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झारखंड के 22 ज़िलों के 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित
चर्चा में क्यों?
29 अक्टूबर, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में राज्य के कृषि विभाग की ग्राउंड ट्रूथिंग रिपोर्ट (ज़मीन आकलन) के आधार पर राज्य के 22 ज़िलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में राज्य के 22 ज़िलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने के साथ ही सूखा प्रभावित प्रत्येक किसान को 3500 रुपए अग्रिम के रूप में देने का निर्णय लिया गया है।
- इस बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब 30 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे तथा सूखाग्रस्त घोषित प्रखंडों के सभी प्रभावित किसान परिवारों को यह राशि शीघ्र ही उपलब्ध कराई जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे से प्रभावित किसान परिवारों को तत्काल सूखा राहत राशि उपलब्ध कराने में राज्य सरकार लगभग 1200 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
- बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद तय किया गया कि भारत सरकार से सहयोग के लिये अलग से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और कैबिनेट की बैठक में इस मामले पर सहमति बनाई जाएगी।
- गौरतलब है कि कृषि विभाग ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राज्य के सभी ज़िलों में खरीफ में सूखे की स्थिति का आकलन कराया था, जिसमें 22 ज़िलों में 226 प्रखंडों में स्थिति खराब पाई गई। इन ज़िलों को सुखाड़ के सभी मानकों के अनुरूप पाया गया है।
- कृषि विभाग के वरीय अधिकारियों की टीम रिपोर्ट के आधार पर इन ज़िलों को सुखाड़ के लायक पाया गया और इसमें 154 प्रखंडों की स्थिति ज़्यादा खतरनाक बताई गई है। 72 प्रखंडों में आंशिक सूखे की स्थिति पाई गई है, जहाँ फसल 50 फीसदी से अधिक नुकसान होने की उम्मीद है, उसको गंभीर नुकसान वाली श्रेणी में रखा गया है।
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