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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Nov 2021
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उत्तर प्रदेश में ज़ीका वायरस रोग

चर्चा में क्यों?

31 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जीका वायरस का प्रसार रोकने के लिये एक उच्चस्तरीय मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग को डोर-टू-डोर सैनिटाइज़ेशन एवं फॉगिंग के साथ-साथ लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि प्रदेश में ज़ीका वायरस रोग का पहला मामला 22 अक्टूबर, 2021 को आया था, जिसके पश्चात् राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा बृहद् स्तर पर सैनिटाइज़ेशन, फॉगिंग एवं एंटीलार्वा केमिकल स्प्रे किया जा रहा है, ताकि मच्छरों की ब्रीडिंग को रोका जा सके।
  • इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है, ताकि वायरल बुखार सहित वाहक जनित बीमारियों से संबंधित लक्षणों वाले लोगों की पहचान की जा सके।
  • उल्लेखनीय है कि ज़ीका वायरस रोग मुख्यरूप से एडीज मच्छर द्वारा प्रसारित होता है। इसके अतिरिक्त ज़ीका वायरस गर्भावस्था के दौरान माँ से भ्रूण में, यौनसंपर्क, रक्त और उत्पादों के आधार तथा अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से भी पैलता है।
  • गर्भावस्था के दौरान ज़ीका वायरस के संक्रमण के कारण शिशुओं का जन्म माइक्रोसिपैली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ हो सकता है।
  • ज़ीका के उपचार के लिये कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। इससे निपटने के लिये शुरुआत में ही लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ बुखार तथा दर्द से निजात पाने हेतु रिहाइड्रेशन एवं एसिटामिनोपेन का प्रयोग किया जाता है।

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