लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Oct 2022
  • 1 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

लखनऊ में 8 से 11 अक्टूबर तक होगी इंडियन रोड कॉन्ग्रेस

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने 8 से 11 अक्टूबर तक लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाले भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (आईआरसी) के 81वें वार्षिक अधिवेशन की तैयारियों की समीक्षा की।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि आखिरी बार ऐसा आयोजन 1985 में लखनऊ में हुआ था, जो आईआरसी का स्वर्ण जयंती सत्र था।
  • इस अधिवेशन में आईआरसी नई तकनीक की शुरुआत और सड़कों के रखरखाव पर चर्चा करेगी। देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों के सड़क क्षेत्र के विशेषज्ञ नई और कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों एवं इस क्षेत्र से जुड़े अन्य मुद्दों पर अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे।
  • विदित है कि भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (आईआरसी) देश में राजमार्ग इंजीनियरों की शीर्ष संस्था है। आईआरसी की स्थापना दिसंबर, 1934 में सरकार द्वारा स्थापित जयकर समिति के रूप में विख्यात भारतीय सड़क विकास समिति की सिफारिशों पर की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में सड़कों का विकास करना है।
  • आईआरसी को औपचारिक रूप से 24 सितंबर, 1937 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
  • 1934 में 73 सदस्यों के साथ स्थापित हुई आईआरसी में वर्तमान में 50 लाख से अधिक सहयोगी (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष) हैं और 17,300 से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं, जिनमें केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र, अनुसंधान संस्थान, स्थानीय निकाय, निजी क्षेत्र, ग्राही, ठेकेदार, सलाहकार, उपकरण निर्माता, मशीनरी निर्माता, सामग्री निर्माता और आपूर्तिकर्त्ता, औद्योगिक संघ, विश्व बैंक, एडीबी, जेआईसीए, जेआरए, आईआरएफ आदि जैसे बहुपक्षीय और संस्थागत संगठनों से सड़क क्षेत्र के सभी हितधारकों के इंजीनियर और व्यवसायी शामिल हैं।

बिहार Switch to English

पटना में बनेगा राज्य का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को बिहार में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया कि पटना ज़िले के जैतिया गाँव के समीप सौ एकड़ ज़मीन में राज्य का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • ज्ञातव्य है कि मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क एक प्रकार से वृहत् वेयरहाउस होता है, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होता है। यहाँ कोल्ड स्टोरेज, मशीनीकृत हैंडलिंग, बड़े-बड़े वाहनों के लिये पार्किंग व कस्टम क्लियरेंस की व्यवस्था रहती है।
  • अभी तक बिहार में एक भी लॉजिस्टिक पार्क नहीं है। इसके बनने के बाद ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पाद को स्टोर करने में सुविधा हो जाएगी।
  • पटना ज़िले के जैतिया गाँव के समीप यह जगह निर्माणाधीन आमस-दरभंगा फोरलेन के समीप है जिसके कारण इसे कई ज़िलों की सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अतिरिक्त यह नेऊरा-दनियावां रेललाइन के भी करीब है। इस कारण रेल संपर्कता भी है।
  • हाल के दिनों में कई बड़े निवेशकों ने बिहार में लॉजिस्टिक पार्क विकसित किये जाने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इनमें अडानी समूह, ओसवाल ग्रुप, टीवीएस समूह व कुछ अन्य समूह हैं। इनके द्वारा लॉजिस्टिक पार्क के लिये संगठित क्षेत्र तैयार किया जाएगा।
  • उद्योग विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि उद्योग विभाग जल्द ही अपनी लॉजिस्टिक पॉलिसी लाने की तैयारी में भी है।
  • बिहार में ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार का बड़े स्तर पर विस्तार हुआ है। इनकी समस्या यह है कि इन्हें अपने उत्पाद को स्टोर कर रखने के लिये पर्याप्त संख्या में वेयरहाउस नहीं है। परिवहन शुल्क भी बढ़ जाता है। लॉजिस्टिक पार्क रहने से इन्हें अपने उत्पादों को स्टोर कर रखने के लिये पर्याप्त जगह मिल सकेगी। लॉजिस्टिक पार्क में परिवहन की भी व्यवस्था रहेगी।    

राजस्थान Switch to English

प्रतापगढ़ ज़िले के लिये 1062.77 करोड़ की बृहद् परियोजना स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को राजस्थान के जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राज्य के प्रतापगढ़ ज़िले के लिये 1062 करोड़ 77 लाख रुपए की बृहद् परियोजनाओं की स्वीकृति दी।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रतापगढ़ ज़िले के प्रतापगढ़, अरनोद एवं पीपलखूंट क्षेत्र के 524 गाँवों को जाखम बांध से हर घर जल उपलब्ध कराने के लिये इन परियोजनाओं की स्वीकृति मिली है।
  • इस पेयजल योजना में जाखम बांध से प्रतापगढ़ ज़िले की प्रतापगढ़ पंचायत समिति के 136, धमोत्तर के 106, अरनोद के 83, दलोट के 103 एवं सुहागपुरा पंचायत समिति के 96, यानी कुल 524 गाँवों एवं ढाणियों की पेयजल समस्या का समाधान होगा।
  • यह परियोजना वर्ष 2053 की अभिकल्पित आबादी 6 लाख 17 हज़ार 407 को 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पेयजल मांग को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इस परियोजना से जल जीवन मिशन के तहत 82 हज़ार 525 हर घर जल कनेक्शन दिये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि बांसवाड़ा ज़िले की कुशलगढ़ एवं सज्जनगढ़ पंचायत समिति के 399 गाँवों को भी माही बांध से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये 211 करोड़ 60 लाख रुपए की पेयजल परियोजना को भी प्रशासनिक एवं वित्तीय मंज़ूरी दी गई है।

राजस्थान Switch to English

सौर कृषि आजीविका योजना

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को अपनी अनुपयोगी अथवा बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहायता के लिये ‘सौर कृषि आजीविका योजना’ को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु

  • ‘सौर कृषि आजीविका योजना’ से किसानों को अपनी अनुपयोगी भूमि लाभकारी लीज़ दर पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये देकर आजीविका उपार्जित करने में सुविधा होगी तथा उनका जीवन-स्तर ऊपर उठेगा।
  • योजना के अंतर्गत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जहाँ किसान/भूमि मालिक अपनी ज़मीन को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये लीज पर देने हेतु पंजीकृत करा सकते हैं।
  • भूमि विकासकर्त्ता उक्त किसानों द्वारा पोर्टल पर डाला गया भूमि विवरण देख सकते हैं तथा नियमानुसार सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं।
  • सौर कृषि आजीविका योजना से विकासकर्त्ता भी संयंत्र स्थापित करने के लिये सुगमता से पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्रीय अनुदान (लागत का 30 प्रतिशत) प्राप्त कर सकेंगे।
  • राज्य सरकार द्वारा भूमि मालिक/किसान, विकासकर्त्ता तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध किया जाएगा, ताकि भूमि मालिक/किसान को जोखिम से सुरक्षा प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो सके।
  • इस निर्णय से सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ने से राज्य सरकार द्वारा राजस्थान को एक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा तथा ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम होने से पर्यावरण प्रदूषण का स्तर कम होगा तथा आमजन को राहत मिलेगी।     

मध्य प्रदेश Switch to English

राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश को दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से किया सम्मानित

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में मध्य प्रदेश को 2 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने ‘मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट’और प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने नॉन फीचर फिल्म में बेस्ट एथनोग्राफिक फिल्म श्रेणी में ‘मांदल के बोल’के लिये रजत कमल पुरस्कार और प्रमाण-पत्र प्राप्त किये। साथ ही, फिल्म ‘मांदल के बोल’के निर्देशक राजेंद्र जांगले को भी रजत कमल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • ‘मांदल के बोल’को नॉन फीचर फिल्म में बेस्ट एथनोग्राफिक फिल्म श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। यह फिल्म मध्य प्रदेश में बैगा जनजाति के जीवन और ग्रामीण परिवेश को प्रदर्शित करती है। मध्य प्रदेश ट्राइबल म्यूजियम द्वारा निर्मित और राजेंद्र जांगले द्वारा निर्देशित 27 मिनट की फिल्म में कमेंट्री और संगीत है। फिल्म के दृश्यों के साथ सुमधुर संगीत फिल्म को बहुत खास बनाता है।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 22 जुलाई, 2022 को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की थी।
  • प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश की फिल्म नीति में फिल्मकारों को अनुदान, लोक सेवा गारंटी में समय-सीमा में अनुमति प्रदाय, सिंगल विंडो सिस्टम आदि आकर्षक पहलुओं को शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश अपने नैसर्गिक सौंदर्य और आकर्षक लोकेशन से फिल्मकारों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करता है।
  • मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवॉर्ड पाने वाले मध्य प्रदेश में अब तक 350 से ज़्यादा फिल्म, सीरियल, वेब सीरीज़ सहित अन्य परियोजनाओं की शूटिंग हो चुकी है। वर्तमान में 7 फिल्म प्रोजेक्ट पिंच, तिवारी, चंदेरी हैंडलूम द वोवेन मोटिफ्स, महल, द मास्टर स्क्वॉड, करतम भुगतम, पराक्रम की शूटिंग चल रही है।
  • गौरतलब है कि मध्य प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है, जिसने परियोजनाओं की अनुमति को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया है। अधिनियम में 15 कामकाजी दिवसों में फिल्म शूटिंग की अनुमति का प्रावधान है। साथ ही यह पहला ऐसा राज्य है, जिसने फिल्म नीति में दिये जाने वाले अनुदान में वेब सीरीज़, ओटीटी ओरिजिनल कंटेंट, टीवी सीरियल एवं डॉक्यूमेंट्री को शामिल किया है।
  • प्रदेश में सभी फिल्मांकन अनुमतियों के लिये सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा उपलब्ध है। फिल्म पर्यटन नीति को ज़िला स्तर पर क्रियान्वित करने के लिये प्रत्येक ज़िले में एडीएम स्तर के अधिकारी को फिल्मांकन अनुमति हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
  • मध्य प्रदेश को थिएटर हब कहा जाता है। यहाँ वरिष्ठ और कनिष्ठ, दोनों ही कलाकारों की उपलब्धता है। फिल्म नीति के अंतर्गत राज्य के स्थानीय कलाकारों के लिये अतिरिक्त वित्तीय अनुदान सहित फिल्म क्रू का पर्यटन विभाग के होटल एवं रिसॉर्ट में ठहरने पर छूट का प्रावधान है। साथ ही, राज्य में फिल्म उद्योग के विकास के लिये फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केंद्र आदि स्थापित करने, निजी निवेश को प्रोत्साहन एवं आरक्षित भूमि इत्यादि का प्रावधान है।       

हरियाणा Switch to English

36वें राष्ट्रीय खेलों में भीम अवार्डी अनीश भनवाला ने शूटिंग में जीता गोल्ड मेडल

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को हरियाणा के करनाल ज़िले के शूटर अनीश भनवाला ने गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित हो रहे 36वें राष्ट्रीय खेलों में शूटिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया।

प्रमुख बिंदु

  • अनीश भनवाला ने यह मेडल 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल मेन मुकाबले में हासिल किया है।
  • विदित है कि भीम अवार्डी अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ अनीश भनवाला ने बीते अगस्त माह में जर्मनी में चौथी सुहलर कप शूटिंग प्रतियोगिता में दो कांस्य पदक जीत कर देश व प्रदेश का मान बढ़ाया था। साथ ही दक्षिण कोरिया के चांगवान में आइएसएसएफ निशानेबाज़ी विश्व कप प्रतियोगिता के 25 मीटर रैपिड फायर मिक्स इवेंट में वह रजत पदक जीत चुके हैं।
  • इसके अलावा इसी वर्ष मार्च माह में मिस्र के काहिरा में इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स विश्व चैंपियनशिप के मुकाबलों के दौरान अनीश ने गोल्ड और सिल्वर मेडल हासिल किया है।
  • छोटी उम्र में अनीश की उपलब्धियों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उन्हें भीम अवार्ड से नवाजा है। वर्ष-2018 के कामनवेल्थ खेल में शूटिंग में गोल्ड जीतने वाले सबसे छोटी उम्र के खिलाड़ी अनीश दो बार राष्ट्रपति से अवार्ड हासिल कर चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।
  • उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 36वें राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ किया था, जोकि देश में सात साल बाद आयोजित हो रहे हैं। ये खेल गुजरात के अहमदाबाद के अलावा, गांधीनगर, सूरत, वड़ोदरा, राजकोट और भावनगर में हो रहे हैं।    

झारखंड Switch to English

राँची में होगी जी-20 देशों की बैठक

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को देश के जी-20 के निदेशक (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स) सहित दो सदस्यीय टीम ने राँची पुलिस मुख्यालय में झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा के साथ बातचीत करते हुए अगले जी-20 देशों की बैठक राज्य के राँची शहर में होने की जानकारी दी।

 प्रमुख बिंदु

  • झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि जी-20 (दुनिया के विकासशील व विकसित देशों का संगठन) की बैठक 16-17 फरवरी और 16-17 मार्च, 2023 को राँची में होगी।
  • बैठक का स्थल राँची का कोल इंडिया कॉन्फ्रेंस हॉल होगा। इसमें जी-20 देशों के करीब 540 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
  • विदित है कि वर्तमान में इंडोनेशिया में जी-20 की बैठक चल रही है। भारत में दिसंबर 2022 से जी-20 की बैठक करीब 50 शहरों में होनी है।
  • ऐसा पहला मौका है, जब झारखंड में इस तरह की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में जी-20 देशों में भारत के अलावा चीन, जर्मनी, फ्रांस, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
  • राँची में दोदिवसीय बैठक के दौरान जी-20 देशों के प्रतिनिधियों को उनके सुरक्षा ग्रेड के अनुसार यहाँ पर सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी, जैसे- अगर किसी को ज़ेड या ज़ेड प्लस स्तर की सुरक्षा पहले से मिली हुई है, तो उसे यहाँ पर भी उसी के अनुरूप सुरक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल पूरी तरह से छावनी में तब्दील रहेगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

बुजुर्गों के लिये छत्तीसगढ़ में प्रारंभ की जाएगी सियान हेल्पलाइन

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर प्रदेश में बुजुर्गों के लिये एक नवंबर (राज्य निर्माण दिवस) से सियान हेल्पलाइन प्रारंभ करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु 

  • यह हेल्पलाइन ऐसे वृद्धजन, जिनकी संतानें विदेश या देश के अन्य स्थानों में कार्यरत् हैं, को आपात् स्थितियों में सहायता पहुँचाने में मदद करेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर पुलिस और समाज कल्याण विभाग से चर्चा कर हेल्पलाइन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है।
  • ऐसे वृद्धजन, जो घर में अकेले हों और जिनकी संतानें प्रदेश के बाहर कार्यरत् हैं, के लिये आपात् स्थितियों में सहायता हेतु प्रदेश में कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं थी, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ सियान हेल्पलाइन शुरू करने की पहल की है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति समाज में सम्मानजनक वातावरण, जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा, चिकित्सकीय देखभाल, आश्रय प्रदान करने तथा विधिक सुरक्षा हेतु व्यापक प्रबंध किये गए हैं। ‘मुख्यमंत्री पेंशन योजना’और ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना’के माध्यम से बुजुर्गों को पेंशन राशि प्रदान की जा रही है।
  • निराश्रित बुजुर्गों को नि:शुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा तथा पारिवारिक वातावरण प्रदान करने के लिये प्रदेश के 23 ज़िलों में 31 वृद्धाश्रम संचालित किये जा रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक ज़िले में कम-से-कम एक वृद्धाश्रम संचालित हो, ताकि निराश्रित बुजुर्गों को आश्रय मिल सके।
  • मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि ऐसे बुजुर्ग, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं या वृद्धावस्था के कारण दैनिक क्रियाकलाप के लिये पूरी तरह दूसरों पर आश्रित हैं, उनकी चिकित्सा और देखरेख के लिये कबीरधाम, दुर्ग एवं बालोद ज़िले में प्रशामक देखरेख गृह शुरू किये गए हैं।
  • बुजुर्गों को वृद्धावस्था में होने वाली समस्या के निराकरण हेतु उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहायक उपकरण, चिकित्सीय देखभाल की सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये वरिष्ठ नागरिक सहायक उपकरण प्रदाय योजना संचालित की जा रही है। इसके माध्यम से बुजुर्गों को वाकर, बैसाखी, छड़ी, व्हील चेयर, चश्मा, श्रवण यंत्र जैसे उपकरण प्रदान किये जाते हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 पर किये हस्ताक्षर

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर किये। यह विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा 25 जुलाई, 2022 को पारित किया गया था।

प्रमुख बिंदु 

  • इस संशोधन विधेयक द्वारा छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 (क्र. 25 सन् 2004) की धारा 13 की उपधारा (2) में परिवर्तन किया गया है।
  • इस संशोधन के पश्चात् छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय कुलपति की पदावधि को 4 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष तक या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, किया गया है। साथ ही, उसकी दो-से-अधिक पदावधि की नियुक्ति की पात्रता के निर्बंधन को भी समाप्त किया गया है।
  • इसके अलावा इस संशोधन विधेयक द्वारा मूल अधिनियम की धारा 22 की उप-धारा(1) के खंड (आठ) एवं (नौ) को, खंड (आठ), (नौ) एवं खंड(दस) से प्रतिस्थापित किया गया है। इस संशोधन में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल)/ भिलाई इस्पात् संयंत्र(बीएसपी), भिलाई के पदेन प्रभारी निदेशक/सी.ई.ओ. एवं कार्यपालक निदेशक( कार्मिक और प्रशासन) को विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2022 पर किये हस्ताक्षर

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर किये। इस संशोधन में विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों के लिये वर्तमान में प्रभावशील ऊर्जा प्रभार के शुल्क की दरों में प्रतिशत में वृद्धि की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • विधेयक के भाग क (धारा 3(1) (अ) ) में उल्लेखित सरल क्र. 1 व 2 में क्रमश: घरेलू उपभोक्ताओं के लिये वर्तमान ऊर्जा प्रभारों के प्रतिशत में प्रभावशील शुल्क की दर 8 प्रतिशत में 3 प्रतिशत वृद्धि उपरांत 11 प्रतिशत तथा गैर-घरेलू उपभोक्ता के लिये वर्तमान प्रभावशील दर 12 प्रतिशत में 5 प्रतिशत वृद्धि उपरांत 17 प्रतिशत शुल्क निर्धारित किया गया है।
  • इसी प्रकार भाग क (धारा 3(1) (अ) ) में सरल क्र.3 से 13 के विभिन्न उपभोक्ता श्रेणी तथा औद्योगिक इकाईयों, लघु व मध्यम उद्योगों आदि के लिये शुल्क वृद्धि की गई है। सरल क्र.14 व 15 के लिये अनुसूची की उच्चतम दर निर्धारित की गई है।
  • इसी प्रकार भाग ख की धारा 3 (1) (ब) में सरल क्र. 16 के उपभोक्ता, अर्थात् राज्य के बाहर खुली पहुँच के माध्यम से अभिप्राप्त विद्युत उपभोग के लिये शुल्क की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
  • विधेयक के भाग-ग (धारा 3 (1) (स)) के सरल क्र. 17, 19, 20, 21, 22 और 24 में उल्लेखित उत्पादन कंपनियों, राज्य की निजी व सार्वजनिक कंपनियाँ आदि इकाईयों के लिये ऊर्जा प्रभारों के प्रतिशत में शुल्क की दरें बढ़ाई गई हैं तथा सरल क्र. 18 में उल्लेखित उत्पादन इकाईयों के लिये शुल्क यथावत रखा गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

स्वच्छता सर्वेक्षण की इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) में छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकाय पहले नंबर पर, एक को मिला दूसरा स्थान

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को स्वच्छता सर्वेक्षण की इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) में विजयी शहरों का ऐलान किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ के सात नगरीय निकाय पहले नंबर पर और एक दूसरे स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु 

  • आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 का पुरस्कार वितरण समारोह 1 अक्टूबर, 2022 को तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
  • इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति एवं केंद्रीय मंत्री द्वारा पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। पुरस्कारों की विस्तृत घोषणा अभी तक भारत सरकार द्वारा नहीं की गई है। पुरस्कारों के विवरण राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार डेशबोर्ड के उद्घाटन उपरांत प्राप्त होंगे।
  • इंडियन स्वच्छता लीग में अलग-अलग वर्गों के तहत 15 हज़ार से कम आबादी वाले नगरीय निकायों में भटगांव और माना कैंप, 15 से 25 हज़ार की आबादी में खैरागढ़, 25 से 50 हज़ार की आबादी वाले निकाय में जशपुर नगर और कोंडागांव, 50 हज़ार से 1 लाख में बिरगांव, 1 लाख से 3 लाख की आबादी में अंबिकापुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किये हैं, वहीं 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में रायपुर ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
  • स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 हेतु राज्य के समस्त 169 नगरीय निकायों ने भाग लिया है। इस हेतु विगत 8 माह से लगातार सर्वे की टीम निकायों के भ्रमण पर रही था। सर्वे की टीम द्वारा निकायों में मिशन क्लीन सिटी, स्वच्छता श्रृंगार, सुविधा 24, गोधन न्याय योजना, निदान-1100, निष्ठा आदि राज्य प्रवर्तित योजनाओं के साथ-साथ स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति का निरीक्षण किया गया। निकायों के निरीक्षण उपरांत ओडीएफ की स्थिति पूर्व वर्षों की तरह ही अच्छी पाई गई।
  • इस बार के आयोजित समारोह में देश में सबसे अधिक निकाय छत्तीसगढ़ के ही ओडीएफ होने की उम्मीद है।
  • राज्य शासन द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित जन-जागरण प्रतिनिधियों, जैसे- महापुरुषों की प्रतिमाओं की नागरिकों द्वारा साफ-सफाई, चौराहों की ब्रांडिंग, स्मारकों का रख-रखाव आदि में भी राज्य के निकायों का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहने की उम्मीद है।  

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में मोहाली की तर्ज़ पर बसेंगे अलग-अलग शहर

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के शहरी विकास एवं आवास के अपर मुख्य सचिव आनंदवर्द्धन ने चंडीगढ़ के उप नगर मोहाली की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी अब अलग-अलग शहर बसाए जाने की जानकारी दी।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य में अब अलग-अलग शहर बसाए जाने के संबंध में उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद ने निजी विकासकर्त्ताओं से आवेदन मांगे हैं। यह टाउनशिप तीन श्रेणियों में विकसित की जा सकती है।
  • नेबरहुड- यह छोटी टाउनशिप होगी। मैदानी क्षेत्रों में छह हेक्टेयर से 20 हेक्टेयर और पर्वतीय क्षेत्रों में तीन हेक्टेयर से दस हेक्टेयर भूमि पर ही यह टाउनशिप विकसित की जा सकेगी।
  • टाउनशिप- मैदानी क्षेत्रों में 20 से 40 हेक्टेयर भूमि पर और पर्वतीय क्षेत्रों में 10 से 20 हेक्टेयर भूमि पर यह टाउनशिप विकसित की जा सकेगी।
  • स्पेशल टाउनशिप- मैदानी क्षेत्रों में 40 हेक्टेयर से अधिक भूमि और पर्वतीय क्षेत्रों में 20 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर यह टाउनशिप विकसित की जाएगी।
  • उत्तराखंड सरकार की इस योजना का उदेश्य यह है कि पुराने शहरों का बोझ कम हो और नए शहरों में लोगों को अत्याधुनिक सुविधाएँ मिलें। सभी टाउनशिप की उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद निगरानी करेगा।
  • सरकार ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिये टास्क फोर्स का गठन किया है। प्राप्त आवेदनों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। विशेषज्ञ यह बताएंगे कि संबंधित ज़मीन पर टाउनशिप विकसित हो सकती है या नहीं। इसके बाद उस जगह का मास्टर प्लान तैयार होगा। विकासकर्त्ता को उस जगह पर सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करानी होंगी।
  • भू-उपयोग परिवर्तन से लेकर मास्टर प्लान, रेरा से पंजीकरण सहित तमाम सरकारी कामों में विकासकर्त्ता को परिषद से सहयोग मिलेगा, हालाँकि सरकारी शुल्क जमा कराने होंगे।
  • मोहाली की तर्ज़ पर जो शहर बनेंगे, वहाँ स्कूल, कॉलेज से लेकर अस्पताल और खेल के मैदान तक की पूरी सुविधा होगी।
  • मोहाली को जैसे सेक्टर में बाँटा गया है, वैसे ही उत्तराखंड के शहरों को भी सेक्टर में बाँटा जा सकेगा। इसमें विशेष क्षेत्र, जैसे- आईटी कंपनियों के लिये या अन्य रोज़गार देने वाली कंपनियों के लिये भी अलग से जगह सुरक्षित की जाएगी।

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने डोईवाला में रानीपोखरी जाखन पुल का उद्घाटन किया

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डोईवाला में आयोजित एक कार्यक्रम में ऋषिकेश-भानियावाला मोटर मार्ग पर महत्त्वपूर्ण रानीपोखरी जाखन नदी और विधानसभा विकासनगर के अंतर्गत लंबरपुर लांघा मोटर मार्ग में शीतला नदी पर बने पुल का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि पिछले साल 2021 में पुल टूट जाने के बाद जनवरी 2022 में नया पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। कार्यदायी संस्था हिमालयन कंस्ट्रक्शन ने पुल निर्माण का कार्य 6 जुलाई को पूरा कर लिया।
  • मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ऋषिकेश, गढ़वाल आदि को राजधानी से जोड़ने वाला यह महत्त्वपूर्ण पुल है। पुल से स्थानीय जनता के अलावा सैलानियों को भी सुगमता होगी।
  • केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि से जनपद के विकास खंड डोईवाला के अंतर्गत भानियावाला मार्ग मोटर मार्ग के 15किमी. में 280 मीटर स्पान के गर्डर सेतु का निर्माण किया गया है। रानीपोखरी पुल के लिये स्वीकृत लागत 18 करोड़ रुपए थी।
  • मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन और दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड पर तेज़ी से काम चल रहा है। एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी दो घंटे में पूरी हो जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना की तर्ज़ पर मानसखंड कॉरिडोर को भी राज्य का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट तय कर इस पर कार्य शुरू कर दिया गया है। ऑल वेदर रोड से अब यात्रा सुगम व सुरक्षित हो गई है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2