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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Oct 2022
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प्रतापगढ़ ज़िले के लिये 1062.77 करोड़ की बृहद् परियोजना स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को राजस्थान के जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राज्य के प्रतापगढ़ ज़िले के लिये 1062 करोड़ 77 लाख रुपए की बृहद् परियोजनाओं की स्वीकृति दी।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रतापगढ़ ज़िले के प्रतापगढ़, अरनोद एवं पीपलखूंट क्षेत्र के 524 गाँवों को जाखम बांध से हर घर जल उपलब्ध कराने के लिये इन परियोजनाओं की स्वीकृति मिली है।
  • इस पेयजल योजना में जाखम बांध से प्रतापगढ़ ज़िले की प्रतापगढ़ पंचायत समिति के 136, धमोत्तर के 106, अरनोद के 83, दलोट के 103 एवं सुहागपुरा पंचायत समिति के 96, यानी कुल 524 गाँवों एवं ढाणियों की पेयजल समस्या का समाधान होगा।
  • यह परियोजना वर्ष 2053 की अभिकल्पित आबादी 6 लाख 17 हज़ार 407 को 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल मांग को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इस परियोजना से जल जीवन मिशन के तहत 82 हज़ार 525 हर घर जल कनेक्शन दिये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि बांसवाड़ा ज़िले की कुशलगढ़ एवं सज्जनगढ़ पंचायत समिति के 399 गाँवों को भी माही बांध से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये 211 करोड़ 60 लाख रुपए की पेयजल परियोजना को भी प्रशासनिक एवं वित्तीय मंज़ूरी दी गई है।

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सौर कृषि आजीविका योजना

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को अपनी अनुपयोगी अथवा बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहायता के लिये ‘सौर कृषि आजीविका योजना’ को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु

  • ‘सौर कृषि आजीविका योजना’ से किसानों को अपनी अनुपयोगी भूमि लाभकारी लीज़ दर पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये देकर आजीविका उपार्जित करने में सुविधा होगी तथा उनका जीवन-स्तर ऊपर उठेगा।
  • योजना के अंतर्गत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जहाँ किसान/भूमि मालिक अपनी ज़मीन को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये लीज पर देने हेतु पंजीकृत करा सकते हैं।
  • भूमि विकासकर्त्ता उक्त किसानों द्वारा पोर्टल पर डाला गया भूमि विवरण देख सकते हैं तथा नियमानुसार सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं।
  • सौर कृषि आजीविका योजना से विकासकर्त्ता भी संयंत्र स्थापित करने के लिये सुगमता से पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्रीय अनुदान (लागत का 30 प्रतिशत) प्राप्त कर सकेंगे।
  • राज्य सरकार द्वारा भूमि मालिक/किसान, विकासकर्त्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध किया जाएगा, ताकि भूमि मालिक/किसान को जोखिम से सुरक्षा प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो सके।
  • इस निर्णय से सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ने से राज्य सरकार द्वारा राजस्थान को एक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा तथा ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम होने से पर्यावरण प्रदूषण का स्तर कम होगा तथा आमजन को राहत मिलेगी।     

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