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स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Jan 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

कर्नाटक की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में होगा खेती का सर्वे

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में अब कर्नाटक की तर्ज पर खेती का सर्वे किया जाएगा। अभी तक प्रदेश में अनुमान के आधार पर रबी, खरीफ व जायद की खेती के क्षेत्रफल, उत्पादन, प्राकृतिक आपदा पर हुए नुकसान संबंधी आँकड़े जुटाए जाते थे।

प्रमुख बिंदु 

  • कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक चला तो एक साल बाद यह साफ-साफ पता चल सकेगा कि किस ज़िले के किस किसान के पास कितनी खेती है। रबी, खरीफ और जायद में उसने कितने रकबे में क्या बोया और कितना बोया। कितना उत्पादन हुआ। इन सबके अब सटीक आँकड़े मिलेंगे। इनका डिजिटलीकरण भी होगा।
  • विदित है कि अभी तक कृषि और राजस्व विभाग द्वारा ज़िला स्तर पर अनुमान पर आधारित प्रदेश की खेतीबारी के आँकड़े जुटाए जाते हैं।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सेटेलाइट मैपिंग की तैयारी की जा रही है। सेटेलाइट से ज़िलेवार, ब्लाकवार हर गाँव में किसानों के खेतों के आकार प्रकार, फसलों की बोवाई, उत्पादन आदि की सटीक जानकारी मिल सकेगी। उसी के अनुरूप किसानों को आवश्यक खाद, रसायन आदि उपलब्ध करवाया जाएगा और फसलों के चयन के बारे में एडवाइजरी दी जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि अभी तक तो प्रदेश में खेतीबारी का सारा ब्यौरा अनुमान के आकलन पर संकलित होता है। इसमें पूरी तरह साफ-साफ यह पता नहीं चल पाता कि किस किसान ने कितने क्षेत्रफल में कौन सी फसल बोयी। अतिवृष्टि, बाढ़, पाला, अग्निकांड जैसी आपदा के समय भी सही-सही जानकारी जुटाने में काफी दिक्कत पेश आती है।
  • गौरतलब है कि पिछले दिनों कर्नाटक के कृषि व राजस्व विभाग के अफसरों ने अपने राज्य में लागू सेटेलाइट सर्वे के मॉडल का प्रस्तुतीकरण उत्तर प्रदेश में आकर किया। कृषि मंत्री सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी यह मॉडल पसंद आया। इसे स्वीकृत किया गया और अब इसे उत्तर प्रदेश में संचालित करने की तैयारी की जा रही है। 

उत्तर प्रदेश Switch to English

वाराणसी में देश के पहले रोपवे ट्रांसपोर्ट के लिये 200 करोड़ रुपए मंज़ूर

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के बनारस के मंडलायुत्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि बनारस में दुनिया भर से आने वाले सैलानियों को अब भीड़भाड़ वाले इलाके कैंट स्टेशन से गौदौलिया तक के सफर के लिये रोपवे की सुविधा मिलेगी, जिसके लिये देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे को धरातल पर उतारने के लिये 200 करोड़ रुपए का बजट मंज़ूर हुआ है।

प्रमुख बिंदु 

  • मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि राज्य में वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच सड़क किनारे से गुजर रही जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिये बजट की पहली किस्त जनवरी के पहले सप्ताह में जारी की जाएगी।
  • 15 जनवरी के बाद जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिये तैयारी कराई जा रही है। रूट के लिये चिह्नित जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जनवरी महीने में ही शुरू हो जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से ज़मीन अधिग्रहण के लिये 173 करोड़ रुपए और जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिये 28 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। शासन ने इस बजट प्रस्ताव को मंज़ूरी देते हुए पहली किस्त जारी करने की पहल भी कर दी है। बजट जारी होने के बाद कैंट से गोदौलिया के बीच सड़क के नीचे से गुजर रही पानी, बिजली सहित अन्य लाइन को शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
  • ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे में जलकल, स्मार्ट सिटी, गेल, जल निगम, बीएसएनएल और बिजली विभाग के निर्माण को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक 75 किमी लंबे रोप-वे निर्माण के लिये 1.59 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहण के लिये चिह्नित है, जिसमें निजी 0.96 हेक्टेयर और सरकारी 0.63 हेक्टेयर है। सर्किट रेट से तय मुआवज़ा के आधार पर निजी ज़मीन पर 72 करोड़ रुपए और सरकारी ज़मीन पर 101 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • मंडलायुक्त ने बताया कि कैंट, भारतमाता मंदिर, बेसेंट थियेसोफिकल सोसाइटी रथयात्रा, गिरिजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन और 30 टॉवर बनाए जाने हैं। उन्होंने बताया कि रोपवे परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में मार्च में रोपवे का काम शुरू हो जाएगा।   

बिहार Switch to English

डोर-टू-डोर पार्सल प्रोडक्ट योजना

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को बिहार की राजधानी पटना में आयोजित भारतीय रेलवे और डाक विभाग (बिहार सर्किल) के अधिकारियों और कारोबारियों की बैठक में बताया गया कि अब पटना के कारोबारियों को ट्रेन से अपना पार्सल (सामान) देश के किसी भी कोने में भेजने और प्राप्त करने के लिये रेलवे स्टेशन का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, इसके लिये डाक विभाग और भारतीय रेलवे मिलकर डोर-टू-डोर पार्सल प्रोडक्ट योजना शुरू कर रहे हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार डोर-टू-डोर पार्सल प्रोडक्ट योजना जनवरी के दूसरे सप्ताह में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पटना-हावड़ा और पटना-पुणे रूट पर शुरू होगी। इसके तहत अब पोस्टमैन पार्सल को इस पर दिये गए पते पर पहुँचाएगा या लेने भी जाएगा।
  • इस योजना के तहत पार्सल को बिना टूट-फूट के सुरक्षित पहुँचाया जाएगा। इसके लिये डाक विभाग ने बजाज एलयांज बीमा कंपनी के साथ समझौता किया है, जिसके तहत पार्सल के कुल लागत का 30 फीसदी और जीएसटी प्रीमियम देकर बीमा भी करा सकते है।
  • इसके तहत सौ फीसदी बीमा का लाभ कारोबारियों को मिलेगा। इसके अलावा कारोबारियों का पार्सल को बुकिंग स्थान पर 24 से 36 घंटे के बीच पहुँच जाएगा। इस योजना के तहत 35 से 100 किलो तक का पार्सल बुक किया जाएगा।
  • सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सुविधा के उपयोग के लिये एक नंबर भी जारी किया जायेगा। इसके अलावा एप और वेबसाइट के जरिये भी पार्सल की बुकिंग और ट्रेकिंग की सुविधा दी जाएगी।
  • ज्वाइंट पार्सल प्रोडक्ट प्रणाली के तहत पार्सल कारोबारियों के घर से ही उठाया जाएगा। बुक करने के बाद रेलवे से उसका परिवहन होगा और फिर निर्धारित पते तक पहुँचाया जाएगा। पार्सल को कारोबारियों के घर से उठाने तथा बुकिंग का काम डाक विभाग करेगा। फिर उस पार्सल को रेलवे निर्धारित पते के पास के रेलवे स्टेशन तक पहुँचायेगा। इसके बाद डाककर्मी स्थानीय रेलवे स्टेशन से पार्सल उठाएगा और बुक हुए पते तक पार्सल को पहुँचाएगा।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं के लिये 24.87 करोड़ रुपए की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

31 दिसंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के क्रम में प्रदेश के 6 चिकित्सा महाविद्यालयों में सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं के लिये 24 करोड़ 87 लाख 22 हज़ार रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर एवं उदयपुर के चिकित्सा महाविद्यालयों के लिये विभिन्न चिकित्सकीय उपकरण खरीदे जाएंगे। इससे आमजन को अपने शहर में ही सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध हो सकेंगी।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में चिकित्सा सेवाओं के विस्तार एवं सुदृढीकरण के लिये घोषणा की गई थी। इसी क्रम में यह स्वीकृति दी गई है।

विविध Switch to English

कालका से कलेसर तक के पर्वतीय क्षेत्र को तीर्थाटन के रूप में किया जाएगा विकसित

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेशवासियों को नववर्ष का तोहफा देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश में पड़ने वाले माता मंत्रादेवी मंदिर से आदिबद्री तक रोप-वे बनाने के साथ-साथ शिवालिक हिल्स के कालका से कलेसर तक के पर्वतीय क्षेत्र को तीर्थाटन के रूप में विकसित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में शिवालिक हिल्स में पंचकुला के कालका से यमुनानगर के कलेसर तक के पर्वतीय क्षेत्र को तीर्थाटन के रूप में विकसित करने के अंतर्गत छोटा तिरलोकपुर, आदिबद्री, लोहगढ़, कपालमोचन, कलेसर इत्यादि शामिल हैं। इसके लिये लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग द्वारा 10 मीटर चौड़ा सड़क मार्ग बनाने की संभावना तलाशी जाएगी।
  • इसके अलावा, इस क्षेत्र में साहसिक खेल गतिविधियों जैसे ट्रैकिंग शुरू करने की भी योजना है। सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में जहाँ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे।
  • उन्होंने बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा स्थापित सिख राज की पहली राजधानी लोहगढ़, यमुनानगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर के शौर्य एवं बलिदान की गाथा को पुनर्जीवित करने के लिये स्मारक की आधारशिला भी रखी। लोहगढ़ को एक मिनी शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सोनीपत ज़िले के खंडा शेरी गाँव से युवाओं को एकत्र कर सेना गठन की शुरुआत की थी और पूरे हरियाणा में युवाओं के साथ दौरा कर एक सेना खड़ी की और लोहगढ़ को सिख राज की पहली राजधानी बनाया। बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ का क्षेत्र आधा हरियाणा और आधा हिमाचल में पड़ता है। 

विविध Switch to English

हरियाणा में वर्ष 2023 को अंत्योदय आरोग्य वर्ष के रूप में मनाने का लिया गया संकल्प

चर्चा में क्यों?

31 दिसंबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अंत्योदय उत्थान वर्ष 2022 के अपने प्रयासों की यात्रा को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2023 को अंत्योदय आरोग्य वर्ष के रूप में मनाने का फैसला लिया है।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन के अनुरूप समाज में किसी कारणवश जो वर्ग पिछड़ गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिये वर्ष 2022 को अंत्योदय उत्थान वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया था। अंत्योदय उत्थान के तहत ही नागरिकों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करते हुए 5 एस- शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वावलंबन पर ज़ोर दिया गया है।
  • उन्होंने बताया कि अंत्योदय आरोग्य वर्ष के अंतर्गत प्रदेश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेंगी और गरीब व्यत्ति को इलाज के लिये किसी प्रकार की कोई कठिनाई का सामना नही करना पड़ेगा। इसी विजन के साथ राज्य सरकार ने निरोगी हरियाणा योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत पहले चरण में प्रदेश के अंत्योदय परिवारों के स्वास्थ्य की जाँच की जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि कि वर्ष 2023 एक अन्य मामले में भी बहुत विचारणीय बनने जा रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने का फैसला भी लिया गया है। हरियाणा सरकार भी प्रधानमंत्री के इस आह्वान पर चलते हुए प्रदेश में मोटा अनाज के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये भरसक प्रयास करेगी।
  • उन्होंने बताया कि एक ओर जहाँ मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, तो इसकी खेती को भी प्रोत्साहन मिलेगा और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। मोटा अनाज शरीर को पोषण देने और रोगों से ठीक करने की क्षमता के लिये पहचाने जाते हैं। इनमें बड़ी मात्रा में फाइबर, खनिज और प्रोटीन होता है। इसलिये भोजन में मोटा अनाज अवश्य शामिल करना चाहिये और इस प्रकार यह ‘आहार ही औषधि’का काम भी करेगा।

झारखंड Switch to English

झारखंड को 3 नये एयरपोर्ट की मिलेगी सौगात

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नये साल में झारखंड को 3 नये एयरपोर्ट के तोहफों के रूप में राँची और देवघर के अलावा अब पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के अलावा बोकारो और दुमका में भी एयरपोर्ट की सुविधा मिलेगी। इस तरह से राज्य में कुल पाँच एयरपोर्ट हो जाएंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया कि राज्य के बोकारो वासियों के लिये एयरपोर्ट बनकर लगभग तैयार हो गया है। जून तक यहाँ से विमान सेवा शुरू होने की संभावना है। 15 जनवरी, 2023 के आसपास एयरपोर्ट परिचालन संबंधित उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें शेष बचे कार्य को पूरा किया जाएगा।
  • ‘उड़ान’ योजना के तहत बोकारो एयरपोर्ट से पहली फ्लाइट कोलकाता के लिये शुरू होगी। इसके लिये स्पाइस एयरवेज ने एयरपोर्ट प्रबंधन से वार्ता की है। इसके बाद पटना-बोकारो फ्लाइट शुरू करने की योजना है। यात्रियों की डिमांड पर यहाँ से बेंगलुरु और दिल्ली के लिये फ्लाइट शुरू करने की भी योजना है।
  • राज्य के पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के लिये संपर्क मार्ग को लेकर ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पिछले दिनों जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने केंद्रीय नागरिक उडन्न्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर इस एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य जल्द पूरा करने का अनुरोध किया है। इसी के तहत इसके निर्माण को लेकर तैयारी शुरू हो गई है।
  • झारखंड में तीसरा नया एयरपोर्ट दुमका में बनेगा। इस एयरपोर्ट के होने से यहाँ के लोगों को राँची और कोलकाता जाने में सहूलियत होगी। इसको लेकर सांसद सुनील सोरेन ने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर दुमका में हवाई सेवा शुरू करने का आग्रह किया था।
  • विदित है कि पूर्व में पीएम मोदी ने दुमका एयरपोर्ट राज्यवासियों को देने की बात कही थी। दुमका झारखंड की उपराजधानी भी है।
  • राज्य के देवघर एयरपोर्ट में कई नयी सुविधाएँ शुरू होने वाली है। देवघर एयरपोर्ट में डीवीओआर (वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेज डाप्लर रडार) लगाने का काम पूरा हो चुका है। जनवरी तक डीवीओआर चालू होने की संभावना है। इससे देवघर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू हो जाएगी।
  • इसके अलावा देवघर एयरपोर्ट से राँची, पटना, बेंगलुरु और मुंबई के लिये हवाई सेवा चालू करने की योजना है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की कई एयरलाइंस कंपनियों से नयी उड़ान चालू करने के लिये वार्ता हो रही है।
  • नये साल में देवघर एयरपोर्ट कार्गो विमान सेवा चालू करने की भी योजना है, जिससे संथाल परगना, गिरिडीह समेत बिहार के भागलपुर, बांका और जमुई इलाके को औद्योगिक गति मिलेगी।
  • देवघर एयरपोर्ट यूनिट ने डीजीसीए को देवघर एयरपोर्ट से कार्गो सेवा चालू करने का प्रस्ताव भी भेज दिया है। एयरपोर्ट में काम करनेवाले कर्मियों व अधिकारियों के लिये एयरपोर्ट कैंपस में ही एरोसिटी डेवलप करने की योजना है, जिसे वर्ष 2023 में धरातल पर उतारा जा सकता है। एरोसिटी को कॉमर्शियल रूप भी दिया जा सकता है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी

चर्चा में क्यों?

1 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि प्रदेश में सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिये प्रदेश सरकार स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी लाने जा रही है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशों के क्रम में इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि अब प्रदेश स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी के संबंध में श्रम, पुलिस, खाद्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण समेत विभिन्न विभागों से राय ली जा रही है। जल्द ही नीति को अंतिम रूप देकर स्वीकृति के लिये कैबिनेट में रखा जाएगा। इस नीति में ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिये समाज का सहयोग लेने के साथ ही विभिन्न कंपनियों व संस्थाओं के सीएसआर मद से भी कदम उठाए जाएंगे।
  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कुछ समय पहले सभी राज्यों को स्ट्रीट चिल्ड्रेन के पुनर्वास के दृष्टिगत नीति बनाने को कहा था। इस कड़ी में उत्तराखंड में भी इसकी शुरूआत की गई।
  • विदित है कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसे बच्चों की संख्या न के बराबर है, जबकि देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, नैनीताल, कोटद्वार जैसे शहरी क्षेत्रों में अधिक है। बालश्रम, भिक्षावृत्ति, निराश्रित, बेसहारा व कूड़ा बीनने वाले बच्चों को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया।
  • इसके बाद ऐसे बच्चों के पुनर्वास के दृष्टिगत स्ट्रीट चिल्ड्रेन नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया। ड्राफ्ट में ऐसे बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये शिक्षा, कौशल विकास, खाद्य, स्वास्थ्य, पुनर्वास, रोज़गार, सुरक्षा जैसे विषयों के दृष्टिगत विभागों के आपसी समन्वय से प्रभावी कदम उठाने पर ज़ोर दिया गया है।
  • हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि अब इस बारे में संबंधित विभागों से राय ली जा रही है। समाज के विभिन्न वर्गों, गैर सरकारी संस्थाओं से भी सुझाव लिये जा रहे हैं। हितधारकों से राय प्राप्त करने के बाद स्ट्रीट चिल्ड्रेन पालिसी को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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