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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Dec 2021
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मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत मानदेय का भुगतान अब पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम से

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के लोक शिक्षण आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने ‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण’ (पूर्व में मध्याह्न भोजन योजना) के अंतर्गत कुकिंग कास्ट और रसोईयों के मानदेय का भुगतान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से करने के संबंध में सभी ज़िला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही डॉ. कमलप्रीत सिंह ने राज्य शासन द्वारा कुकिंग कास्ट और रसोईया मानदेय के लिये 309 करोड़ रुपए की राशि भी जारी किया।
  • ज़िला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि मध्याह्न भोजन का नाम बदलकर अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण कर दिया गया है। इस योजना का संचालन केंद्र और राज्य शासन के माध्यम से हो रहा है। 
  • भारत सरकार द्वारा की गई नई व्यवस्था के तहत अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के तहत जारी होने वाली राशि ज़िला शिक्षा अधिकारी और विकासखंड ज़िला शिक्षा अधिकारी के खाते में नहीं जाएगी। 
  • कुकिंग कास्ट और रसोईयों के मानदेय का भुगतान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से होगा। 
  • ज़िला शिक्षा अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि हर माह की 10 तारीख को रसोईयों का भुगतान किया जाना है और ज़िला शिक्षा अधिकारियों को इस कार्य की मॉनिटरिंग की ज़िम्मेदारी दी गई है।

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नई दिल्ली में खुला ‘संगवारी छत्तीसगढ़

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने नई दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग (पूर्व में रेसकोर्स रोड) स्थित वायु सेना के न्यू विलिंगडन कैंप के संतोषी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में ‘संगवारी छत्तीसगढ़’ केंद्र का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ खादी और ग्रामोद्योग के प्रसिद्ध उत्पादों को दिल्ली में लोगों को अधिक आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस केंद्र को खोला गया है।
  • इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की प्रबंध निदेशक रेखा शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ग्रामीण अंचलों में रोज़गार के अवसरों का सृजन कर ग्रामीणों में आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बुनकरों और कारीगरों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों का बेहतर बाज़ार उपलब्ध कराता है। इसी कड़ी में ‘संगवारी छत्तीसगढ़’ नाम से यह विक्रय केंद्र देश की राजधानी में अपनी नई पहचान बनाएगा।
  • इस विक्रय केंद्र में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी शूटिंग वस्त्र, खादी सर्ट़िग वस्त्र, खादी गमछा, खादी जैकेट, खादी कुर्ता, खादी पायजामा, खेस चादर, कोसा साड़ी, कोसा कुर्ती पीस, जुट पर्स और बाँस की बनी सिनरी, मिट्टी के प्रिंटेड थाली सेट और हर्बल सामग्रियों का विक्रय किया जाएगा।

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