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स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Dec 2021
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झारखंड Switch to English

बीएसएल को मिला ग्रीनटेक एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी अवॉर्ड

चर्चा में क्यों?

हाल ही में झारखंड के बोकारो स्टील प्लांट को 21वाँ वार्षिक ग्रीनटेक पर्यावरण पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • बीएसएल को यह पुरस्कार महाबलीपुरम् में आयोजित ‘21वें वार्षिक ग्रीनटेक पर्यावरण शिखर सम्मेलन’ के दौरान प्रदान किया गया था। 
  • मुख्य महाप्रबंधक (COBPP) राकेश कुमार और एन.पी. श्रीवास्तव ने बीएसएल की ओर से महाबलीपुरम् में पुरस्कार प्राप्त किया।
  • उल्लेखनीय है कि बीएसएल ने प्रभारी निदेशक अमरेंदु प्रकाश के नेतृत्व में कचरे को धन में बदलने का अभियान चलाया है और पिछले कुछ वर्षों में कचरे के उचित उपयोग और इसके उपयोग से 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया है।
  • इस अवसर पर एन.पी. श्रीवास्तव को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये व्यक्तिगत श्रेणी में महाबलीपुरम् में ग्रीनटेक पर्यावरण नेता पुरस्कार भी मिला।
  • ग्रीनटेक एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी अवॉर्ड्स स्थायी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में ज़िम्मेदार, नवीन प्रथाओं और पहल को मान्यता प्रदान करने के लिये प्रस्तुत किये जाते हैं।

उत्तर प्रदेश Switch to English

बागपत में मिले पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल के दुर्लभ सिक्के

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बागपत जनपद के खेकड़ा के निकटवर्ती दिल्ली-सहारनपुर हाईवे से सटे गाँव काठा के प्राचीन टीले में पुरातात्त्विक स्थल निरीक्षण में दिल्ली अधिपति राजा पृथ्वीराज चौहान सहित, राजा अनंगपाल देव, राजा मदनपाल, राजा चाहड़ा राजदेव के समय के 16 दुर्लभ सिक्के प्राप्त हुए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इतिहासकार डॉ. अमित राय जैन का कहना है कि यह उपलब्धि बागपत एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इतिहास के लिये नया आयाम खोलेगी, क्योंकि किसी भी वंश के शासकों के सिक्कों की श्रृंखला प्राप्त होना, वहाँ उस क्षेत्र पर उन राजाओं के आधिपत्य को सिद्ध करता है। मुद्रा शास्त्र के आधार पर शोध करने वाले शोधार्थियों के लिये यह खोज़ काफी महत्त्वपूर्ण है। 
  • ज्ञातव्य है कि बागपत जनपद में 2005 में शहजाद राय शोध संस्थान के निदेशक डॉ. अमित राय जैन के प्रस्ताव पर भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने उत्खनन कार्य किया। उसके बाद सन् 2018 में सिनौली का उत्खनन का कार्य हुआ, वहाँ से प्राप्त दुर्लभ पुरावशेष तथा तांबे से निर्मित लकड़ी के युद्ध रथ भारत में प्रथम बार प्राप्त हुए। उसके उपरांत से जनपद बागपत संपूर्ण विश्व के पुरातत्त्वविद् एवं इतिहासकारों के लिये रोमांचक खोज़ एवं शोध का केंद्रबिंदु बना हुआ है। 
  • इस संबंध में इतिहासकार अमित राय जैन का कहना है कि यह प्राचीन टीला हज़ारों वर्षों से यह मौज़ूद है। यहाँ के स्थल निरीक्षण में कई बार यहाँ से कुषाण काल एवं बाद की सभ्यताओं के अवशेष, मृद्भांड इत्यादि प्राप्त होते रहे हैं। उसी श्रृंखला में फिलहाल 16 सिक्कों का प्राप्त होना सिद्ध करता है कि यहाँ कोई बड़ी मानव बस्ती उस समय रही होगी, जहाँ पर व्यापारिक लेन-देन में सिक्कों का प्रचलन था।
  • सिक्कों के खोजकर्त्ता इतिहासकार डॉ. अमित राय जैन ने सिक्कों की धातु के बारे में बताया कि यह बिलन धातु के सिक्के हैं, जिसका निर्माण चांदी एवं तांबे को मिलाकर किया जाता था। चांदी क्योंकि अति दुर्लभ थी तो सिक्कों को बनाने में उसमें तांबे की मात्रा भी मिलाई जाती थी। 
  • यहाँ से प्राप्त सिक्कों में कुछ सिक्कों को रासायनिक विधि से साफ किया गया है, जिससे उन पर लिखे गए नामों का उल्लेख स्पष्ट रूप से किया जा सका है।
  • पृथ्वीराज चौहान (सन् 1178-1192 ई.), चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे, जिन्होंने उत्तर-भारत में 12वीं सदी के उत्तरार्द्ध में अजमेर और दिल्ली पर शासन किया था।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा के नए मुख्य सचिव तथा नए वित्त आयुक्त नियुक्त

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को हरियाणा सरकार द्वारा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव कौशल को राज्य के नए मुख्य सचिव तथा एक अन्य सीनियर अधिकारी पी.के. दास को नया वित्त आयुक्त बनाया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य के निवर्तमान मुख्य सचिव विजयवर्धन के सेवानिवृत्त होने की वजह से हरियाणा के 1986 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव कौशल को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है।
  • संजीव कौशल हरियाणा के 35वें और मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की सरकार के पाँचवें मुख्य सचिव होंगे।
  • संजीव कौशल को राज्य सरकार ने मुख्य सचिव के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग, संसदीय कार्य मामले, विजिलेंस, प्रशासनिक सुधार विभाग तथा योजना समन्वय विभागों की भी ज़िम्मेदारी सौंपी है।
  • हरियाणा के 1985 बैच के ही एक दूसरे सीनियर अधिकारी पी.के. दास को नया वित्त आयुक्त एवं राजस्व तथा आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है।
  • पी.के. दास को चकबंदी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
  • उल्लेखनीय है कि अभी तक संजीव कौशल राज्य के वित्त आयुक्त एवं राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा पी.के. दास बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थे।

बिहार Switch to English

बिहार विधानसभा में तकनीकी सेवा आयोग संशोधन विधेयक, 2021 पारित

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को बिहार विधानसभा के द्वारा तकनीकी सेवा आयोग संशोधन विधेयक पारित किया गया, जिसमें आयोग के अध्यक्ष के कार्यकाल में परिवर्तन किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • संशोधन विधेयक के अनुसार अब तकनीकी सेवा आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्ष या अधिकतम 70 वर्ष की आयु तक कर दिया गया है।
  • सदन में विधेयक पेश करते हुए मंत्री विजेंद्र यादव ने बताया कि अब तक के प्रावधान के अनुसार, इस आयोग में नियुक्ति के लिये अनुभव की बाध्यता थी, जिसे इस संशोधन विधेयक में समाप्त कर दिया गया है।
  • संशोधित विधेयक के अनुसार, अगर किसी कारणवश आयोग में अध्यक्ष का पद खाली होता है तो आयोग के वरिष्ठतम् सदस्य प्रभारी अध्यक्ष होंगे।
  • विदित हो कि इस आयोग का नाम पहले बिहार तकनीकी कर्मचारी चयन आयोग था, परंतु वर्ष 2018 में एक संशोधन के तहत इसका नाम बिहार तकनीकी सेवा आयोग किया गया।

राजस्थान Switch to English

बीकानेर के नोखा व चूरु के मालासर में लगेंगे बायोमॉस पॉवर प्लांट

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को राजस्थान राज्य उर्जा विकास निगम की वार्षिक साधारण सभा में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में चूरु ज़िले के मालासर व बीकानेर ज़िले के नोखा में एक-एक नए बायोमॉस पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। 

प्रमुख बिंदु

  • ज्ञातव्य है कि इससे पहले अक्टूबर माह में ही जयपुर के फागी व बीकानेर के छतरपुर में एक-एक बायोमॉस पॉवर प्रोजेक्ट लगाने की स्वीकृति दी गई है।
  • एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में समग्र विद्युत व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग के लिये प्रतिमाह एनर्जी एफिसिएंसी कमिटी की बैठक में समीक्षा की जाएगी, वहीं कोऑर्डिनेशन रिव्यू कमिटी को सक्रिय व कारगर बनाया जाएगा। 
  • राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने और सस्ती दर पर विद्युत की उपलब्धता तय करने के लिये दीर्घकालीन कार्ययोजना को अंतिम रुप दिया जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि पिछले माह ही आयोजित ऊर्जा विकास निगम की संचालक मंडल की बैठक में राज्य के चार विंड प्लांटों से 2 रुपए 44 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद तय की जा चुकी है।

राजस्थान Switch to English

‘बैक टू वर्क’ योजना

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पारिवारिक परिस्थितियों के चलते जॉब छोड़ने वाली महिलाओं के लिये राज्य सरकार की ‘बैक टू वर्क’ योजना को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि शादी के बाद घर-परिवार संभालने एवं अन्य कारणों से कामकाजी महिलाओं को कई बार जॉब छोड़ना पड़ता है। नौकरी छोड़ने वाली इन कामकाजी महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से जॉब दिलाने या वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार ‘बैक टू वर्क’ योजना लेकर आई है। 
  • इस योजना में आगामी 3 वर्षों में 15 हज़ार महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से जॉब दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी, जो महिलाएँ कार्यस्थल पर जाने में सक्षम नहीं होंगी, उन्हें वर्क फ्रॉम होम का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। 
  • रोज़गार से जुड़ने की इच्छुक महिलाओं को महिला अधिकारिता निदेशालय एवं सीएसआर संस्था के माध्यम से रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा विकसित की जाएगी। इसके अलावा आरकेसीएल के माध्यम से स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
  • पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना के क्रियान्वयन के लिये सहयोगी संस्था/सीएसआर संस्था के पोर्टल अथवा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर लक्षित श्रेणी की महिलाओं से आवेदन लिये जाएंगे। 
  • ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड महिलाओं को श्रेणीवार डाटाबेस के आधार पर निजी क्षेत्र में रोज़गार से जोड़ने का कार्य सीएसआर संस्था द्वारा किया जाएगा। आवश्यकता होने पर सीएसआर संस्था द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लक्षित श्रेणी की महिलाओं को री-स्किलिंग/अप-स्किलिंग हेतु प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जिसका अपडेशन पोर्टल पर किया जाएगा। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मॉनिटरिंग कमिटी का गठन किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2021-22 के वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान ‘बैक टू वर्क’ योजना शुरू करने की घोषणा की थी।

मध्य प्रदेश Switch to English

6 चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक। प्रदेश में 1547 करोड़ 45 लाख रुपए से 6 नवीन चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य की मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • इसमें मंडला, सिंगरौली, श्योपुर, राजगढ़, नीमच तथा मंदसौर में नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिये क्रमश: राशि रुपए 249.63 करोड़, 258.07 करोड़, 256.83 करोड़, 256.55 करोड़, 255.78 करोड़ तथा 270.59 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
  • इसके साथ ही मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि मध्य प्रदेश राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमेट) को वर्तमान में प्रशासन अकादमी से पृथक् कर एक स्वतंत्र इकाई के रूप में स्थापित किया जाएगा। 
  • सीमेट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक योजना एवं शैक्षणिक प्रबंधकीय क्षमता का विकास तथा इसके विकेंद्रीकरण के संबंध में उचित प्रक्रिया का निर्धारण एवं विकास करना है। इसके लिये व्यावसायिक दक्षता के विकास, शैक्षिक प्रबंधन में पाठ्यक्रमों का संचालन, शिक्षा से जुड़े अधिकारियों की क्षमता संवर्द्धन एवं प्रशिक्षण वातावरण के निर्माण में सहयोग करना शामिल है। 
  • सीमेट में स्कूल शिक्षा विभाग एवं स्कूल प्रबंधन से जुड़े जनजाति कार्य विभाग, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग तथा श्रम विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

एमएसएमई विभाग और वॉलमार्ट एवं फ्लिपकार्ट के बीच एमओयू

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के कुशाभाऊ ठाकरे हाल (मिंटो हाल) में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की सुनियोजित नीति के तहत एमएसएमई विभाग ने मध्य प्रदेश के 14 लाख से अधिक नवउद्यमियों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता का बनाने और प्रतिस्पर्द्धा तथा मार्केटिंग चेन बनाने के लिये वॉलमार्ट एवं फ्लिपकार्ट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु

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  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा की उपस्थिति में विभाग के सचिव पी. नरहरि और वॉलमार्ट के डायरेक्टर जोसफ जूलियन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर तथा आदान-प्रदान हुआ। फ्लिपकार्ट के रीजनल हेड डी.पी. वानकानी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
  • एमएसएमई मंत्री ने कहा कि नवउद्यमियों को इस एमओयू से संबल मिलेगा। यह एमओयू रिटेल और होलसेल मार्केटिंग के साथ ही उत्पाद की पैकिंग, प्रतिस्पर्द्धा, गुणवत्ता और लागत को उपभोक्ता के हिसाब से सुनिश्चित करने के लिये नवउद्यमियों को प्रशिक्षित भी करेगा।
  • आयुक्त और एमएसएमई सचिव पी. नरहरि ने कहा कि इस एमओयू से मध्य प्रदेश के उद्यमियों के उत्पादों के लिये देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताओं के बीच नए द्वार खुलेंगे। इस एमओयू में नए-नए मॉड्यूल, उद्योगों के विकास, प्रशिक्षण, सेमीनार आदि को भी समाहित किया गया है। राज्य के नवउद्यमी इससे लाभांवित होंगे। 
  • वॉलमार्ट वृद्धि के डायरेक्टर जोसफ जूलियन ने कहा कि वे उद्योगों के विकास, बाज़ार और प्रतिस्पर्द्धा के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएंगे। 
  • फ्लिपकार्ट के रीजनल हेड डी.पी. वेलीकान ने कहा कि मध्य प्रदेश की उद्योग मित्र नीतियाँ उनके नेटवर्क के अनुकूल हैं। उन्होंने कोरोनाकाल में राज्य शासन द्वारा उद्योगों को दी गई सहूलियतों का उल्लेख करते हुए कहा कि फ्लिपकार्ट एमएसएमई सेक्टर को आगे ले जाने का हर संभव प्रयास करेगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत मानदेय का भुगतान अब पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम से

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के लोक शिक्षण आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने ‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण’ (पूर्व में मध्याह्न भोजन योजना) के अंतर्गत कुकिंग कास्ट और रसोईयों के मानदेय का भुगतान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से करने के संबंध में सभी ज़िला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही डॉ. कमलप्रीत सिंह ने राज्य शासन द्वारा कुकिंग कास्ट और रसोईया मानदेय के लिये 309 करोड़ रुपए की राशि भी जारी किया।
  • ज़िला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि मध्याह्न भोजन का नाम बदलकर अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण कर दिया गया है। इस योजना का संचालन केंद्र और राज्य शासन के माध्यम से हो रहा है। 
  • भारत सरकार द्वारा की गई नई व्यवस्था के तहत अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के तहत जारी होने वाली राशि ज़िला शिक्षा अधिकारी और विकासखंड ज़िला शिक्षा अधिकारी के खाते में नहीं जाएगी। 
  • कुकिंग कास्ट और रसोईयों के मानदेय का भुगतान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से होगा। 
  • ज़िला शिक्षा अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि हर माह की 10 तारीख को रसोईयों का भुगतान किया जाना है और ज़िला शिक्षा अधिकारियों को इस कार्य की मॉनिटरिंग की ज़िम्मेदारी दी गई है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

नई दिल्ली में खुला ‘संगवारी छत्तीसगढ़

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने नई दिल्ली के लोक कल्याण मार्ग (पूर्व में रेसकोर्स रोड) स्थित वायु सेना के न्यू विलिंगडन कैंप के संतोषी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में ‘संगवारी छत्तीसगढ़’ केंद्र का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ खादी और ग्रामोद्योग के प्रसिद्ध उत्पादों को दिल्ली में लोगों को अधिक आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस केंद्र को खोला गया है।
  • इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की प्रबंध निदेशक रेखा शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ग्रामीण अंचलों में रोज़गार के अवसरों का सृजन कर ग्रामीणों में आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बुनकरों और कारीगरों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों का बेहतर बाज़ार उपलब्ध कराता है। इसी कड़ी में ‘संगवारी छत्तीसगढ़’ नाम से यह विक्रय केंद्र देश की राजधानी में अपनी नई पहचान बनाएगा।
  • इस विक्रय केंद्र में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी शूटिंग वस्त्र, खादी सर्ट़िग वस्त्र, खादी गमछा, खादी जैकेट, खादी कुर्ता, खादी पायजामा, खेस चादर, कोसा साड़ी, कोसा कुर्ती पीस, जुट पर्स और बाँस की बनी सिनरी, मिट्टी के प्रिंटेड थाली सेट और हर्बल सामग्रियों का विक्रय किया जाएगा।

उत्तराखंड Switch to English

देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड भंग

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् अधिनियम को निरस्त कर देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु

  • देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड को भंग करने का निर्णय इससे संबंधित गठित उच्च स्तरीय समिति व मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा 29 नवंबर, 2021 को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र में इस अधिनियम को वापस लिया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि 27 नवंबर, 2019 को तत्कालीन सरकार के कैबिनेट ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन विधेयक को मंज़ूरी दी थी और 5 दिसंबर, 2019 को इस विधेयक को विधानसभा में पास किया था तथा 13 जनवरी, 2020 को राज्यपाल द्वारा अनुमति दी गई और 15 जनवरी, 2020 को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी की।
  • देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के अंतर्गत चारधाम- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री तथा इनसे संबद्ध मंदिरों सहित कुल 51 मंदिर लाए गए। इस बोर्ड का कार्य इन मंदिरों की देख-रेख, आय-व्यय सृजन और विभिन्न कार्यों का प्रबंधन करने के साथ अन्य सुविधाएँ प्रदान करना था।
  • इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री तथा उपाध्यक्ष धर्मस्थ व संस्कृति मंत्री बनाए गए थे। वहीं गढ़वाल में मंडलायुक्त रविनाथ रमन को बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया था।

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