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‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति
चर्चा में क्यों?
30 दिसंबर, 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति-पत्र के साथ दे सकते हैं।
- गौरतलब है कि इस योजना में कृषकों की निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हज़ार एकड़ के मान से पाँच वर्षों में एक लाख 80 हज़ार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरि, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा।
- समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएँ, निजी ट्रस्ट, गैर-शासकीय संस्थाएँ, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक, जो अपनी भूमि में रोपण करना चाहते हैं, इस योजना के हितग्राही होंगे।
- ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।
- इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है। सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिये सुनिश्चित बाज़ार उपलब्ध होगा तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के पश्चात् निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा।
- राज्य में इस योजना के अंतर्गत कुल पाँच वर्षों में एक लाख 80 हज़ार एकड़ में रोपित 15 करोड़ पौधे परिपक्व होने के पश्चात् हितग्राहियों को लगभग 5000 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होने की संभावना है।
- ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’के क्रियान्वयन से प्रति वर्ष लगभग 30 हज़ार किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हज़ार रुपये तक आय की प्राप्ति होगी।
- योजना के क्रियान्वयन से वाणिज्यिक वृक्षारोपण के रकबे में वृद्धि से काष्ठ आधारित उद्योगों, जैसे- पेपर मिल, प्लाईवुड, फर्नीचर, विनियर इत्यादि के लिये कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नए उद्योगों की स्थापना से स्थानीय निवासियों के रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा विभिन्न करों के माध्यम से शासन को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।
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मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
30 दिसंबर, 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लेने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया।
- इसके तहत शासकीय सेवकों को 1 अप्रैल, 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा और 1 नवंबर, 2004 या उसके बाद नियुक्त तिथि से 31 मार्च, 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा।
- कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी। इसके लिये शासकीय सेवकों को एनपीएस के अंतर्गत पूर्ववत बने रहने अथवा पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का विकल्प नोटराईज्ड शपथ-पत्र में देना होगा। यह विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा।
- शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना के विकल्प लेने पर 1 नवंबर, 2004 से 31 मार्च, 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किये गए अंशदान एवं उस पर प्राप्त लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा।
- 1 अप्रैल, 2022 एवं उसके पश्चात् नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे।
- कैबिनेट की बैठक में स्कूल भवनों की मरम्मत के लिये विशेष योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इस योजना में कुल 780 करोड़ रुपए स्कूलों की मरम्मत में खर्च किये जाएंगे।
- वाणिज्यिक वृक्षारोपण से पर्यावरण सुधार और किसानों की आय में वृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया।
- प्रदेश में मिलेट्स मिशन कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की गई और राज्य में मिलेट उत्पादन एवं उसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये कृषि, वन, सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास, खाद्य, महिला एवं बाल विकास, ग्रामोद्योग, संस्कृति, वाणिज्य एवं उद्योग, पर्यटन, जनसंपर्क, गृह एवं जेल, वाणिज्यिक कर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से पहल की जाएगी।
- छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- अंतर्विभागीय और अंतर्निकाय से संबंधित केंद्र राज्य प्रवर्तित योजनाओं के क्लस्टर स्तर पर क्रियान्वयन अनुश्रवण हेतु 5 नवीन ज़िलों में ज़िलास्तरीय एग्लोमरेशन एवं ज़िलास्तरीय समिति गठन का निर्णय लिया गया।
- एंबुलेंस श्रेणी के वाहनों से जीवनकाल कर उद्ग्रहण हेतु छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- वाहनों से अस्थायी पंजीयन कर में वृद्धि किये जाने हेतु छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 एवं नियम 1991 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- राज्य के सभी ज़िलों में राज्य योजना के राशनकार्डधारियों (एपीएल को छोड़कर) को फोर्टिफाईड चावल वितरण करने का निर्णय लिया गया। इसमें 42 करोड़ रुपए की राशि व्यय होगी।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जारी राशनकार्डों में माह जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण के समान ही छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम, 2012 के अंतर्गत जारी अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डों में नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण करने का निर्णय लिया गया।
- छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 88 दंतेवाड़ा के माननीय विधायक भीमा मंडावी की मृत्यु की घटना की न्यायिक जाँच का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
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प्रदेश के सभी ज़िलों में होगा फोर्टिफाइड चावल का वितरण
चर्चा में क्यों?
30 दिसंबर, 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की स्थिति को दूर करने के मद्देनज़र महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि अब प्रदेश के सभी ज़िलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण होगा।
प्रमुख बिंदु
- फोर्टिफाइड चावल उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2023 से वितरित किया जाएगा। अंत्योदय, एकल निराश्रित नि:शक्तजन श्रेणी के राशनकार्डधारियों को वर्तमान में दिये जा रहे सामान्य चावल के स्थान पर फोर्टिफाइड चावल मिलेगा।
- गौरतलब है कि सार्वभौम पीडीएस के तहत खाद्यान्न सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा एनीमिया एवं अन्य पोषक तत्त्वों की कमी को दूर करने हेतु नवंबर 2020 से कोंडागांव ज़िले में फोर्टिफाइड चावल वितरण प्रारंभ किया गया है।
- वर्तमान में मध्याह्न भोजन योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना में प्रदेश के सभी ज़िलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य के 10 आकांक्षी ज़िले (कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाडा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव, सुकमा) तथा 2 हाईबर्डन ज़िले (कबीरधाम एवं रायगढ़) में फोर्टिफाइड चावल का भी वितरण किया जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि फोर्टिफाइड चावल पोषक एवं स्वास्थ्यवर्धक है। यह आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से युक्त होता है। इसमें मौजूद आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्त्व बड़ों एवं बच्चों में खून की कमी नहीं होने देते हैं तथा खून निर्माण एवं तंत्रिका तंत्र के सही ढंग से कार्य में सहायक होते हैं।
- फोर्टिफाइड चावल के फायदे के संबंध में ज़िले के राशनकार्डधारियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, मितानिन एवं उचित मूल्य दुकानों में बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल को पकाने के तरीके एवं उपयोग के संबंध में समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है।
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