राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश को दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से किया सम्मानित | मध्य प्रदेश | 01 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में मध्य प्रदेश को 2 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने ‘मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट’और प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने नॉन फीचर फिल्म में बेस्ट एथनोग्राफिक फिल्म श्रेणी में ‘मांदल के बोल’के लिये रजत कमल पुरस्कार और प्रमाण-पत्र प्राप्त किये। साथ ही, फिल्म ‘मांदल के बोल’के निर्देशक राजेंद्र जांगले को भी रजत कमल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- ‘मांदल के बोल’को नॉन फीचर फिल्म में बेस्ट एथनोग्राफिक फिल्म श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। यह फिल्म मध्य प्रदेश में बैगा जनजाति के जीवन और ग्रामीण परिवेश को प्रदर्शित करती है। मध्य प्रदेश ट्राइबल म्यूजियम द्वारा निर्मित और राजेंद्र जांगले द्वारा निर्देशित 27 मिनट की फिल्म में कमेंट्री और संगीत है। फिल्म के दृश्यों के साथ सुमधुर संगीत फिल्म को बहुत खास बनाता है।
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 22 जुलाई, 2022 को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की थी।
- प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश की फिल्म नीति में फिल्मकारों को अनुदान, लोक सेवा गारंटी में समय-सीमा में अनुमति प्रदाय, सिंगल विंडो सिस्टम आदि आकर्षक पहलुओं को शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश अपने नैसर्गिक सौंदर्य और आकर्षक लोकेशन से फिल्मकारों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करता है।
- मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवॉर्ड पाने वाले मध्य प्रदेश में अब तक 350 से ज़्यादा फिल्म, सीरियल, वेब सीरीज़ सहित अन्य परियोजनाओं की शूटिंग हो चुकी है। वर्तमान में 7 फिल्म प्रोजेक्ट पिंच, तिवारी, चंदेरी हैंडलूम द वोवेन मोटिफ्स, महल, द मास्टर स्क्वॉड, करतम भुगतम, पराक्रम की शूटिंग चल रही है।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है, जिसने परियोजनाओं की अनुमति को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया है। अधिनियम में 15 कामकाजी दिवसों में फिल्म शूटिंग की अनुमति का प्रावधान है। साथ ही यह पहला ऐसा राज्य है, जिसने फिल्म नीति में दिये जाने वाले अनुदान में वेब सीरीज़, ओटीटी ओरिजिनल कंटेंट, टीवी सीरियल एवं डॉक्यूमेंट्री को शामिल किया है।
- प्रदेश में सभी फिल्मांकन अनुमतियों के लिये सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा उपलब्ध है। फिल्म पर्यटन नीति को ज़िला स्तर पर क्रियान्वित करने के लिये प्रत्येक ज़िले में एडीएम स्तर के अधिकारी को फिल्मांकन अनुमति हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
- मध्य प्रदेश को थिएटर हब कहा जाता है। यहाँ वरिष्ठ और कनिष्ठ, दोनों ही कलाकारों की उपलब्धता है। फिल्म नीति के अंतर्गत राज्य के स्थानीय कलाकारों के लिये अतिरिक्त वित्तीय अनुदान सहित फिल्म क्रू का पर्यटन विभाग के होटल एवं रिसॉर्ट में ठहरने पर छूट का प्रावधान है। साथ ही, राज्य में फिल्म उद्योग के विकास के लिये फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केंद्र आदि स्थापित करने, निजी निवेश को प्रोत्साहन एवं आरक्षित भूमि इत्यादि का प्रावधान है।