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राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2022
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2022 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के अनुसार राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 (2002 का अधिनियम संख्या 16) की धारा 28 की विद्यमान उपधारा (7-क) हटाई गई है।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना में हटाई गई धारा से कोई भी व्यत्ति अब संचालक मंडल में लगातार दो से अधिक अवधि के लिये निर्वाचित हो सकेगा। इससे सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- विदित है कि 20 सितंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित किया था।
- विधेयक में सहकारी समितियों के दक्ष कार्यकरण के लिये लंबी सेवा वाले एवं अनुभवी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 28 की उप धारा (7-क) को हटाया गया था।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 (2002 का अधिनियम सं. 16) की धारा 28 की विद्यमान उप-धारा (7-क) यह उपबंध करती थी कि कोई भी व्यत्ति समिति के सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिये पात्र नहीं होगा, यदि वह राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2016 (2016 का अधिनियम सं. 11) के प्रारंभ के पश्चात् उसी सोसाइटी की समिति के सदस्य के रूप में लगातार दो बार के लिये निर्वाचित या सहयोजित किया जा चुका है, जब तक कि ऐसी समिति के सदस्य के रूप में उसका दूसरा कार्यकाल समाप्त होने की तारीख से पाँच वर्ष की कालावधि व्यतीत नहीं हो चुकी है।
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