उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश का चौथा कार्यवाहक DGP
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार को कार्यवाहक राज्य पुलिस प्रमुख नियुक्त किया।
मुख्य बिंदु:
- प्रशांत कुमार वर्ष 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी हैं, जिनके पास कानून एवं व्यवस्था और मेरठ ज़ोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सहित विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर तीन दशकों से अधिक का अनुभव है।
- वह DG (कानून व्यवस्था) और DG (आर्थिक अपराध शाखा) का पद भी संभालेंगे। यदि किसी कारण से राज्य सरकार द्वारा उन्हें हटाया नहीं जाता है, तो उनके मई 2025 में अपनी सेवानिवृत्ति तक कार्यवाहक DGP के रूप में बने रहने की संभावना है।
- अपराध और माफिया के खिलाफ राज्य सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को लागू करने के पीछे उन्हें मुख्य व्यक्ति माना जाता था।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में आदिवासियों को UCC से छूट दी जाएगी
चर्चा में क्यों?
राज्य विधानसभा में पेश किया जाने वाला प्रस्तावित उत्तराखंड समान नागरिक संहिता राज्य की आदिवासी आबादी को इसके प्रावधानों से पूरी तरह छूट देने के लिये तैयार है।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड की आबादी में लगभग 2.9% आदिवासी हैं, जिनमें जौनसारी, भोटिया, थारू, राजी और बुक्सा प्रमुख हैं।
- पहाड़ी राज्य में कुछ जनजातियों के बीच बहुपत्नी और बहुविवाह भी प्रचलित प्रथा है।
- उत्तराखंड UCC समिति ने भी इन आदिवासी समुदायों के साथ समान संहिता पर बातचीत की थी।
- युवा जनजातीय आबादी ने यह भी प्रतिक्रिया दी थी कि हालाँकि पिछली पीढ़ियों में बहुपति/बहुविवाह एवं अन्य प्रथाएँ प्रचलन में थीं, लेकिन अब वे शायद ही प्रचलन में हैं और इसलिये सुधार किये जा रहे हैं।
- हालाँकि सभी राज्यों, विशेषकर पूर्वोत्तर राज्यों में आदिवासी और जातीय समुदायों ने खुले तौर पर किसी भी नागरिक संहिता को लागू करने का विरोध व्यक्त किया है जो उनके रीति-रिवाज़ों तथा जीवन के सदियों पुराने तरीकों को प्रभावित कर सकता है।
- मुसलमानों के लिये तलाक और पुनर्विवाह पर हलाला, इद्दत व खुला विकल्प नए कोड के तहत अवैध होंगे, जिसमें केवल न्यायालयों में कानूनी कार्यवाही के माध्यम से तलाक तथा पुनर्विवाह की आवश्यकता होगी।
- राज्य का कोड ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के पंजीकरण को अनिवार्य करेगा तथा पैदा हुए बच्चों के लिये पूर्ण उत्तराधिकार की मांग करेगा।
उत्तराखंड की जनजातियाँ
- उत्तराखंड की जनजातियों में मुख्य रूप से पाँच प्रमुख समूह शामिल हैं जिनमें जौनसारी जनजाति, थारू जनजाति, राजी जनजाति, बुक्सा जनजाति और भूटिया शामिल हैं।
- जनजातीय आबादी का मुख्य संकेंद्रण ग्रामीण क्षेत्रों में है।
- रिकॉर्ड के अनुसार, कुल आदिवासी आबादी का लगभग 94.50% ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है और शेष प्रतिशत आदिवासी आबादी शहरी केंद्रों में रहती है।
- जनसंख्या की दृष्टि से थारू जनजाति राज्य का सबसे बड़ा जनजातीय समूह है।
- उत्तराखंड के प्रत्येक ज़िले में जनजातीय आबादी का कम-से-कम प्रतिशत है
- उत्तराखंड की इन जनजातियों को भारत के संविधान में अनुसूचित किया गया है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में बर्फबारी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड में सीज़न की पहली बर्फबारी हुई।
- मुख्य बिंदु:
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाले दिनों में तीन राज्यों के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी की थी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- इसकी स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान तथा संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है।
पश्चिमी विक्षोभ
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ ऐसे तूफान हैं जो कैस्पियन या भूमध्य सागर में उत्पन्न होते हैं तथा उत्तर-पश्चिम भारत में गैर-मानसूनी वर्षा के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।
- भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाले इस निम्न दबाव के क्षेत्र को ‘बहिरूष्ण उष्णकटिबंधीय तूफान’ के रूप में चिह्नित किया जाता है, जो उत्तर-पश्चिम भारत में अचानक वर्षा, बर्फबारी एवं कोहरे के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- WD का अर्थ इसके नाम में ही निहित है।
- यह विक्षोभ ‘पश्चिम’ से ‘पूर्व’ दिशा की ओर आता है।
- ये उच्च ऊँचाई वाली पश्चिमी जेट धाराओं द्वारा पूर्व की ओर प्रवाहित होते हैं, तेज़वायु के साथ पश्चिम से पूर्व की ओर गमन करते हैं।
- विक्षोभ का तात्पर्य ‘विक्षुब्ध’ क्षेत्र या कम हवा वाले दबाव क्षेत्र से है।
- किसी क्षेत्र की वायु अपने दाब को सामान्य करने का प्रयास करती है, जिसके कारण प्रकृति में संतुलन विद्यमान रहता है।
- "‘बहिरूष्ण उष्णकटिबंधीय तूफान" में तूफान का तात्पर्य कम दबाव से है। "बहिरूष्ण उष्णकटिबंधीय" का अर्थ उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के बाहर से है। चूँकि WD उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के बाहर उत्पन्न होता है, इसलिये "‘बहिरूष्ण उष्णकटिबंधीय" शब्द उनके साथ जुड़ा हुआ है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा ने 264 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 17 ज़िलों में फैली 264 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया।
मुख्य बिंदु:
- नियमित की गई 91 कॉलोनियाँ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधीन हैं, जबकि 173 कॉलोनियाँ शहरी स्थानीय विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं।
- सीएम के अनुसार, राज्य सरकार ने व्यापक शहरी विकास और सामुदायिक कल्याण की दिशा में एक कदम उठाते हुए अब तक 2,101 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया है।
- नियमितीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में इन कॉलोनियों में निवासियों को सड़क, सीवरेज, जल की आपूर्ति और स्ट्रीट लाइट आदि सहित बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
- इन कॉलोनियों के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिये सरकार ने कॉलोनियों के अंदर विकासात्मक गतिविधियों को शुरू करने के लिये 54 करोड़ रुपए के प्रारंभिक वितरण के साथ 438 करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंज़ूरी दी है।
हरियाणा Switch to English
मिशन कर्मयोगी हरियाणा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा सरकार ने 'मिशन कर्मयोगी हरियाणा' शुरू किया है, जो एक अग्रणी पहल है जिसका उद्देश्य सभी तीन लाख सरकारी कर्मचारियों को उनकी भूमिकाओं में अधिक नागरिक-केंद्रितता और नैतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु प्रशिक्षित करना है।
मुख्य बिंदु:
- इस महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, एथिक्स कॉन्क्लेव ('नैतिकता शिविर') क्रमशः 31 जनवरी और 06 फरवरी को करनाल व पंचकुला में आयोजित किये जाएंगे।
- कर्मयोगी हरियाणा परियोजना के लिये एक विशेष मंच के रूप में डिज़ाइन किये गए ये सत्र राज्य सरकार के सभी IAS/IPS/IFS/अन्य सेवाओं/HCS अधिकारियों को लक्षित करते हैं।
- नैतिकता शिविर कार्यस्थल नैतिकता, अखंडता एवं चुनौतियों, प्रलोभनों और प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने सही निर्णय लेने की संस्कृति विकसित करने के महत्त्व पर ज़ोर देंगे। अंतर्दृष्टि साझा करने और व्यावहारिक उदाहरण प्रदर्शित करने के लिये प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों तथा विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।
- कर्मयोगी मॉड्यूल का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया जाएगा, जो प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम का विहंगम दृश्य प्रदान करेगा।
मिशन कर्मयोगी
- इसका उद्देश्य राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के रूप में पूर्व-भर्ती परिवर्तनों के समान केंद्र में मानव संसाधन विकास का एक व्यापक भर्ती-पश्चात सुधार करना है।
- इसका उद्देश्य नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य के लिये तैयार सिविल सेवा का निर्माण करना है।
- इसका उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, तर्कसाध्य, कल्पनाशील, सक्रिय, नवीन, प्रगतिशील, पेशेवर, ऊर्जावान, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिये तैयार करना है।
- कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण के लिये व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया स्तरों पर क्षमता निर्माण तंत्र का व्यापक सुधार।
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