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300वाँ अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी वंदना कटारिया
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के रोशनाबाद की रहने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया ने झारखंड के राँची के मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में जारी झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी-2023 में 300वाँ अंतर्राष्ट्रीय कैप अर्जित करने वाली पहली खिलाड़ी बन गई है।
प्रमुख बिंदु
- वंदना कटारिया ने मौजूदा महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2023 में जापान के खिलाफ भारत के मैच के दौरान यह उपलब्धि हासिल की। इसके साथ ही वंदना 300 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई।
- भारत मौजूदा महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2023 में अब तक अजेय रहा है। उसने थाईलैंड के खिलाफ अपना पहला गेम 7-1 से जीता, दूसरे मैच में मलेशिया के खिलाफ 5-0 से जीत हासिल की और फिर रोमांचक मुकाबले में चीन को 2-1 से हराया।
- विदित है कि वंदना कटारिया तब सुर्खियों में आई, जब वह जर्मनी के मोनचेंग्लादबाक में जूनियर महिला विश्व कप में भारतीय टीम के लिये शीर्ष स्कोरर रही और टीम को काँस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
- वंदना ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारत के चौथे स्थान पर रहने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह ओलंपिक खेलों में हैट्रिक बनाने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी भी है।
- वंदना को 2022 में प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। अनुभवी फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना 2016 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और 2017 में महिला एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य थी।
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बदरीनाथ और गौरीकुंड राजमार्ग को जोड़ने वाली 910 मीटर लंबी सुरंग आरपार
चर्चा में क्यों?
30 अक्तूबर, 2023 को रुद्रप्रयाग ज़िला मुख्यालय में ऋषिकेश-बदरीनाथ व रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने के लिये 910 मीटर लंबी सुरंग को आरपार कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- भारत सरकार की ‘ऑलवेदर रोड परियोजना’के अंतर्गत दूसरे चरण में रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ और गौरीकुंड राजमार्ग को आपस में जोड़ने के लिये सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर 2022 में भूमि पूजन के साथ सुरंग निर्माण की कार्रवाई शुरू की गई। जबकि इस वर्ष मार्च में कार्यदायी संस्था भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बेलणी और जगतोली से सुरंग के लिये खोदाई शुरू की।
- कार्यदायी कंपनी को दिसंबर तक इस सुरंग को आरपार करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन कंपनी ने सात माह में ही 150 मज़दूरों के साथ ही मशीनों की मदद से सुरंग को आरपार कर दिया। कंपनी के आला अधिकारियों की मौजूदगी में सुरंग को बेलणी से जगतोली तक 910 मीटर आरपार किया गया।
- परियोजना के तहत सुरंग के साथ ही अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबा मोटर पुल भी प्रस्तावित है, जिसके एबेडमेंट के लिये खोदाई जोरों पर चल रहा है। एनएच के अधिकारियों के अनुसार परियोजना का कार्य जून 2025 तक पूरा कर दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि बीआरओ ने वर्ष 2008-09 में ज़िला मुख्यालय में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा था। वर्ष 2016 में भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। इसके बाद तीन चरणों में बीआरओ के अधिकारियों की मौजूदगी में सुरंग निर्माण के लिये सर्वेक्षण किया गया।
- सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2019 में भारत सरकार ने सुरंग निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए इसे ऑलवेदर रोड परियोजना के दूसरे चरण में शामिल किया। साथ ही सुरंग और अलकनंदा नदी पर पुल निर्माण के लिये 200 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी।
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