उत्तर प्रदेश Switch to English
रानीपुर टाइगर रिज़र्व
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2022 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि उत्तर प्रदेश में एक और टाइगर रिज़र्व रानीपुर टाइगर रिज़र्व भारत का 53वाँ बाघ रिज़र्व बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में यह रिज़र्व चित्रकूट ज़िले के रानीपुर में स्थित है, जो 36 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है। 230.32 वर्ग किमी. कोर क्षेत्र और 299.05 वर्ग किमी. बफर क्षेत्र वाला यह टाइगर रिज़र्व बाघ संरक्षण की कोशिशों को मजबूत करेगा। इसके अलावा करीब 300 वर्ग किमी. का क्षेत्रफल इसमें और जोड़ा जा रहा है।
- इससे राज्य में बाघों की संख्या में भी वृद्धि होगी, जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र में इको पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस क्षेत्र का आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास होगा तथा इसके अलावा प्राकृतिक वातावरण को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखा जा सकेगा। इस टाइगर रिजर्व से बुंदेलखंड में स्थानीय जनता को रोज़गार के नए अवसर भी मिलेंगे।
- उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित रानीपुर टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश स्थित पन्ना टाइगर रिज़र्व से महज 150 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस रिज़र्व में बाघ, तेंदुआ, भालू, सांभर, चित्तीदार हिरण, चिंकारा और कई पक्षी और सरीसृप पाए जाते हैं।
- विदित है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ के बाद यह राज्य का चौथा टाइगर रिज़र्व है तथा भारत में बाघों की हालिया गिनती 2018 में की गई थी, जिसके मुताबिक देश में 2967 बाघ हैं और इनमें से 173 उत्तर प्रदेश में हैं।
- उल्लेखनीय है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पिछले महीने रानीपुर टाइगर रिज़र्व को विकसित करने की मंजूरी मिली थी। इस बैठक में बताया गया था कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के फलस्वरूप मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में जलभराव होने के कारण यहाँ के बाघ चित्रकूट की ओर आएंगे, जिस कारण सरकार यहाँ टाइगर रिज़र्व बनाने जा रही है।
- भूपेंद्र यादव ने बताया कि रानीपुर टाइगर रिज़र्व अधिसूचित होने के बाद भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर का यह हिस्सा हो गया था। इस योजना के तहत केंद्र सरकार कुछ मदों में 60 प्रतिशत व राज्य सरकार 40 प्रतिशत धनराशि देगी। अन्य मदों में केंद्र व राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत धनराशि प्रदान करेंगी।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2022
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2022 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के अनुसार राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 (2002 का अधिनियम संख्या 16) की धारा 28 की विद्यमान उपधारा (7-क) हटाई गई है।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना में हटाई गई धारा से कोई भी व्यत्ति अब संचालक मंडल में लगातार दो से अधिक अवधि के लिये निर्वाचित हो सकेगा। इससे सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- विदित है कि 20 सितंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित किया था।
- विधेयक में सहकारी समितियों के दक्ष कार्यकरण के लिये लंबी सेवा वाले एवं अनुभवी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 28 की उप धारा (7-क) को हटाया गया था।
- उल्लेखनीय है कि राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 (2002 का अधिनियम सं. 16) की धारा 28 की विद्यमान उप-धारा (7-क) यह उपबंध करती थी कि कोई भी व्यत्ति समिति के सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिये पात्र नहीं होगा, यदि वह राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2016 (2016 का अधिनियम सं. 11) के प्रारंभ के पश्चात् उसी सोसाइटी की समिति के सदस्य के रूप में लगातार दो बार के लिये निर्वाचित या सहयोजित किया जा चुका है, जब तक कि ऐसी समिति के सदस्य के रूप में उसका दूसरा कार्यकाल समाप्त होने की तारीख से पाँच वर्ष की कालावधि व्यतीत नहीं हो चुकी है।
मध्य प्रदेश Switch to English
भोपाल दुग्ध संघ को मिला ए+ ग्रेड
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2022 को भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी.एस. तिवारी ने बताया कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा भोपाल सहकारी दुग्ध संघ को विभिन्न मानकों के आधार पर 101 अंकों के साथ ए+ ग्रेड प्रदान किया गया है।
- प्रमुख बिंदु
- आर.पी.एस. तिवारी ने बताया कि प्रदेश के किसी भी दुग्ध संघ को पहली बार इतने अंक प्राप्त हुए हैं। पिछले वर्ष भी दुग्ध संघ को 96 अंकों के साथ ए+ ग्रेड मिला था।
- भोपाल सहकारी दुग्ध संघ को विभिन्न मानकों के आधार पर 106 में से 101 अंक दिये गए हैं। ए+ ग्रेड के लिये 95-106 अंक श्रेणी सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये निर्धारित है।
- उल्लेखनीय है कि भोपाल दुग्ध संघ को यह अंक सभी आयामों में स्वच्छता, अनुभव और तकनीकी ज्ञान से संपन्न स्टाफ, दूध और दुग्ध उत्पादों के बेहतर प्रबंधन, कोल्ड स्टोरेज का हर 2 घंटे में तापमान मापन, द्वार पर प्लास्टिक स्ट्रेप कर्टेन, डबल डोर स्लाडिंग आदि में प्राप्त हुए हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्य वित्त आयोग ने किया वेब पोर्टल एवं मोबाईल ऐप लॉन्च
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों से सुगमता से जानकारी उपलब्ध कराने के लिये वेब पोर्टल एवं मोबाईल ऐप लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- अपनी अनुशंसाओं को पर्याप्त आँकड़ों के आधार पर तैयार करने के लिये एवं पंचायती राज संस्थाओं व नगरीय स्थानीय निकायों से जानकारी प्राप्त करने हेतु आयोग द्वारा वेब पोर्टल SFC-eInfo एवं मोबाईल ऐप तैयार किया है।
- आयोग के द्वारा तैयार वेब पोर्टल एवं मोबाईल ऐप से प्रत्येक पंचायत की जानकारी सुगमता से प्राप्त होगी। 11 हज़ार 664 पंचायतों से प्राप्त जानकारियों से एक वृहद डेटाबेस तैयार होगा। जिसका प्रयोग शासन के विभिन्न स्तर पर किया जा सकता है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य वित्त आयोग का गठन पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु प्रत्येक 5 वर्ष में किया जाता है।
उत्तराखंड Switch to English
नमामि गंगे’और पतंजलि के बीच अनुबंध
चर्चा में क्यों?
31 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के हरिद्वार ज़िले में पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से आयोजित गंगा बेसिन क्षेत्र में प्राकृतिक कृषि कार्यक्रम के अवसर पर प्राकृतिक खेती से किसानों की आय बढ़ाने के लिये ‘नमामि गंगे’ और पतंजलि के बीच अनुबंध हुआ।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, डीजी नमामि गंगे अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से प्राकृतिक कृषि कार्यक्रम का उद्घाटन किया और इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने नेचुरल फार्मिंग इन गंगा बेसिन रीजन (पर्सपेक्टिव एंड साल्यूशन) किताब का विमोचन भी किया।
- इसके अलावा गंगा रन में प्रतिभागी प्रथम 20 बच्चों को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
- इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान केंद्र और नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा इन दोनों के बीच में जो एमओयू का करार हुआ है, यह ऐतिहासिक अवसर है।
- विदित है कि योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने संसार में योग और आयुर्वेद को प्रतिष्ठित किया है और आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो पतंजलि से अछूता रहा हो।
- इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि संपूर्ण संसार में 60 लाख के आस-पास वनस्पति पायी जाती है और भारत में लगभग 20 हज़ार प्रकार की वनस्पति पायी जाती है और गंगा के किनारों पर हज़ारों प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती करने से पहले यह सोचने की आवश्यकता है कि किस चीज की खेती करें और किस खेती को कहाँ करने से किसानों को ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है।
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