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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Sep 2022
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मंत्रिपरिषद ने हरियाणा एयरपोर्ट विकास लिमिटेड कंपनी के गठन को दी हरी झंडी

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सरकार के अधीन हवाई अड्डे/हवाई पट्टियों/हेलीपैडों के विकास कार्यों के साथ-साथ भारत सरकार के अधीन एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर स्थापित करने जैसी अन्य महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने के लिये हरियाणा विमानपत्तन विकास निगम लिमिटेड कंपनी के गठन को स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके अलावा, नागरिक उड्डयन विभाग और राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम लिमिटेड (एनआईसीडीसी) एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से ‘अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर’ परियोजना पर कार्य करेंगे।
  • हरियाणा के हिसार और अन्य हवाई क्षेत्रों में एकीकृत विमानन हब की स्थापना एवं संचालन के उद्देश्य से उपरोक्त निगम की स्थापना के प्रमुख प्राथमिक उद्देश्य राज्य सरकार की हवाईअड्डा परियोजनाओं/संयुक्त उद्यम परियोजनाओं का प्रबंधन, विनियमन और कार्यान्वयन करना है। इसके अलावा, निगम हवाई अड्डों के संचालन, रखरखाव, विकास, डिज़ाइन, निर्माण, उन्नयन, आधुनिकीकरण और प्रबंधन में सहायता करेगा।
  • निगम सभी संपत्तियों और बुनियादी ढाँचे, जैसे- रनवे, टैक्सी-वे, एप्रन, यात्रियों के लिये टर्मिनल, कार्गो सुविधाओं के प्रावधान सहित हवाई अड्डों के नवीनीकरण, वैमानिकी गतिविधियों और सेवाओं को प्रदान करने के लिये भवन विस्तार एवं प्रबंधन हेतु भूमि की खरीद/भूमि अधिग्रहण में सहायता करेगा।
  • साथ ही निगम हिसार में समेकित एविएशन हब और अन्य हवाई क्षेत्रों/हवाई अड्डों पर निगम परियोजना के विकास, परियोजना वित्तपोषण, परियोजना निगरानी, स्थापना, सुदृढ़ीकरण, उन्नयन, मरम्मत, पुनर्वास, सुधार, संचालन, निर्माण, रखरखाव और कार्यान्वयन में निर्माण, डिज़ाइन, संरचना विकसित करने में या तो सीधे या सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में कार्य करेगा।
  • इसके अलावा, हरियाणा विमानपत्तन विकास निगम लिमिटेड का निगमन परियोजनाओं और बुनियादी ढाँचे के प्रावधान तथा विकास के लिये वाणिज्यिक प्रारूप पर योजनाओं, परियोजनाओं, कार्यक्रमों, रियायतों और अन्य संविदात्मक व्यवस्थाओं की खरीद, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव में सहायता करेगा।
  • इसके अतिरिक्त, निगम नागरिक उड्डयन विभाग के परियोजना स्थल, भूमि और निर्मित क्षेत्रों की योजना, विकास, संचालन और रखरखाव तथा निपटान का कार्य निर्धारित कानूनों, विनिर्देशों और मानकों के अनुरूप भी करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ 7 जुलाई, 2017 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की ‘अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर’ योजना के अंतर्गत महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट हिसार के शहर की तरफ के क्षेत्र में समेकित विनिर्माण क्लस्टर विकसित करने के प्रस्ताव पर भी कार्य किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण के लिये लगभग 1605 एकड़ भूमि पहले ही चिह्नित की जा चुकी है।
  • समेकित विनिर्माण क्लस्टर परियोजना हरियाणा के नागरिक उडन्न्यन विभाग तथा भारत सरकार द्वारा स्वायत्त निकाय के रूप में शुरू की गई राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में क्रियान्वित की जाएगी।

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सरचार्ज माफी योजना-2022

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा बिजली के बकाया बिलों की समस्या के समाधान के लिये सरचार्ज माफी योजना-2022 शुरू की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस योजना का लाभ शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे उपभोक्ता उठा सकते हैं, जिनका बिल 31 दिसंबर, 2021 तक बकाया था तथा अब तक भी बिल बकाया है। यह योजना Connected and Disconnected दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिये है।
  • डॉ. साकेत कुमार ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत घरेलू (शहरी तथा ग्रामीण) कृषि उपभोक्ता और सरकारी, ग्राम पंचायत तथा नगर निगम से संबंधित बिजली के कनेक्शन का अब तक का पूर्ण सरचार्ज फ्रीज कर दिया जाएगा तथा उन्हें केवल अब तक की मूल राशि का भुगतान करना होगा।
  • उपभोक्ता मूल राशि एकमुश्त अथवा अगले तीन बिलों के साथ भी जमा करवा सकता है। एकमुश्त जमा करवाने पर उपभोक्ताओं को मूल राशि पर 5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी दी जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि फ्रीज किया गया सरचार्ज अगले 6 बिलों की लगातार अदायगी के अनुपात में माफ कर दिया जाएगा। अगर उपभोक्ता अपनी मूल राशि एकमुश्त या निर्धारित किस्तों में जमा नहीं करवाता और आगामी 6 बिल लगातार जमा नहीं करवाता तो उसका फ्रीज किया गया सरचार्ज वापस बिल में जोड़ दिया जाएगा और उपभोक्ता को स्कीम से बाहर कर दिया जाएगा।
  • इस योजना का लाभ सभी श्रेणी के उपभोक्ता उठा सकते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं की बकाया मूल राशि पर लगने वाले सरचार्ज की पुनर्गणना की जाएगी व वर्तमान ब्याज की दर 5 प्रतिशत मासिक की बजाय साधारण 10 प्रतिशत की वार्षिक दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
  • सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के बने गलत बिल विभाग की शर्तों के अनुसार ठीक किये जाएंगे। ऐसे उपभोक्ता, जिनका कोई केस न्यायालय में विचाराधीन है, वो भी इस योजना को अपना सकते हैं। बशर्तें उनको अपना केस न्यायालय से वापस लेना पड़ेगा।
  • इस योजना का लाभ उठाने का अवसर राज्य के लगभग 2240985 उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनमें 24479 सरकारी उपभोक्ता भी शामिल हैं तथा विभाग का लगभग 1834 करोड़ रुपए का ब्याज माफ किया जा सकता है। यह योजना 30 नवंबर, 2022 तक जारी रहेगी।

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पंचायती राज संस्थानों में पिछड़ा वर्ग (ए) को मिलेगा आरक्षण

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंचायती राज संस्थानों में पिछड़ा वर्ग (ए) के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये इस संबंध में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व जज, न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) दर्शन सिंह के नेतृत्व में गठित आयोग ने पिछड़े वर्गों के नागरिकों के राजनीतिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिये गहन जाँच की। आयोग ने पाया कि पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए (बीसी-ए) के लोगों को राजनीतिक सेटअप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें पंचायती राज संस्थानों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।
  • आयोग द्वारा ग्राम पंचायत में अनुशंसित आरक्षण
    • प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा जो ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
    • बशर्ते कि यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा।
    • इसी प्रकार एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का आठ प्रतिशत और यदि डेसिमल वैल्यू5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित करते हुए पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये आरक्षित किया जाएगा।
  • आयोग द्वारा पंचायत समिति में अनुशंसित आरक्षण
    • प्रत्येक पंचायत समिति में सदस्य के पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किये जाएंगे, जो ब्लॉक की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
  • आयोग द्वारा ज़िला परिषद में अनुशंसित आरक्षण
    • प्रत्येक ज़िला परिषद में सदस्य के पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे, जो ज़िला परिषद क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।
  • आयोग ने कहा है कि शीर्ष न्यायालय के निर्देशानुसार आरक्षण किसी भी पंचायती राज संस्थान में अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।  
  • आगे स्पष्ट किया गया है कि पिछड़े वर्ग (ए) के लिये इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या को अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षित सीटों की संख्या के साथ जोड़ने पर यदि उनकी कुल संख्या पंचायती राज संस्थानों की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक हो जाती है तो पिछड़े वर्ग (ए) के लिये आरक्षित सीटों की संख्या को वहीं तक रखा जाएगा, जिससे कि अनुसूचित जाति और बीसी (ए) का आरक्षण ग्राम पंचायत के पंच, पंचायत सीमित के सदस्य और ज़िला परिषद् के सदस्य की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक न हो।
  • आयोग द्वारा इन सिफारिशों को स्पष्ट करते हुए उदाहरण दिया गया है कि मान लीजिये गाँव में पिछड़े वर्ग ब्लॉक ए की आबादी ग्राम सभा की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है तो 5 प्रतिशत सीटें पिछड़ा वर्ग ब्लॉक (ए) के नागरिकों के लिये आरक्षित होंगी।
  • जहाँ किसी गाँव में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तो पिछड़े वर्ग (ए) को अपनी आबादी की प्रतिशतता के बावजूद भी कोई आरक्षण नहीं मिलेगा।  

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