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नमामि गंगे’और पतंजलि के बीच अनुबंध
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के हरिद्वार ज़िले में पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से आयोजित गंगा बेसिन क्षेत्र में प्राकृतिक कृषि कार्यक्रम के अवसर पर प्राकृतिक खेती से किसानों की आय बढ़ाने के लिये ‘नमामि गंगे’ और पतंजलि के बीच अनुबंध हुआ।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, डीजी नमामि गंगे अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से प्राकृतिक कृषि कार्यक्रम का उद्घाटन किया और इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने नेचुरल फार्मिंग इन गंगा बेसिन रीजन (पर्सपेक्टिव एंड साल्यूशन) किताब का विमोचन भी किया।
- इसके अलावा गंगा रन में प्रतिभागी प्रथम 20 बच्चों को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
- इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान केंद्र और नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा इन दोनों के बीच में जो एमओयू का करार हुआ है, यह ऐतिहासिक अवसर है।
- विदित है कि योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने संसार में योग और आयुर्वेद को प्रतिष्ठित किया है और आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो पतंजलि से अछूता रहा हो।
- इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि संपूर्ण संसार में 60 लाख के आस-पास वनस्पति पायी जाती है और भारत में लगभग 20 हज़ार प्रकार की वनस्पति पायी जाती है और गंगा के किनारों पर हज़ारों प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती करने से पहले यह सोचने की आवश्यकता है कि किस चीज की खेती करें और किस खेती को कहाँ करने से किसानों को ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है।
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