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राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव (संस्कृति और पर्यटन) शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार का वर्ष 2019 और भटके विमुक्त विकास प्रतिष्ठान का वर्ष 2020 के लिये ‘राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान’ हेतु चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- दोनों संगठनों को ये पुरस्कार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर, 2021 को रविंद्र भवन में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान समारोह में प्रदान किये जाएंगे।
- समारोह में हरिद्वार में स्थापित अखिल विश्व गायत्री परिवार और यमगरवाड़ी (उस्मानाबाद) में स्थापित भटके विमुक्त विकास प्रतिष्ठान को 10 लाख रुपए की आय कर मुक्त सम्मान राशि, सम्मान पटिका, शॉल और श्रीफल प्रदान किये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृति में गांधी विचार दर्शन के अनुरूप समाज में रचनात्मक पहल, सांप्रदायिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन ने वर्ष 1995 में यह सम्मान स्थापित किया था।
- राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान किसी भी संस्था को प्रदान किया जाने वाला मध्य प्रदेश का बड़ा सम्मान है।
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भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय केंद्र
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2021 को मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जयंत सोनवलकर ने बताया कि भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के छात्र सुविधा केंद्र अब प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में खुलेंगे।
प्रमुख बिंदु
- कुलपति सोनवलकर ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, सागर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद और बड़वानी में स्थित 11 क्षेत्रीय केंद्रों के साथ, विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 2 लाख विद्यार्थियों के प्रवेश का लक्ष्य रखा है।
- उन्होंने कहा कि छात्रों को भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिये रामचरित मानस से सामाजिक विकास में डिप्लोमा शुरू किया गया है। छात्रों के लिये ऑडियो-वीडियो व्याख्यान सेवा भोज वाणी तथा भोज दर्शन भी आयोजित किये जा रहे हैं।
- विश्वविद्यालय की ई-सामग्री और स्व-शिक्षण सामग्री भी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जो दूरस्थ शिक्षा वाले कॉलेज और पारंपरिक विश्वविद्यालय के छात्रों के लिये ओपन सोर्स में भी उपलब्ध हैं।
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उज्जैन में तारामंडल परिसर में विज्ञान केंद्र का भूमिपूजन
चर्चा में क्यों?
30 सितंबर, 2021 को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उज्जैन में तारामंडल परिसर में विज्ञान केंद्र का भूमिपूजन किया तथा प्रदर्शनी की विवरणिका का विमोचन भी किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद कलकत्ता तथा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की योजना के अंतर्गत इस विज्ञान केंद्र की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र पाँच एकड़ क्षेत्र में लगभग 16.70 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होगा।
- इस केंद्र के स्थापित होने से शिक्षा से जुड़े लोग लाभान्वित तथा जन-समुदाय की विज्ञान में रुचि बढ़ेगी। विज्ञान के अनसुलझे रहस्यों के बारे में विद्यार्थी जान सकेंगे। विज्ञान केंद्र में आधुनिक उपकरण लगेंगे। इसे आगे चलकर काल गणना के बड़े केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इस विज्ञान केंद्र की मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं-
- इसे इनोवेशन हब बनाया जाएगा तथा इसमें कई हाईटेक उपकरण व गैजेट्स लगेंगे।
- इनोवेशन हब में उपकरणों पर विद्यार्थी शोध कर सकेंगे।
- विद्यार्थियों को लैब में मृदा, जल एवं खाद्य पदार्थ के नमूनों का परीक्षण करना भी सिखाया जाएगा।
- विज्ञान केंद्र में 14 करोड़ में थ्रीडी स्टूडियो भी बनेगा, जिसमें विज्ञान की दृष्टि से सबसे उन्नत उपकरण लगाए जाएंगे।
- इस केंद्र की स्थापना के लिये राज्य शासन 8.65 करोड़ रुपए देगी तथा शेष राशि 6.55 करोड़ रुपए राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, कोलकाता और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से दी जाएगी।
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