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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Dec 2021
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बीकानेर के नोखा व चूरु के मालासर में लगेंगे बायोमॉस पॉवर प्लांट

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को राजस्थान राज्य उर्जा विकास निगम की वार्षिक साधारण सभा में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में चूरु ज़िले के मालासर व बीकानेर ज़िले के नोखा में एक-एक नए बायोमॉस पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। 

प्रमुख बिंदु

  • ज्ञातव्य है कि इससे पहले अक्टूबर माह में ही जयपुर के फागी व बीकानेर के छतरपुर में एक-एक बायोमॉस पॉवर प्रोजेक्ट लगाने की स्वीकृति दी गई है।
  • एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में समग्र विद्युत व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग के लिये प्रतिमाह एनर्जी एफिसिएंसी कमिटी की बैठक में समीक्षा की जाएगी, वहीं कोऑर्डिनेशन रिव्यू कमिटी को सक्रिय व कारगर बनाया जाएगा। 
  • राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने और सस्ती दर पर विद्युत की उपलब्धता तय करने के लिये दीर्घकालीन कार्ययोजना को अंतिम रुप दिया जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि पिछले माह ही आयोजित ऊर्जा विकास निगम की संचालक मंडल की बैठक में राज्य के चार विंड प्लांटों से 2 रुपए 44 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद तय की जा चुकी है।

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‘बैक टू वर्क’ योजना

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पारिवारिक परिस्थितियों के चलते जॉब छोड़ने वाली महिलाओं के लिये राज्य सरकार की ‘बैक टू वर्क’ योजना को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि शादी के बाद घर-परिवार संभालने एवं अन्य कारणों से कामकाजी महिलाओं को कई बार जॉब छोड़ना पड़ता है। नौकरी छोड़ने वाली इन कामकाजी महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से जॉब दिलाने या वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार ‘बैक टू वर्क’ योजना लेकर आई है। 
  • इस योजना में आगामी 3 वर्षों में 15 हज़ार महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से जॉब दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी, जो महिलाएँ कार्यस्थल पर जाने में सक्षम नहीं होंगी, उन्हें वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। 
  • रोज़गार से जुड़ने की इच्छुक महिलाओं को महिला अधिकारिता निदेशालय एवं सीएसआर संस्था के माध्यम से रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा विकसित की जाएगी। इसके अलावा आरकेसीएल के माध्यम से स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
  • पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना के क्रियान्वयन के लिये सहयोगी संस्था/सीएसआर संस्था के पोर्टल अथवा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर लक्षित श्रेणी की महिलाओं से आवेदन लिये जाएंगे। 
  • ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड महिलाओं को श्रेणीवार डाटाबेस के आधार पर निजी क्षेत्र में रोज़गार से जोड़ने का कार्य सीएसआर संस्था द्वारा किया जाएगा। आवश्यकता होने पर सीएसआर संस्था द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लक्षित श्रेणी की महिलाओं को री-स्किलिंग/अप-स्किलिंग हेतु प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जिसका अपडेशन पोर्टल पर किया जाएगा। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मॉनिटरिंग कमिटी का गठन किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2021-22 के वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान ‘बैक टू वर्क’ योजना शुरू करने की घोषणा की थी।

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