उत्तर प्रदेश Switch to English
कर्नाटक की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में होगा खेती का सर्वे
चर्चा में क्यों?
1 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में अब कर्नाटक की तर्ज पर खेती का सर्वे किया जाएगा। अभी तक प्रदेश में अनुमान के आधार पर रबी, खरीफ व जायद की खेती के क्षेत्रफल, उत्पादन, प्राकृतिक आपदा पर हुए नुकसान संबंधी आँकड़े जुटाए जाते थे।
प्रमुख बिंदु
- कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक चला तो एक साल बाद यह साफ-साफ पता चल सकेगा कि किस ज़िले के किस किसान के पास कितनी खेती है। रबी, खरीफ और जायद में उसने कितने रकबे में क्या बोया और कितना बोया। कितना उत्पादन हुआ। इन सबके अब सटीक आँकड़े मिलेंगे। इनका डिजिटलीकरण भी होगा।
- विदित है कि अभी तक कृषि और राजस्व विभाग द्वारा ज़िला स्तर पर अनुमान पर आधारित प्रदेश की खेतीबारी के आँकड़े जुटाए जाते हैं।
- उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सेटेलाइट मैपिंग की तैयारी की जा रही है। सेटेलाइट से ज़िलेवार, ब्लाकवार हर गाँव में किसानों के खेतों के आकार प्रकार, फसलों की बोवाई, उत्पादन आदि की सटीक जानकारी मिल सकेगी। उसी के अनुरूप किसानों को आवश्यक खाद, रसायन आदि उपलब्ध करवाया जाएगा और फसलों के चयन के बारे में एडवाइजरी दी जाएगी।
- उन्होंने बताया कि अभी तक तो प्रदेश में खेतीबारी का सारा ब्यौरा अनुमान के आकलन पर संकलित होता है। इसमें पूरी तरह साफ-साफ यह पता नहीं चल पाता कि किस किसान ने कितने क्षेत्रफल में कौन सी फसल बोयी। अतिवृष्टि, बाढ़, पाला, अग्निकांड जैसी आपदा के समय भी सही-सही जानकारी जुटाने में काफी दिक्कत पेश आती है।
- गौरतलब है कि पिछले दिनों कर्नाटक के कृषि व राजस्व विभाग के अफसरों ने अपने राज्य में लागू सेटेलाइट सर्वे के मॉडल का प्रस्तुतीकरण उत्तर प्रदेश में आकर किया। कृषि मंत्री सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी यह मॉडल पसंद आया। इसे स्वीकृत किया गया और अब इसे उत्तर प्रदेश में संचालित करने की तैयारी की जा रही है।
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वाराणसी में देश के पहले रोपवे ट्रांसपोर्ट के लिये 200 करोड़ रुपए मंज़ूर
चर्चा में क्यों?
1 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के बनारस के मंडलायुत्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि बनारस में दुनिया भर से आने वाले सैलानियों को अब भीड़भाड़ वाले इलाके कैंट स्टेशन से गौदौलिया तक के सफर के लिये रोपवे की सुविधा मिलेगी, जिसके लिये देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे को धरातल पर उतारने के लिये 200 करोड़ रुपए का बजट मंज़ूर हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि राज्य में वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच सड़क किनारे से गुजर रही जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिये बजट की पहली किस्त जनवरी के पहले सप्ताह में जारी की जाएगी।
- 15 जनवरी के बाद जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिये तैयारी कराई जा रही है। रूट के लिये चिह्नित जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जनवरी महीने में ही शुरू हो जाएगी।
- उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से ज़मीन अधिग्रहण के लिये 173 करोड़ रुपए और जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिये 28 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। शासन ने इस बजट प्रस्ताव को मंज़ूरी देते हुए पहली किस्त जारी करने की पहल भी कर दी है। बजट जारी होने के बाद कैंट से गोदौलिया के बीच सड़क के नीचे से गुजर रही पानी, बिजली सहित अन्य लाइन को शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
- ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे में जलकल, स्मार्ट सिटी, गेल, जल निगम, बीएसएनएल और बिजली विभाग के निर्माण को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक 75 किमी लंबे रोप-वे निर्माण के लिये 1.59 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहण के लिये चिह्नित है, जिसमें निजी 0.96 हेक्टेयर और सरकारी 0.63 हेक्टेयर है। सर्किट रेट से तय मुआवज़ा के आधार पर निजी ज़मीन पर 72 करोड़ रुपए और सरकारी ज़मीन पर 101 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- मंडलायुक्त ने बताया कि कैंट, भारतमाता मंदिर, बेसेंट थियेसोफिकल सोसाइटी रथयात्रा, गिरिजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन और 30 टॉवर बनाए जाने हैं। उन्होंने बताया कि रोपवे परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में मार्च में रोपवे का काम शुरू हो जाएगा।
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