उत्तर प्रदेश Switch to English
ज़िलों में विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा अब होगी अलग-अलग
चर्चा में क्यों?
- 31 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के ज़िलों में अब कानून व्यवस्था और विकास कार्यों का मूल्यांकन, अनुश्रवण और समीक्षा अलग-अलग स्तर पर होगी। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार सरकारी विभागों के विकास कार्य और कानून व्यवस्था में विभिन्न स्तर के अधिकारियों की समीक्षा सीएम डैश बोर्ड पर उपलब्ध सूचना के आधार पर की जाएगी। खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर उनके कार्य में सुधार कराया जाएगा।
- शासन के आदेश के बाद 68 ज़िलों में ज़िलाधिकारी कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। वहीं पुलिस आयुक्त प्रणाली वाले लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, नोएडा, प्रयागराज और गाज़ियाबाद में पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।
- मंडल स्तर पर कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा अब अलग-अलग होगी। ज़िलास्तरीय समीक्षा बैठक के एक सप्ताह की अवधि में मंडलस्तरीय बैठक का आयोजन करना होगा।
- मंडल स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा बैठक मंडलायुक्त की अध्यक्षता में होगी। जिन मंडल मुख्यालयों पर पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं हैं, वहाँ पर कानून व्यवस्था की बैठक भी मंडलायुक्त की अध्यक्षता में ही होगी। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक एवं मंडल में स्थित ज़िलों के पुलिस कप्तान मौजूद रहेंगे।
- राजस्व और विकास कार्य के लिये मंडल में अपर आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। कानून व्यवस्था के लिये मंडल में पुलिस उप महानिरीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
- ज़िला स्तर पर विकास कार्य और कानून व्यवस्था की समीक्षा अलग-अलग होगी। विकास कार्य की समीक्षा ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होगी। हर महीने सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग प्रकाशन के एक सप्ताह में बैठक का आयोजन करने के निर्देश दिये गए हैं।
- ज़िला स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा के लिये मुख्य विकास अधिकारी को सीएम डैशबोर्ड का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जिन ज़िलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं हैं, वहाँ पर कानून व्यवस्था की समीक्षा ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में पुलिस लाइन में की जाएगी। बैठक में एसएसपी, एसपी, एडीएम प्रशासन, एएसपी, डीएसपी, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सहित सभी थानाध्यक्ष मौजूद रहेंगे।
- लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, सहित जिन ज़िलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है, वहाँ पर कानून व्यवस्था की समीक्षा प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक की ओर से भी हर महीने की जाएगी।
- जिन ज़िलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है, वहाँ कानून व्यवस्था की समीक्षा पुलिस आयुक्त करेंगे। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उप आयुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी और सभी थानाध्यक्ष शामिल रहेंगे।
- सीएम डैशबोर्ड पर विभिन्न विभागों की सेवाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर हर महीने की 15 तारीख को रैंकिंग जारी की जाएगी। रैंकिंग में परफार्मेंस इंडेक्स, डाटा क्वालिटी इंडेक्स और फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स पर हुए कामकाज को आधार बनाया जाएगा।
- भविष्य में विभागों की ओर से सीएम डैशबोर्ड पर ज़िलास्तरीय अधिकारियों की रैंकिंग के आधार पर मिले गुणांक का प्रयोग मेरिट बेस्ड ऑनलाइन स्थानांतरण में किया जाएगा।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
चर्चा में क्यों?
- 31 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास ‘समत्व भवन’में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों की सड़कों के उन्नयन और निर्माण के लिये 1200 करोड़ रुपए की ‘कायाकल्प योजना’ को स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रि-परिषद द्वारा ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की कनेक्शनधारी बहनों को 4 जुलाई, 2023 से 31 अगस्त, 2023 तक की अवधि में प्राप्त की गई गैस रिफिल 450 रुपए में उपलब्ध करने का निर्णय लिया गया।
- लगभग 40 लाख गैस रिफिल प्राप्त करने वाली बहनों के आधार लिंक बैंक खाते में प्रति रिफिल लगभग 500 रुपए के मान से राशि का भुगतान किया जाएगा। इस पर लगभग 200 करोड़ रुपए का व्यय संभावित है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों की सड़कों के उन्नयन और निर्माण के लिये 1200 करोड़ रुपए की ‘कायाकल्प योजना’की स्वीकृति प्रदान की गई। नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों के सुलभ आवागमन हेतु अच्छी, मज़बूत और आरामदेह सड़कों का नेटवर्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
- इस योजना में निकाय की प्रमुख सड़कों के नवीनीकरण, मज़बूतीकरण और निर्माण का कार्य, समयबद्ध कार्यक्रम अनुसार गुणवत्तापूर्ण किया जाएगा।
- योजना के कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण के लिये नगरीय राज्य क्वालिटी मॉनिटर की नियुक्ति के साथ ही, राज्य, संचालनालय एवं संभाग स्तर पर त्रि-स्तरीय मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई है।
- मंत्रि-परिषद ने ‘मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना’ के अंतर्गत विद्यार्थी के पिता/पालक की वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपए से बढ़ा कर 8 लाख रुपए करने की स्वीकृति प्रदान की।
- मंत्रि-परिषद ने भोपाल शहर के पश्चिम-दक्षिण हिस्से में 40.90 कि.मी. लंबे पश्चिम भोपाल बाइपास का निर्माण 2 हज़ार 981 करोड़ 65 लाख रुपए लागत से हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर किये जाने का निर्णय लिया।
- इस बाइपास मार्ग का चार लेन मय पेव्हड शोल्डर में मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा निर्माण किया जाएगा।
- परियोजना में चार लेन मार्ग के साथ 6 लेन स्ट्रक्चर एवं दोनों ओर दो लेन सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा। मार्ग के एकरेखण में आने वाले 1 आरओबी, दो फ्लाई ओवर, पंद्रह अंडरपास एवं दो बृहद् जंक्शन का निर्माण किया जाएगा।
- प्रस्ताव के अनुसार निवेशकर्त्ता एजेंसी को निर्माण कार्य के दौरान ठेके की 40 प्रतिशत राशि का भुगतान 5 किश्तों में किया जाएगा। शेष 60 प्रतिशत राशि का भुगतान छ:माही एन्यूटी के रूप में अगले 15 वर्षों तक किया जाएगा।
- मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स’की तर्ज़ पर ‘खेलो एम.पी. यूथ गेम्स’को प्रदेश में प्रतिवर्ष आयोजित करने और आयोजन व्यय 200 करोड़ रुपए की सहमति प्रदान की गई।
- मंत्रि-परिषद द्वारा ज़िला रीवा में नवीन अनुविभाग जवा का सृजन करने का निर्णय लिया गया। नवीन अनुभाग में तहसील जवा के समस्त पटवारी हलका 01 से 87 तक कुल 87 पटवारी हल्के शामिल होंगे। जवा अनुविभाग के गठन के बाद अनुविभाग त्योंथर में तहसील त्योंथर के पटवारी हलके 01 से 100 तक, कुल 100 पटवारी हलके शेष रहेंगे।
- मंत्रि-परिषद द्वारा आशा तथा शहरी आशा कार्यकर्त्ताओं को उनके द्वारा संपादित की जाने वाली रूटीन गतिविधियों की प्रोत्साहन राशि प्रतिमाह 2 हजार से बढ़ाकर प्रतिमाह 6 हज़ार रुपए करने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्रतिवर्ष उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार (अधिकतम 1000 रुपए की सीमा में) प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की गई है।
- इसके साथ आशा पर्यवेक्षकों को दी जाने वाली दैनिक प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन (अधिकतम 15000 रुपए प्रतिमाह) की गई तथा प्रतिवर्ष समुचित बढ़ोतरी के निर्णय लेने के लिये विभाग को अधिकृत किया गया है।
- आशा, शहरी आशा और आशा पर्यवेक्षकों की सेवानिवृत्ति के समय दी जाने वाली राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए की गई है। आशा, शहरी आशा एवं आशा पर्यवेक्षकों के परिवारों को उनकी कर्त्तव्य अवधि में ‘प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ का पात्र परिवार भी माना गया है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम के माध्यम से रतलाम और छतरपुर के लवकुशनगर में 2 नवीन समूह जल-प्रदाय योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इसके लिये 967 करोड़ 52 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।मंत्रि-परिषद द्वारा मध्य प्रदेश में गुर्जरों के कल्याण, उनके सामाजिक, आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने, रोज़गार, कौशल विकास एवं शिक्षा/प्रशिक्षण के लिये राज्य सरकार को आवश्यक सुझाव एवं अनुशंसाएँ दिये जाने के लिये ‘मध्य प्रदेश देव नारायण बोर्ड’ के गठन आदेश 28 सितंबर, 2020 का अनुसमर्थन किया गया।
मंत्रि-परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया परिवारों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये संचालित ‘आहार अनुदान योजना’की पात्र महिला हितग्राहियों को महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संचालित लाडली बहना - योजना में समय-समय पर होने वाली राशि वृद्धि का लाभ समान रूप से देने का निर्णय लिया गया है।
- साथ ही हितग्राहियों द्वारा योजना का दोहरा लाभ लेने पर रोक के लिये आहार अनुदान योजना का लाभ लेने वाली हितग्राही महिला को लाडली बहना योजना का लाभ नहीं देने का भी निर्णय लिया गया।मंत्रि-परिषद द्वारा कपास पर मंडी शुल्क घटाकर 31 मार्च, 2024 तक 0.50 रुपए किये जाने के निर्णय का अनुसमर्थन किया गया है। यह निर्णय कपास व्यापारी एवं जन-प्रतिनिधियों की कपास पर मंडी शुल्क कम करने की मांग तथा कपास व्यापार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया।
- साथ ही हितग्राहियों द्वारा योजना का दोहरा लाभ लेने पर रोक के लिये आहार अनुदान योजना का लाभ लेने वाली हितग्राही महिला को लाडली बहना योजना का लाभ नहीं देने का भी निर्णय लिया गया।मंत्रि-परिषद द्वारा कपास पर मंडी शुल्क घटाकर 31 मार्च, 2024 तक 0.50 रुपए किये जाने के निर्णय का अनुसमर्थन किया गया है। यह निर्णय कपास व्यापारी एवं जन-प्रतिनिधियों की कपास पर मंडी शुल्क कम करने की मांग तथा कपास व्यापार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया।
झारखंड Switch to English
झारखंड में साहित्य, संगीत नाट्य और ललित कला एकेडमी का होगा गठन, नियमावली का प्रारूप तैयार
चर्चा में क्यों?
- 31 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के अंतर्गत झारखंड सांस्कृतिक कार्य निदेशालय ने झारखंड में साहित्य एकेडमी, संगीत नाट्य एकेडमी और ललित कला एकेडमी के गठन के लिये प्रस्ताव सह नियमावली का प्रारूप (ड्राफ्ट) तैयार कर लिया है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार झारखंड अलग राज्य गठन के 22 वर्षों बाद ‘झारखंड राज्य साहित्य एकेडमी’, ‘झारखंड राज्य संगीत नाट्य एकेडमी’और ‘झारखंड राज्य ललित कला एकेडमी’का गठन करने का निर्णय लिया गया है।
- इसकी ज़िम्मेदारी पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग को सौंपी गई है। विभाग के अंतर्गत झारखंड सांस्कृतिक कार्य निदेशालय ने तीनों एकेडमी के गठन के लिये प्रस्ताव सह नियमावली का प्रारूप (ड्राफ्ट) तैयार कर लिया है।
- हालाँकि, कैबिनेट से इसकी स्वीकृति लेने से पूर्व राज्य सरकार ने एकेडमी के गठन प्रस्ताव में प्रबुद्ध कलाकारों, साहित्यकारों, संस्कृतिकर्मियों, रंगकर्मियों आदि से सुझाव, विचार आदि मांगे हैं, ताकि इसके गठन में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं रह जाए। इसके लिये सांस्कृतिक कार्य निदेशालय ने 11 सितंबर, 2023 तक का समय निर्धारित किया है।
- संतोषजनक सुझाव/विचार आने पर इसे प्रस्ताव/नियमावली में शामिल किया जाएगा व इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। सुझाव या विचार देने वाले व्यक्ति निदेशालय की वेबसाइट (www.jharkhandculture.com) से तैयार प्रस्ताव सह प्रारूप नियमावली डाउनलोड करते हुए अपना सुझाव या विचार हाथों-हाथ/निबंधित डाक/ कुरियर से एमडीआइ भवन धुर्वा स्थित निदेशालय कार्यालय में जमा कर सकते हैं या फिर निदेशालय के ई-मेल (dirjharkhandculture@gmail.com) पर भी भेज सकते हैं।
- विदित है कि अलग राज्य गठन के बाद से ही झारखंड में साहित्य सहित संगीत नाटक तथा ललित कला एकेडमी के गठन की मांग विभिन्न संगठनों के माध्यम से होती रही है। साहित्य एकेडमी के गठन के लिये स्थापना संघर्ष (तदर्थ) समिति का गठन किया गया है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिरोमणि महतो सहित विधायक विनोद सिंह, कलाकार बासु बिहारी ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर तीनों एकेडमी के गठन की मांग की थी। मुख्यमंत्री सोरेन ने सदस्यों को आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही इस दिशा में कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स को बड़ी राहत, अब मिलेगा 4 प्रतिशत बढ़ा महँगाई भत्ता
चर्चा में क्यों?
- 31 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स अधिकारी-कर्मचारियों का महँगाई भत्ता बढ़ा दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग ने इसके लिये आदेश जारी कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- सातवें वेतनमान में मूल पेंशन/परिवार पेंशन के लिये महँगाई भत्ते में चार प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह लाभ इसी जुलाई महीने की पहली तारीख से मिलेगा। इस वृद्धि के पश्चात् अब महँगाई राहत 42 प्रतिशत हो गई है।
- इसके साथ ही छठवें वेतनमान के मूल पेंशन/परिवार पेंशन पाने वाले पेंशनर्स के महँगाई भत्ते में 9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह लाभ भी इसी साल के जुलाई महीने की पहली तारीख से मिलेगा। इस वृद्धि के साथ ही महँगाई राहत में कुल वृद्धि 221 प्रतिशत हो गई है।
- उल्लेखनीय है कि पेंशनर्स की महँगाई राहत के संबंध में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, दोनों राज्यों की स्वीकृति आवश्यक होती है। इस संबंध में स्वीकृति जल्द प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था। इसके बाद जैसे ही स्वीकृति प्राप्त हुई, महँगाई राहत में वृद्धि का लाभ पेंशनर्स को प्रदान करने का अविलंब निर्णय लिया गया।
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