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उत्तराखंड में होगा नए ज़िलों का गठन
चर्चा में क्यों?
31 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में नए ज़िलों के गठन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने कहा कि नए ज़िलों के गठन की मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है, इसे लेकर शीघ्र ही सभी जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी। प्रदेश के अंदर जहाँ-जहाँ ज़िलों का पुनर्गठन किया जा सकता है, वहाँ नए ज़िले गठित किये जाएंगे।
- इसके तहत ऋषिकेश, पुरोला, रूड़की, कोटद्वार, काशीपुर, रानीखेत व डीडीहाट शहरों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि गढ़वाल में चार तथा कुमाऊँ मंडल में तीन नए ज़िले बन सकते हैं।
- गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में 13 ज़िले हैं। 15 अगस्त, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने सबसे पहले उत्तराखंड में चार ज़िले बनाने का ऐलान किया था। इनमें रानीखेत, डीडीहाट, कोटद्वार और यमुनोत्री शामिल थे।
- अल्मोड़ा ज़िले का पुनर्गठन करके रानीखेत, पिथौरागढ़ ज़िले से डीडीहाट, पौड़ी ज़िले से कोटद्वार और उत्तरकाशी ज़िले से यमुनोत्री ज़िले बनाए जाने प्रस्तावित थे।
- वहीं, मार्च, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को तीसरी कमिश्नरी बनाने की घोषणा की थी। इसमें चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर ज़िले को शामिल किया गया था। इसके बाद अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने को लेकर तीखा विरोध शुरू हो गया। इस बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे और तीरथ रावत के सीएम बनने के बाद यह मसला भी दब गया।
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उत्तराखंड में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड
चर्चा में क्यों?
30 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत के दौरान जानकारी दी कि उत्तराखंड में दो महीने के भीतर समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमन सिविल कोड को लेकर गठित कमेटी अपना काम कर रही है। ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार जल्द ही इसका प्रारूप सार्वजनिक करेगी।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था कि भाजपा सरकार आने पर वो उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड लागू करेंगे। 23 मार्च को इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई थी।
- नया कानून लागू होने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। हालाँकि, गोवा में भी यह कानून लागू है, लेकिन वहाँ स्वतंत्रता से पहले यह कानून बना था।
- समान नागरिक संहिता का अर्थ है- सभी नागरिकों के लिये एक समान कानून। किसी भी धर्म या जाति के लिये कोई अलग कानून नहीं होगा। समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद सभी धर्म एक ही कानून का अनुसरण करेंगे।
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