हरियाणा ने 264 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया | हरियाणा | 02 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 17 ज़िलों में फैली 264 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया।
मुख्य बिंदु:
- नियमित की गई 91 कॉलोनियाँ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधीन हैं, जबकि 173 कॉलोनियाँ शहरी स्थानीय विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं।
- सीएम के अनुसार, राज्य सरकार ने व्यापक शहरी विकास और सामुदायिक कल्याण की दिशा में एक कदम उठाते हुए अब तक 2,101 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया है।
- नियमितीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में इन कॉलोनियों में निवासियों को सड़क, सीवरेज, जल की आपूर्ति और स्ट्रीट लाइट आदि सहित बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
- इन कॉलोनियों के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिये सरकार ने कॉलोनियों के अंदर विकासात्मक गतिविधियों को शुरू करने के लिये 54 करोड़ रुपए के प्रारंभिक वितरण के साथ 438 करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंज़ूरी दी है।
मिशन कर्मयोगी हरियाणा | हरियाणा | 02 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा सरकार ने 'मिशन कर्मयोगी हरियाणा' शुरू किया है, जो एक अग्रणी पहल है जिसका उद्देश्य सभी तीन लाख सरकारी कर्मचारियों को उनकी भूमिकाओं में अधिक नागरिक-केंद्रितता और नैतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु प्रशिक्षित करना है।
मुख्य बिंदु:
- इस महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, एथिक्स कॉन्क्लेव ('नैतिकता शिविर') क्रमशः 31 जनवरी और 06 फरवरी को करनाल व पंचकुला में आयोजित किये जाएंगे।
- कर्मयोगी हरियाणा परियोजना के लिये एक विशेष मंच के रूप में डिज़ाइन किये गए ये सत्र राज्य सरकार के सभी IAS/IPS/IFS/अन्य सेवाओं/HCS अधिकारियों को लक्षित करते हैं।
- नैतिकता शिविर कार्यस्थल नैतिकता, अखंडता एवं चुनौतियों, प्रलोभनों और प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने सही निर्णय लेने की संस्कृति विकसित करने के महत्त्व पर ज़ोर देंगे। अंतर्दृष्टि साझा करने और व्यावहारिक उदाहरण प्रदर्शित करने के लिये प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों तथा विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।
- कर्मयोगी मॉड्यूल का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया जाएगा, जो प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम का विहंगम दृश्य प्रदान करेगा।
मिशन कर्मयोगी
- इसका उद्देश्य राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के रूप में पूर्व-भर्ती परिवर्तनों के समान केंद्र में मानव संसाधन विकास का एक व्यापक भर्ती-पश्चात सुधार करना है।
- इसका उद्देश्य नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य के लिये तैयार सिविल सेवा का निर्माण करना है।
- इसका उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, तर्कसाध्य, कल्पनाशील, सक्रिय, नवीन, प्रगतिशील, पेशेवर, ऊर्जावान, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिये तैयार करना है।
- कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण के लिये व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया स्तरों पर क्षमता निर्माण तंत्र का व्यापक सुधार।