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स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Oct 2021
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झारखंड Switch to English

कायाकल्प पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2021 को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के लिये 67 सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों को कायाकल्प पुरस्कार प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदान किये गए पुरस्कारों में वर्ष 2019-20 के लिये पाकुड़ ज़िला अस्पताल को एवं 2020-21 के लिये रामगढ़ तथा खूंटी ज़िला अस्पतालों को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। इनके अतिरिक्त 32 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs), 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHCs) तथा 28 स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्रों को भी कायाकल्प पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • उललेखनीय है कि कायाकल्प पुरस्कार वर्ष 2015 से स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों को कैंपस में स्वच्छता बनाए रखने के लिये दिया जाता है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

आत्मनिर्भर किसान एकीकृत विकास योजना

चर्चा में क्यों?

30 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के किसानों को सशक्त बनाने के मिशन के तहत ‘आत्मनिर्भर किसान एकीकृत विकास योजना’ शुरू की। इस योजना के तहत 2,725 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) का गठन किया जाएगा, जिससे 27.25 लाख शेयरधारक किसानों को सीधे लाभ होगा।

प्रमुख बिंदु

  • कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिये प्रत्येक ब्लॉक में कम-से-कम एक FPO स्थापित करने का फैसला किया है। चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने इस योजना के लिये 100 करोड़ रुपए निर्धारित किये हैं।
  • कृषि विभाग ने आगे कहा कि सरकार अगले पाँच वर्षों के लिये प्रति वर्ष 625 FPO स्थापित करेगी। केंद्र सरकार के संस्थानों के अलावा उत्तर प्रदेश डायवर्सिफाइड एग्रीकल्चर सपोर्ट प्रोजेक्ट (DASP), हॉर्टिकल्चर फेडरेशन, योग्य FPO और स्वैच्छिक संगठन FPO के गठन के लिये मिलकर काम करेंगे। प्रत्येक FPO से औसतन 1.5 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।
  • 722.85 करोड़ रुपए की इस योजना से अगले पाँच वर्षों में किसान उत्पादक संगठनों (FPO) से जुड़े 27 लाख से अधिक किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
  • वर्तमान में प्रदेश के कुल 824 प्रखंडों में से 408 प्रखंडों में कुल 693 FPO का गठन किया गया है। औसतन लगभग 500 से 1,000 किसान FPO से जुड़े हैं। 
  • FPO के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सकेगा। योजना के तहत राज्य में कार्यरत् FPO से जुड़े किसानों को 5 लाख रुपए के ऋण पर चार प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। इस प्रकार कृषि विकास से जुड़ी संस्थाएँ कृषि के बुनियादी ढाँचे को विकसित करके खेती की लागत को कम करने और किसानों की आय में वृद्धि करने में सक्षम होंगी।
  • योजना के तहत क्लस्टर आधारित कारोबारी संगठनों को पाँच वर्षों के लिये FPO बनाने हेतु पाँच लाख रुपए और नवगठित FPO को तीन साल के लिये छह लाख रुपए सालाना का कर्ज़ दिया जाएगा। 
  • फसल कटाई के बाद की बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिये FPO को तीन प्रतिशत की दर से ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे FPO से जुड़े कम-से-कम 500 से 1,000 किसानों को लाभ होगा और प्रत्येक वर्ष 3,000 नौकरियों का सृजन भी होगा।
  • गौरतलब है कि अभी तक राज्य में उर्वरक, बीज एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाली कृषि सहकारी समितियाँ (PACS) मार्जिन मनी के अभाव में कृषि अधोसंरचना कोष (AIF) की योजना का लाभ नहीं उठा पा रही थीं। अब राज्य के 1,500 PACS इस योजना से किसानों को लाभान्वित कर सकेंगी।
  • साथ ही सस्ते कर्ज़ की उपलब्धता से राज्य की प्रत्येक PACS 20 लाख रुपए की परियोजना शुरू कर सकेंगी। PACS के ऐसे प्रोजेक्ट में राज्य सरकार 4 लाख रुपए मार्जिन मनी के तौर पर देगी, जबकि AIF 16 लाख रुपए देगी। इसकी ब्याज दर एक फीसदी होगी।
  • इस पैसे से PACS गोदाम बना सकेंगे, जिससे किसानों को लंबे समय तक अपनी उपज के भंडारण में मदद मिलेगी। साथ ही कृषि उत्पादन मंडी परिषद की 27 मंडियों में कटाई उपरांत भंडारण एवं प्रबंधन अधोसंरचना के निर्माण के लिये 140 करोड़ रुपए की योजना तैयार की गई है। मंडी परिषद भी AIF से महज़ 3 फीसदी की ब्याज दर पर कर्ज़ लेकर संसाधन बढ़ा सकेगी।

    बिहार Switch to English

    नीति आयोग की तर्ज़ पर रैंकिंग

    चर्चा में क्यों?

    हाल ही में बिहार के योजना एवं विकास मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने नीति आयोग की तर्ज़ पर वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये पूरे प्रदेश में ज़िलेवार रैंकिंग करने की घोषणा की है।

    प्रमुख बिंदु

    • यह रैंकिंग सतत् विकास लक्ष्य के लिये निर्धारित 17 प्रमुख मानकों के क्रियान्वयन पर राज्य के ज़िलों की स्थिति का मूल्यांकन करते हुए जारी की जाएगी।
    • इस संबंध में योजना एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुवहानी ने राज्य के सभी ज़िलाधिकारियों को पत्र लिखकर लक्ष्य को लेकर ज़िला सूचकांक फ्रेमवर्क तैयार करने को कहा है।
    • इसमें यह अवलोकन किया जाएगा कि गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति, महिला सशक्तीकरण एवं पर्यावरण सुरक्षा जैसे सतत् विकास लक्ष्य के विभिन्न आयामों पर ज़िले की क्या उपलब्धि रही है।
    • ज़िला स्तर पर सतत् विकास लक्ष्य का मूल्यांकन के लिये ज़िला योजना पदाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वहीं इसकी संपूर्ण प्रक्रिया की निगरानी (मॉनीटरिंग) की ज़िम्मेदारी ज़िलाधिकारी को दी गई है।
    • उललेखनीय है कि सतत् विकास के उद्देश्य को पूरा करने हेतु सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की शिखर बैठक में 17 सतत् विकास लक्ष्यों को अपनाया गया था। यह ब्वर्ष 2016-30 के लिये वैश्विक एजेंडा है, जो 1 जनवरी, 2016 को लागू हुआ था।

    राजस्थान Switch to English

    प्रदेश में 4 नए मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास

    चर्चा में क्यों?

    30 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से राजस्थान के सिरोही, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़ एवं दौसा ज़िलों में स्थापित किये जाने वाले 4 नए मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया। 

    प्रमुख बिंदु

    • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से बाकी बचे जालौर, राजसमंद और प्रतापगढ़ ज़िलों में भी राजकीय मेडिकल कॉलेज को शीघ्र मंज़ूरी देने का आग्रह किया।
    • उन्होंने कहा कि राज्य के 33 में से 30 ज़िलों में मेडिकल कॉलेज या तो संचालित हैं या फिर निर्माण की प्रक्रिया में हैं और वर्ष 2023 तक ये संचालन अवस्था में होंगे।
    • उल्लेखनीय है कि केंद्र प्रायोजित योजना के तहत वर्तमान में राजस्थान में 16 मेडिकल कॉलेजों का निर्माणकार्य प्रक्रियाधीन है। 5 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बन रहे इन महाविद्यालयों की कुल लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा (लगभग 2 हज़ार करोड़ रुपए) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। 
    • ये कॉलेज सिरोही, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़ और दौसा के अलावा अलवर, बूंदी, टोंक, झुंझुनूं, नागौर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, चित्तौड़गढ़, बारां, सवाई माधोपुर, करौली तथा धौलपुर में भी बन रहे हैं।
    • वर्तमान में राज्य में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 2830 सीटें हैं। निर्माणाधीन सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के आरंभ होने के बाद एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 4 हज़ार से अधिक होने की संभावना है।

    मध्य प्रदेश Switch to English

    राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान

    चर्चा में क्यों?

    30 सितंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव (संस्कृति और पर्यटन) शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार का वर्ष 2019 और भटके विमुक्त विकास प्रतिष्ठान का वर्ष 2020 के लिये ‘राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान’ हेतु चयन किया गया है।

    प्रमुख बिंदु

    • दोनों संगठनों को ये पुरस्कार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर, 2021 को रविंद्र भवन में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान समारोह में प्रदान किये जाएंगे।
    • समारोह में हरिद्वार में स्थापित अखिल विश्व गायत्री परिवार और यमगरवाड़ी (उस्मानाबाद) में स्थापित भटके विमुक्त विकास प्रतिष्ठान को 10 लाख रुपए की आय कर मुक्त सम्मान राशि, सम्मान पटिका, शॉल और श्रीफल प्रदान किये जाएंगे।
    • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृति में गांधी विचार दर्शन के अनुरूप समाज में रचनात्मक पहल, सांप्रदायिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश शासन ने वर्ष 1995 में यह सम्मान स्थापित किया था। 
    • राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान किसी भी संस्था को प्रदान किया जाने वाला मध्य प्रदेश का बड़ा सम्मान है।

    मध्य प्रदेश Switch to English

    भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय केंद्र

    चर्चा में क्यों?

    30 सितंबर, 2021 को मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जयंत सोनवलकर ने बताया कि भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के छात्र सुविधा केंद्र अब प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में खुलेंगे।

    प्रमुख बिंदु

    • कुलपति सोनवलकर ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, सागर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद और बड़वानी में स्थित 11 क्षेत्रीय केंद्रों के साथ, विश्वविद्यालय ने इस वर्ष 2 लाख विद्यार्थियों के प्रवेश का लक्ष्य रखा है।
    • उन्होंने कहा कि छात्रों को भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिये रामचरित मानस से सामाजिक विकास में डिप्लोमा शुरू किया गया है। छात्रों के लिये ऑडियो-वीडियो व्याख्यान सेवा भोज वाणी तथा भोज दर्शन भी आयोजित किये जा रहे हैं।
    • विश्वविद्यालय की ई-सामग्री और स्व-शिक्षण सामग्री भी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जो दूरस्थ शिक्षा वाले कॉलेज और पारंपरिक विश्वविद्यालय के छात्रों के लिये ओपन सोर्स में भी उपलब्ध हैं।

    मध्य प्रदेश Switch to English

    उज्जैन में तारामंडल परिसर में विज्ञान केंद्र का भूमिपूजन

    चर्चा में क्यों?

    30 सितंबर, 2021 को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उज्जैन में तारामंडल परिसर में विज्ञान केंद्र का भूमिपूजन किया तथा प्रदर्शनी की विवरणिका का विमोचन भी किया।

    प्रमुख बिंदु

    • राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद कलकत्ता तथा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की योजना के अंतर्गत इस विज्ञान केंद्र की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र पाँच एकड़ क्षेत्र में लगभग 16.70 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होगा। 
    • इस केंद्र के स्थापित होने से शिक्षा से जुड़े लोग लाभान्वित तथा जन-समुदाय की विज्ञान में रुचि बढ़ेगी। विज्ञान के अनसुलझे रहस्यों के बारे में विद्यार्थी जान सकेंगे। विज्ञान केंद्र में आधुनिक उपकरण लगेंगे। इसे आगे चलकर काल गणना के बड़े केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इस विज्ञान केंद्र की मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं-
      • इसे इनोवेशन हब बनाया जाएगा तथा इसमें कई हाईटेक उपकरण व गैजेट्स लगेंगे।
      • इनोवेशन हब में उपकरणों पर विद्यार्थी शोध कर सकेंगे।
      • विद्यार्थियों को लैब में मृदा, जल एवं खाद्य पदार्थ के नमूनों का परीक्षण करना भी सिखाया जाएगा।
      • विज्ञान केंद्र में 14 करोड़ में थ्रीडी स्टूडियो भी बनेगा, जिसमें विज्ञान की दृष्टि से सबसे उन्नत उपकरण लगाए जाएंगे।
      • इस केंद्र की स्थापना के लिये राज्य शासन 8.65 करोड़ रुपए देगी तथा शेष राशि 6.55 करोड़ रुपए राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, कोलकाता और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से दी जाएगी।

    हरियाणा Switch to English

    हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2020 के लिये विभिन्न पुरस्कारों की घोषणा

    चर्चा में क्यों?

    30 सितंबर, 2021 को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2020 के लिये हिन्दी व हरियाणवी भाषा के श्रेष्ठ कृति पुरस्कारों, हिन्दी कहानी पुरस्कारों और पांडुलिपि अनुदानों की घोषणा की गई हैं। 

    प्रमुख बिंदु

    • श्रेष्ठ कृति पुरस्कारों के लिये हिन्दी कविता वर्ग में हिसार की डॉ. शर्मीला की कृति ‘तीन टुकड़ा सूरज’, कहानी वर्ग में रोहतक के विजय विभोर के कथा संग्रह ‘फिर वही पहली रात’, उपन्यास वर्ग में पंचकूला के लाजपतराय के ‘पल जो यूं गुजरें’, निबंध वर्ग में अंबाला शहर के पंकज शर्मा के व्यंग संग्रह ‘मुफ्त बातों के मुफ्तलाल’, जीवनी वर्ग में चरखीदादरी के डॉ. अशोक कुमार की पुस्तक ‘हरियाणा शिखर महिलाएँ’, यात्रा वृत्तांत वर्ग में हिसार के बलजीत सिंह की कृति ‘काले पानी का सफेद सच’ तथा बाल साहित्य वर्ग में भिवानी के महेंद्र सिंह सागर की कृति ‘बाल उड़ान’ को चयनित किया गया है। 
    • इसी प्रकार हरियाणवी भाषा में झज्जर के डॉ. जयभगवान शर्मा के काव्य संग्रह ‘यादां का झरोखा’ तथा सोनीपत के रामबीर सिंह की ‘लोककला सिरमौर: निहालचंद शिवचरण’ को श्रेष्ठ कृति पुरस्कार के लिये चुना गया है। इन पुरस्कार विजेताओं को 31-31 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
    • इसी प्रकार वर्ष 2020 की हिन्दी कहानी प्रतियोगिता में सिरसा के सुरेश बरनवाल की कहानी ‘गीले पन्ने’ को प्रथम स्थान, फरीदाबाद की भावना सक्सेना की कहानी ‘नौबत’ को द्वितीय और भिवानी की विनिता मलिक ‘नवीन’ की कहानी ‘एडजस्ट करूँगी’ को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इन पुरस्कार विजेताओं को क्रमश: 5,000 रुपए, 4,000 रुपए और 3,000 रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
    • वर्ष 2020 के लिये प्राप्त पांडुलिपियों में से हिन्दी व हरियाणवी भाषा की कुल 20 पांडुलिपियों का अनुदान के लिये चयन किया गया है। इस योजना के तहत पुस्तक के प्रकाशन के उपरांत लेखक को 20,000 रुपए तक की अनुदान राशि प्रदान की जाती है।
    • जिन लेखकों की पांडुलिपियों का चयन किया गया है, उनमें करतार सिंह जाखड़ (भिवानी), शारदा मित्तल (पंचकूला), सुनीता देवी (संगरूर), डॉ. हेमलता शर्मा (पंचकूला), श्याम वशिष्ठ (भिवानी), सीमा गुप्ता (पंचकूला), डॉ. सुरेश कुमार (अंबाला छावनी), डॉ. सत्यवान सौरभ (भिवानी), नीलम नारंग (हिसार), विजय विभोर (रोहतक), बनी सिंह जांगड़ा (हिसार), अशोक बैरागी (सोनीपत), बी. मदन मोहन (जगाधरी), विपिन चौधरी (हिसार), राजबीर वर्मा (करनाल), त्रिलोक चंद (महेंद्रगढ़), दलबीर सिंह (रेवाड़ी), शिखा कुमारी (हिसार), सेवा सिंह (चंडीगढ़) और डॉ. बहादुर सिंह (यमुनानगर) शामिल हैं।

    हरियाणा Switch to English

    राज्य के 14,386 सरकारी स्कूलों में ‘फर्स्ट-एड बॉक्स’

    चर्चा में क्यों?

    30 सितंबर, 2021 को हरियाणा सरकार ने राज्य के 14,386 सरकारी स्कूलों में प्राथमिक उपचार के समय काम आने वाली दवाओं से युक्त ‘फर्स्ट-एड बॉक्स’ स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है।

    प्रमुख बिंदु

    • हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के माध्यम से सरकार ने प्रदेश के 11,049 प्राइमरी व 3,337 सेकेंडरी स्कूलों में ‘फर्स्ट-एड बॉक्स’ की किट खरीदने के लिये बजट निर्धारित किया है।
    • इसके लिये परिषद ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये कुल करीब 3 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी है। प्रत्येक स्कूल के लिये 2,000 रुपए निर्धारित किये गए हैं।
    • इसके तहत विज्ञान के अध्यापक को ‘फर्स्ट-एड’ का प्रशिक्षण देकर इंचार्ज बनाया जाएगा।
    • स्कूली बच्चों को तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान करने हेतु सरकार ने ‘स्कूल स्तर पर बचाव व सुरक्षा के लिये फंड’ योजना के तहत प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों हेतु 2 करोड़ 87 लाख 72 हज़ार रुपए जारी किये हैं।

    छत्तीसगढ़ Switch to English

    मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई (MRHRU)

    चर्चा में क्यों?

    30 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवा निगम (सीजीएमएससी) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के बीच छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले के झीट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई (MRHRU) की स्थापना हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।

    प्रमुख बिंदु

    • राज्य शासन की ओर से सीजीएमएससी के प्रबंध निदेशक कार्तिकेय गोयल और आईसीएमआर की ओर से राष्ट्रीय जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (NTHRI), जबलपुर के निदेशक डॉ. अरूप दास ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
    • इसके तहत एमआरएचआरयू चिकित्सा कर्मचारियों को बीमारियों के निदान, निगरानी, अनुसंधान और प्रशिक्षण में मदद करेगी।
    • यह मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई 2 करोड़ रुपए के निवेश से 11,000 वर्ग फुट में स्थापित की जाएगी।
    • इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि अब तक वेक्टर जनित बीमारियों के नमूने जाँच के लिये जबलपुर और अन्य राज्यों में भेजे जाते थे। अब प्रदेश में ही यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

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