।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार केंद्रीय संस्कृति और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नई दिल्ली में इंडिया टुडे टूरिज्म समिट एंड अवार्ड समारोह यह अवार्ड प्रदान किया। मध्य प्रदेश की ओर से फील्ड डायरेक्टर एल. कृष्णमूर्ति और सहायक प्रबंधक टूरिज्म बोर्ड डॉ. नीलम रावत ने अवार्ड प्राप्त किया।
  • यह अवार्ड सतपुड़ा नेशनल पार्क में पर्यटकों को और अधिक सुविधाएँ विकसित करने के लिये प्रेरणा का कार्य करेगा।
  • गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले में स्थित सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान को सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के नाम से भी जाना जाता है। बाघ संरक्षण केंद्र के रूप में प्रसिद्ध यह क्षेत्र वन्य-जीव एवं वनस्पति विविधता से भी समृद्ध है।
  • बाघ के अलावा यहाँ तेंदुए, भारतीय बायसन, भारतीय विशाल गिलहरी, सांभर, चीतल, हिरण, नीलगाय, लंगूर, भालू, जंगली सूअर सहित विभिन्न वन्य-जीव पाए जाते हैं।
  • उद्यान में ऐतिहासिक एवं पुरातात्त्विक महत्त्व की 300 से अधिक गुफाएँ हैं। भोपाल से 210 किमी., जबलपुर से 240 किमी., नागपुर से 250 किमी. और छिंदवाड़ा से 85 किमी. सड़क मार्ग से अभयारण्य तक पहुँचना आसान है।
  • अभयारण्य से 52 किमी. की दूरी पर पिपरिया निकटतम रेलवे स्टेशन और इटारसी निकटतम रेल जंक्शन है। पचमढ़ी निकटतम बस स्टैंड और अभयारण्य का प्रवेश द्वार भी है।


मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश बजट 2023-24

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मध्य पदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्य प्रदेश विधान सभा में वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया।

प्रमुख बिंदु

  • भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने हेतु राज्य द्वारा पूजीगत व्यय को बढ़ावा देने हेतु कुल बजट का लगभग 20 प्रतिशत प्रावधान रखा गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत है।
  • आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश- बजट- 2023-24 को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को दृष्टिगत रखते हुए बजट में विभिन्न योजनाएँ मिशन मोड में तैयार की गई हैं।
  • जनता का बजट- बजट तैयार करने हेतु जनता के सुझाव प्राप्त कर बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है।
  • वर्ष 2023-24 का बजट प्रथम बार ई-बजट के रूप में प्रस्तुत किया गया।
    • कुल विनियोग की राशि 3,14,024,84 करोड़ रुपए, जो विगत वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। कुल शुद्ध व्यय 81.553.62 करोड़ रुपए का प्रावधान।
    • राजस्व आधिक्य 76 करोड़ रुपए।
    • सकल राज्य घरेलू उत्पाद से राजकोषीय घाटे का 02% अनुमानित।
    • अनुमानित राजस्व प्रातियाँ 2,25,709.90 करोड़ रुपए है, जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 499.98 करोड़ रुपए केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 80,183.67 करोड़ रुपए, करेत्तर राजस्व 14,913.10 करोड़ रुपए एवं केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 44,113.15 करोड़ रुपए शामिल।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य स्वयं के कर राजस्व में 11% की वृद्धि अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-22 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राजस्व व्यय में 11% की वृद्धि अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में पूंजीगत परिव्यय में लगभग 15% की वृद्धि अनुमानित।
    • अनुमानित वर्ष 2023-24 में पूंजीगत परिव्यय राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4% अनुमानित।
    • वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 03%।
    • वर्ष 2023-24 में व्याज भुगतान कुल राजस्व प्राप्तियों का 10%।
  • बजट के कुछ प्रमुख बिंदु
    • अनुसूचित जनजाति (सब-स्कीम) हेतु 36,950.16 करोड़ रुपए।
    • अनुसूचित जाति (सब-स्कीम) हेतु 260, 86.81 करोड़ रुपए।
    • सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 11406 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु 8000 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना हेतु 8000 करोड़ रुपए।
    • जल जीवन मिशन नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर मिशन हेतु 7332 करोड़ रुपए।
    • 15वें वित्त आयोग के अनुसार अपेक्षित सुधार करने पर सहायता हेतु 6935 करोड़ रुपए।
    • माध्यमिक शालाओं हेतु 6728 करोड़ रुपए।
    • अटल कृषि ज्योति योजना हेतु 5520 करोड़ रुपए।
    • म.प्र.वि.म. द्वारा 5 एच.पी. के कृषि पंपों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति में 4775 करोड़ रुपए।
    • शासकीय हाई/हायर सेकेंडरी शालाएँ हेतु 4641 करोड़ रुपए।
    • 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान हेतु 4176 करोड़ रुपए।
    • समग्र शिक्षा अभियान हेतु 4039 करोड़ रुपए।
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम/एनआरएचएम) हेतु 3996 करोड़ रुपए।
    • रीवैम्प्ड डिस्ट्रीव्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) हेतु 3526 करोड़ रुपए।
    • राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना हेतु 3500 करोड़ रुपए।
    • अटल गृह ज्योति योजना हेतु 3500 करोड़ रुपए।
    • सी. एम. राइज हेतु 3230 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु 3230 करोड़ रुपए।
    • हाउसिंग फॉर आल हेतु 2800 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु 2001 करोड़ रुपए।
    • सामाजिक सुरक्षा और कल्याण हेतु 1916 करोड़ रुपए।
    • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 1826 करोड़ रुपए।
    • सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं का सौर उर्जीकरण हेतु 1356 करोड़ रुपए।
    • न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम विशेष पोषण आहार योजना हेतु 1272 करोड़ रुपए।
    • निवेश प्रोत्साहन योजना हेतु 1250 करोड़ रुपए।
    • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन हेतु 1144 करोड़ रुपए।
    • आपदा प्रबंधन योजनाओं को बनाए जाने हेतु 1131 करोड़ रुपए।
    • ग्रामीण सड़कों एवं अन्य ज़िला मार्गों का निर्माण/उन्नयन हेतु 1020 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए।
    • मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए।

उत्तराखंड Switch to English

अप्रैल से शुरू होगी उत्तराखंड की पहली हेली एंबुलेंस सेवा

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हेली एबुलेंस के संचालन के लिये एक कंपनी से अनुबंध किया है। केंद्र और प्रदेश सरकार साझा रूप से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी।
  • केंद्र और उत्तराखंड सरकार 50-50 फीसदी की साझेधारी में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। अनुबंधित कंपनी एक महीने में 45 घायलों और मरीजों को निशुल्क हेली एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। हेली एंबुलेंस पूरे उत्तराखंड के साथ उत्तर प्रदेश के 100 किमी. के दायरे में सेवा मुहैया कराएगी।
  • अनुबंधित कंपनी एम्स को सिंगल इंजन वाला एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराएगी। इसमें चिकित्सा संसाधन भी कंपनी लगाएगी। एम्स प्रशासन हेली एंबुलेंस के संचालन के लिये मेडिकल मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तैयार कर रहा है। हेली एंबुलेंस का पहले ट्रायल रन होगा। एम्स प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद सेवा शुरू हो जाएगी।
  • हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होने से चारधाम यात्रियों को भी इसका लाभ मिलेगा। अब तक दुर्घटनाग्रस्त और गंभीर बीमार यात्रियों को एयर लिफ्ट कर एम्स लाया जाता था। लेकिन, अब हेली एंबुलेंस इन्हें एम्स पहुँचाएगी।
  • ऋषिकेश एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि हेली एंबुलेंस सेवा से पर्वतीय और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के गंभीर घायलों और मरीजों को समय पर उपचार मिल पाएगा। प्रोजेक्ट की सफलता से देश के अन्य राज्यों में भी हेली एंबुलेंस सेवा का रास्ता खुलेगा।

उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश की दो महिला सरपंचों का स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान-2023 के लिये चयन

चर्चा में क्यों?

1 मार्च, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जनपद बागेश्वर से सरपंच कविता देवी व देहरादून से सरपंच निकिता चौहान को अपने-अपने गाँवों को ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) प्लस मॉडल बनाने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य और असाधारण योगदान देने के लिये स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023 के लिये चयनित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की ओर से आगामी चार मार्च को विज्ञान भवन, नयी दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्वारा उन्हें ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023’ से सम्मानित किया जाएगा।
  • केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान के तहत चार मार्च से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनो महिला सरपंचों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य की महिला सरपंचों को यह सम्मान मिलना प्रदेशवासियों विशेषकर यहाँ की महिलाओं के लिये गौरव का विषय है।
  • यह सम्मान उत्तराखंड में जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व के असाधारण योगदान का सम्मान है। यह सम्मान उन सभी लोगों को प्रेरित करेगा जो अपने गाँवों को स्वच्छ बनाने और गाँवों में जल संरक्षण के लिये कार्य कर रहे हैं। गाँवों को स्वच्छ बनाने, ओडीएफ प्लस मॉडल गाँवों के निर्माण, हर घर जल मिशन व जल संरक्षण में ग्राम प्रधानों एवं सरपंचों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
  • उत्तराखंड में महिला ग्राम प्रधान, महिला सरपंच, महिला स्वच्छाग्रही, महिला स्वयं सहायता समूह, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता बहनें धरातल स्तर पर अपनी प्रभावी नेतृत्व क्षमता और कुशल प्रबंधन के माध्यम से राज्य के विकास में असाधारण योगदान दे रही हैं। 

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