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स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Sep 2022
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राजस्थान Switch to English

पाँचदिवसीय ‘टाइम्स राजस्थान व्यंजन ट्रेल’ हुआ शुरू

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को राजस्थान पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने जयपुर के जय महल पैलेस होटल में पर्यटन विभाग और टाइम्स ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाँचदिवसीय ‘टाइम्स राजस्थान व्यंजन ट्रेल’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि टाइम्स राजस्थान कुजीन ट्रेल में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने जयपुर में अपनी यात्रा शुरू की। यह ट्रेल अगले दिन मंडावा पहुँचेगी। आगामी दिनों में ट्रेल बीकानेर, जोधपुर होते हुए उदयपुर पहुँचेगी, जहाँ 5 सितंबर को ट्रेल का समापन होगा। इस दौरान प्रतिभागी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेंगे।
  • प्रसिद्ध मास्टर शेफ शिप्रा खन्ना और हरपाल सिंह सोखी सहित 20 से अधिक देश-प्रदेश के जाने-माने ब्लॉगर और इंफ्लुएंसर के दल ट्रेल में हिस्सा ले रहे हैं।
  • सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि राजस्थान अपनी संस्कृति, समृद्ध विरासत और वैभवशाली इतिहास के लिये दुनिया भर में विख्यात है। प्रदेश की पाक कला और व्यंजन विश्व भर में प्रसिद्ध हैं तथा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने में व्यंजनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
  • उन्होंने कहा कि प्रदेश अपने मेहमाननवाज़ी के लिये विश्वप्रसिद्ध है। स्वदेशी हो या विदेशी पर्यटक, वे यहाँ की कला और संस्कृति, किले, महल, बावड़ियाँ, थार का रेगिस्तान, ऊँट की सवारी, घूमर, कालबेलिया नृत्य, रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान और जायकेदार लजीज व्यंजन से अभिभूत हो जाते हैं।
  • राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियाँ, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत ने राज्य की पाक व व्यंजन कलाओं पर विशेष प्रभाव डाला है। प्रदेश के प्रत्येक शहर का अपना विशिष्ट व्यंजन है। यहाँ कलिनरी टूरिज्म के नए कॉन्सेप्ट और कई कलिनरी कोर्सेस की अपार संभावनाएँ मौज़ूद हैं।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान ने मतदाता पहचान-पत्र से आधार संख्या जोड़ने में तीन करोड़ के आँकड़े को किया पार

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2022 को राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में एक अगस्त से चल रहे मतदाता पहचान-पत्र से आधार संख्या जोड़ने के अभियान में राजस्थान ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए तीन करोड़ के आँकड़े को पार कर लिया है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रवीण गुप्ता ने बताया कि अब तक कुल 3 करोड़ 1 लाख 34 हज़ार 321 फॉर्म 6 बी के अंतर्गत प्राप्त हुए हैं।
  • 31 विधानसभा क्षेत्रों में 1.80 लाख से ज़्यादा आधार संख्या जोड़ी गई है, वहीं 7 विधानसभा क्षेत्रों में यह आँकड़ा 2.0 लाख को पार कर गया है।
  • आधार संख्या जोड़ने में धौलपुर 85.23 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है। सवाई माधोपुर 74.05%,  गंगानगर 73.10%, नागौर 69.60%, अलवर 69.22% के साथ प्रदेश के अग्रणी ज़िले हैं।
  • उन्होंने बताया कि राज्य का औसत प्रतिशत 59.33% है, वहीं सभी विधानसभा क्षेत्रों का औसत 1 लाख 50 हज़ार 672 है। किशनगढ़ बास 86.91%, डेगाना 86.19%, धौलपुर 85.67%, राजाखेड़ा 85.46%, बसेड़ी 85.25% के साथ अग्रणी विधानसभा क्षेत्र हैं। 

हरियाणा Switch to English

मंत्रिपरिषद ने हरियाणा एयरपोर्ट विकास लिमिटेड कंपनी के गठन को दी हरी झंडी

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सरकार के अधीन हवाई अड्डे/हवाई पट्टियों/हेलीपैडों के विकास कार्यों के साथ-साथ भारत सरकार के अधीन एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर स्थापित करने जैसी अन्य महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने के लिये हरियाणा विमानपत्तन विकास निगम लिमिटेड कंपनी के गठन को स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके अलावा, नागरिक उड्डयन विभाग और राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम लिमिटेड (एनआईसीडीसी) एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से ‘अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर’ परियोजना पर कार्य करेंगे।
  • हरियाणा के हिसार और अन्य हवाई क्षेत्रों में एकीकृत विमानन हब की स्थापना एवं संचालन के उद्देश्य से उपरोक्त निगम की स्थापना के प्रमुख प्राथमिक उद्देश्य राज्य सरकार की हवाईअड्डा परियोजनाओं/संयुक्त उद्यम परियोजनाओं का प्रबंधन, विनियमन और कार्यान्वयन करना है। इसके अलावा, निगम हवाई अड्डों के संचालन, रखरखाव, विकास, डिज़ाइन, निर्माण, उन्नयन, आधुनिकीकरण और प्रबंधन में सहायता करेगा।
  • निगम सभी संपत्तियों और बुनियादी ढाँचे, जैसे- रनवे, टैक्सी-वे, एप्रन, यात्रियों के लिये टर्मिनल, कार्गो सुविधाओं के प्रावधान सहित हवाई अड्डों के नवीनीकरण, वैमानिकी गतिविधियों और सेवाओं को प्रदान करने के लिये भवन विस्तार एवं प्रबंधन हेतु भूमि की खरीद/भूमि अधिग्रहण में सहायता करेगा।
  • साथ ही निगम हिसार में समेकित एविएशन हब और अन्य हवाई क्षेत्रों/हवाई अड्डों पर निगम परियोजना के विकास, परियोजना वित्तपोषण, परियोजना निगरानी, स्थापना, सुदृढ़ीकरण, उन्नयन, मरम्मत, पुनर्वास, सुधार, संचालन, निर्माण, रखरखाव और कार्यान्वयन में निर्माण, डिज़ाइन, संरचना विकसित करने में या तो सीधे या सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में कार्य करेगा।
  • इसके अलावा, हरियाणा विमानपत्तन विकास निगम लिमिटेड का निगमन परियोजनाओं और बुनियादी ढाँचे के प्रावधान तथा विकास के लिये वाणिज्यिक प्रारूप पर योजनाओं, परियोजनाओं, कार्यक्रमों, रियायतों और अन्य संविदात्मक व्यवस्थाओं की खरीद, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव में सहायता करेगा।
  • इसके अतिरिक्त, निगम नागरिक उड्डयन विभाग के परियोजना स्थल, भूमि और निर्मित क्षेत्रों की योजना, विकास, संचालन और रखरखाव तथा निपटान का कार्य निर्धारित कानूनों, विनिर्देशों और मानकों के अनुरूप भी करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ 7 जुलाई, 2017 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की ‘अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर’ योजना के अंतर्गत महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट हिसार के शहर की तरफ के क्षेत्र में समेकित विनिर्माण क्लस्टर विकसित करने के प्रस्ताव पर भी कार्य किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण के लिये लगभग 1605 एकड़ भूमि पहले ही चिह्नित की जा चुकी है।
  • समेकित विनिर्माण क्लस्टर परियोजना हरियाणा के नागरिक उडन्न्यन विभाग तथा भारत सरकार द्वारा स्वायत्त निकाय के रूप में शुरू की गई राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में क्रियान्वित की जाएगी।

हरियाणा Switch to English

सरचार्ज माफी योजना-2022

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा बिजली के बकाया बिलों की समस्या के समाधान के लिये सरचार्ज माफी योजना-2022 शुरू की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस योजना का लाभ शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे उपभोक्ता उठा सकते हैं, जिनका बिल 31 दिसंबर, 2021 तक बकाया था तथा अब तक भी बिल बकाया है। यह योजना Connected and Disconnected दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिये है।
  • डॉ. साकेत कुमार ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत घरेलू (शहरी तथा ग्रामीण) कृषि उपभोक्ता और सरकारी, ग्राम पंचायत तथा नगर निगम से संबंधित बिजली के कनेक्शन का अब तक का पूर्ण सरचार्ज फ्रीज कर दिया जाएगा तथा उन्हें केवल अब तक की मूल राशि का भुगतान करना होगा।
  • उपभोक्ता मूल राशि एकमुश्त अथवा अगले तीन बिलों के साथ भी जमा करवा सकता है। एकमुश्त जमा करवाने पर उपभोक्ताओं को मूल राशि पर 5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी दी जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि फ्रीज किया गया सरचार्ज अगले 6 बिलों की लगातार अदायगी के अनुपात में माफ कर दिया जाएगा। अगर उपभोक्ता अपनी मूल राशि एकमुश्त या निर्धारित किस्तों में जमा नहीं करवाता और आगामी 6 बिल लगातार जमा नहीं करवाता तो उसका फ्रीज किया गया सरचार्ज वापस बिल में जोड़ दिया जाएगा और उपभोक्ता को स्कीम से बाहर कर दिया जाएगा।
  • इस योजना का लाभ सभी श्रेणी के उपभोक्ता उठा सकते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं की बकाया मूल राशि पर लगने वाले सरचार्ज की पुनर्गणना की जाएगी व वर्तमान ब्याज की दर 5 प्रतिशत मासिक की बजाय साधारण 10 प्रतिशत की वार्षिक दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
  • सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के बने गलत बिल विभाग की शर्तों के अनुसार ठीक किये जाएंगे। ऐसे उपभोक्ता, जिनका कोई केस न्यायालय में विचाराधीन है, वो भी इस योजना को अपना सकते हैं। बशर्तें उनको अपना केस न्यायालय से वापस लेना पड़ेगा।
  • इस योजना का लाभ उठाने का अवसर राज्य के लगभग 2240985 उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनमें 24479 सरकारी उपभोक्ता भी शामिल हैं तथा विभाग का लगभग 1834 करोड़ रुपए का ब्याज माफ किया जा सकता है। यह योजना 30 नवंबर, 2022 तक जारी रहेगी।

हरियाणा Switch to English

पंचायती राज संस्थानों में पिछड़ा वर्ग (ए) को मिलेगा आरक्षण

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंचायती राज संस्थानों में पिछड़ा वर्ग (ए) के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये इस संबंध में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व जज, न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) दर्शन सिंह के नेतृत्व में गठित आयोग ने पिछड़े वर्गों के नागरिकों के राजनीतिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिये गहन जाँच की। आयोग ने पाया कि पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए (बीसी-ए) के लोगों को राजनीतिक सेटअप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें पंचायती राज संस्थानों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।
  • आयोग द्वारा ग्राम पंचायत में अनुशंसित आरक्षण
    • प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा जो ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
    • बशर्ते कि यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा।
    • इसी प्रकार एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का आठ प्रतिशत और यदि डेसिमल वैल्यू5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित करते हुए पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये आरक्षित किया जाएगा।
  • आयोग द्वारा पंचायत समिति में अनुशंसित आरक्षण
    • प्रत्येक पंचायत समिति में सदस्य के पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किये जाएंगे, जो ब्लॉक की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा।
  • आयोग द्वारा ज़िला परिषद में अनुशंसित आरक्षण
    • प्रत्येक ज़िला परिषद में सदस्य के पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिये कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे, जो ज़िला परिषद क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।
  • आयोग ने कहा है कि शीर्ष न्यायालय के निर्देशानुसार आरक्षण किसी भी पंचायती राज संस्थान में अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।  
  • आगे स्पष्ट किया गया है कि पिछड़े वर्ग (ए) के लिये इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या को अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षित सीटों की संख्या के साथ जोड़ने पर यदि उनकी कुल संख्या पंचायती राज संस्थानों की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक हो जाती है तो पिछड़े वर्ग (ए) के लिये आरक्षित सीटों की संख्या को वहीं तक रखा जाएगा, जिससे कि अनुसूचित जाति और बीसी (ए) का आरक्षण ग्राम पंचायत के पंच, पंचायत सीमित के सदस्य और ज़िला परिषद् के सदस्य की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक न हो।
  • आयोग द्वारा इन सिफारिशों को स्पष्ट करते हुए उदाहरण दिया गया है कि मान लीजिये गाँव में पिछड़े वर्ग ब्लॉक ए की आबादी ग्राम सभा की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है तो 5 प्रतिशत सीटें पिछड़ा वर्ग ब्लॉक (ए) के नागरिकों के लिये आरक्षित होंगी।
  • जहाँ किसी गाँव में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तो पिछड़े वर्ग (ए) को अपनी आबादी की प्रतिशतता के बावजूद भी कोई आरक्षण नहीं मिलेगा।  

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में होगा नए ज़िलों का गठन

चर्चा में क्यों?

31 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में नए ज़िलों के गठन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • उन्होंने कहा कि नए ज़िलों के गठन की मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है, इसे लेकर शीघ्र ही सभी जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी। प्रदेश के अंदर जहाँ-जहाँ ज़िलों का पुनर्गठन किया जा सकता है, वहाँ नए ज़िले गठित किये जाएंगे।
  • इसके तहत ऋषिकेश, पुरोला, रूड़की, कोटद्वार, काशीपुर, रानीखेत व डीडीहाट शहरों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि गढ़वाल में चार तथा कुमाऊँ मंडल में तीन नए ज़िले बन सकते हैं।
  • गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में 13 ज़िले हैं। 15 अगस्त, 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने सबसे पहले उत्तराखंड में चार ज़िले बनाने का ऐलान किया था। इनमें रानीखेत, डीडीहाट, कोटद्वार और यमुनोत्री शामिल थे।
  • अल्मोड़ा ज़िले का पुनर्गठन करके रानीखेत, पिथौरागढ़ ज़िले से डीडीहाट, पौड़ी ज़िले से कोटद्वार और उत्तरकाशी ज़िले से यमुनोत्री ज़िले बनाए जाने प्रस्तावित थे।
  • वहीं, मार्च, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को तीसरी कमिश्नरी बनाने की घोषणा की थी। इसमें चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर ज़िले को शामिल किया गया था। इसके बाद अल्मोड़ा को गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल करने को लेकर तीखा विरोध शुरू हो गया। इस बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे और तीरथ रावत के सीएम बनने के बाद यह मसला भी दब गया।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत के दौरान जानकारी दी कि उत्तराखंड में दो महीने के भीतर समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमन सिविल कोड को लेकर गठित कमेटी अपना काम कर रही है। ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार जल्द ही इसका प्रारूप सार्वजनिक करेगी।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था कि भाजपा सरकार आने पर वो उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड लागू करेंगे। 23 मार्च को इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई थी।
  • नया कानून लागू होने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। हालाँकि, गोवा में भी यह कानून लागू है, लेकिन वहाँ स्वतंत्रता से पहले यह कानून बना था।
  • समान नागरिक संहिता का अर्थ है- सभी नागरिकों के लिये एक समान कानून। किसी भी धर्म या जाति के लिये कोई अलग कानून नहीं होगा। समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद सभी धर्म एक ही कानून का अनुसरण करेंगे।

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