बिहार Switch to English
बिहार में दो हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे, केंद्र सरकार ने दी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
31 जुलाई, 2022 को बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने बताया कि केंद्र सरकार ने बिहार में दो हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- मदन साहनी ने बताया कि केंद्र सरकार से मंज़ूरी प्राप्त दो हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। जल्द ही इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में खोला जाएगा। इनके माध्यम से कुपोषित बच्चों व महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाया जाएगा।
- समाज कल्याण विभाग के सूत्रों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र 400 से 800 की जनसंख्या पर बनाए जाते हैं। जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक अथवा एक-से-अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हो सकते हैं। आंगनबाड़ी कायकर्त्ता तथा सहायिका केंद्र को चलाते हैं।
- जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग ने राज्य में 20 हज़ार नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना और उसके अनुसार केंद्रीय सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसकी मंज़ूरी नहीं मिली है।
- गौरतलब है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में केंद्र व राज्य सरकार मिलकर वित्तीय सहायता देती हैं।
- आंगनबाड़ी केंद्र सुदूर ग्रामीण इलाकों में वंचित व गरीब तबकों तक सरकारी योजनाओं को पहुँचाने का सशक्त माध्यम हैं।
- समेकित बाल विकास सेवाएँ निदेशालय (आईसीडीएस) के तहत वर्तमान में राज्य में 1 लाख 12 हज़ार 94 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें वास्तविक रूप से अभी 10 लाख आंगनबाड़ी केंद्र ही क्रियाशील हैं।
- राज्य में वर्तमान में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में 99 लाख 23 हज़ार 915 लाभार्थी हैं। इनमें 0 से 6 साल के बच्चे, किशोरी व गर्भवती एवं शिशुवती महिलाएँ शामिल हैं। शिशुओं के प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य, बाल पोषण, विद्यालय शिक्षा तथा बच्चों के टीकाकरण में आंगनबाड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
मलखंभ, योगा, तलवारबाजी और पिट्टू शालेय खेलकूद वार्षिक कैलेंडर में शामिल
चर्चा में क्यों?
31 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय ने राज्यस्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं के वार्षिक कैलेंडर वर्ष 2022-23 में मलखंभ, योगा, तलवारबाज़ी और पिट्टू जैसे पारंपरिक खेलों को शामिल कर संशोधित कैलेंडर जारी किया।
- प्रमुख बिंदु
- लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी संभागीय संयुक्त संचालक और ज़िला शिक्षा अधिकारियों को संशोधित कैलेंडर से संबंधित निर्देश जारी किये हैं।
- स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार की पहल पर राज्यस्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं के वार्षिक कैलेंडर वर्ष 2022-23 में इन खेलों को शामिल किया गया है।
- मलखंभ मध्य प्रदेश का ‘राजकीय खेल’है। राज्यमंत्री परमार की इस पहल से प्रदेश में स्थानीय परंपरागत खेलों को बढ़ावा मिलेगा।
- गौरतलब है कि पूर्व में 13 जुलाई को राज्यस्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिताओं के वार्षिक कैलेंडर वर्ष 2022-23 के लिये खेलों की सूची जारी की गई थी।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने एचएसआईआईडीसी का नया लोगो और वेबसाइट की लॉन्च
चर्चा में क्यों?
30 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) का पुन: डिज़ाइन किया गया लोगो और वेबसाइट लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों के जीवन को सुविधाजनक बनाने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और हरियाणा को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है।
- उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एचएसआईआईडीसी की यह नई पहचान अभिनव, आधुनिक और पेशेवर है। एचएसआईआईडीसी उन उद्यमियों को सेवाएँ प्रदान करेगा, जो व्यवसायों को विकसित और विस्तार करना चाहते हैं।
- एचएसआईआईडीसी की नई वेबसाइट और ब्रांड पहचान इसकी मार्केट लीडिंग पोजीशन को बेहतर ढंग से दर्शाती है और ग्राहकों के लिये सेवाओं के व्यापक चक्र को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है। डिजिटल और भौतिक माध्यमों पर सुगमता से कार्य करने के लिये डिज़ाइन किया गया नया लोगो प्रेरणा, नवाचार और उद्यमिता की भावना पैदा करता है।
- एचएसआईआईडीसी के नए लोगो में तितली का रूपक एक कोकून में रहने की प्रक्रिया से गुज़रने की तरह एक विचार से एक सफल व्यवसाय में परिवर्तन का प्रतीक है। चार पंख उद्योग 0 को प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार यह लोगो दर्शाता है कि कैसे एचएसआईआईडीसी कंपनियों को व्यवसाय की बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
- नव-डिज़ाइन वेबसाइट में सहज उपयोगकर्त्ता अनुभव प्रदान करने के लिये लेआउट तैयार किया गया है। यह वेबसाइट एचएसआईआईडीसी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर भी प्रकाश डालती है और पुनर्परिभाषित दृष्टिकोण की एक झलक दर्शाती है।
- एचएसआईआईडीसी हरियाणा में औद्योगिक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये हरियाणा सरकार की नोडल एजेंसी है। निगम ने 6 औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (मानेसर, फरीदाबाद, बावल, रोहतक, सोहना और खरखौदा) विकसित किये हैं। इसके अलावा, 28 इंडस्ट्रियल एस्टेट और थीम पार्क (राई, साहा और बड़ी में फूड पार्क, आईएमटी मानेसर और राई में प्रौद्योगिकी पार्क व बहादुरगढ़ में फुटवियर पार्क) भी स्थापित किये गए हैं, जहाँ 16000 से अधिक इकाइयाँ काम कर रही हैं।
- औद्योगिक बुनियादी ढाँचे के विकास में 55 वर्षों की बेजोड़ विशेषज्ञता के साथ एचएसआईआईडीसी ने कई प्रमुख परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिसमें ग्लोबल सिटी गुरुग्राम में 1080 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मिक्सड लैंड यूज़ डेवलपमेंट और नांगल चौधरी ज़िला महेंद्रगढ़ में 886 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करना शामिल हैं।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा मंत्रिमंडल ने ‘हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022’ को दी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022’ को मंज़ूरी प्रदान की गई। यह नीति मुख्य शहरीकरण और औद्योगीकरण के उद्देश्यों के लिये लैंडबैंक बनाने हेतु एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख बिंदु
- नीति में विभिन्न चरणों में समय-सीमा निर्धारित की गई है, ताकि भूमि मालिकों के हितों की सुरक्षा की जा सके और समयबद्ध तरीके से भूमि विकास के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
- हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 का उद्देश्य बुनियादी ढाँचे के विकास सहित नियोजित विकास के उद्देश्य को प्राप्त करना और उक्त विकास में भागीदार बनने के इच्छुक भूमि मालिकों की स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से भूमि प्राप्त करना है।
- इस नीति का उद्देश्य हरियाणा अनुसूचित सड़क एवं नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध के प्रावधानों के अनियमित विकास अधिनियम, 1963 के तहत राज्य सरकार द्वारा पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान के निर्धारित क्षेत्र के भीतर एक सेक्टर या उसके हिस्से के विकास के लिये भूमि की पूलिंग हेतु एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र विकसित करना है।
- इस नीति का एक अन्य उद्देश्य भूमि के आवंटन को रिक्त भूमि (रॉ लैंड) की लागत से जोड़कर भूमि मालिक को अधिकतम लाभ प्रदान करना है।
- इस नीति के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान में शहरी क्षेत्र के भीतर स्थित क्षेत्रों के मामले में आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और बुनियादी ढाँचे का विकास करेगा।
- इसके अलावा, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) इस नीति के तहत हरियाणा में कहीं भी औद्योगिक बुनियादी ढाँचे या संस्थागत उद्देश्यों के लिये विकास कार्य करेगा।
- इस नीति के तहत एचएसआईआईडीसी और एचएसवीपी के लिये उपरोक्त उद्देश्यों के अलावा राज्य सरकार द्वारा किसी भी विभाग या किसी बोर्ड, निगम या राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य संगठन को किसी भी निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिये अधिकृत किया जा सकता है।
- यह नीति निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिये परियोजना हेतु भूमि की पेशकश करने वाले भूमि मालिकों पर लागू होगी। यह नीति उन एग्रीगेटर पर लागू होगी, जो निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिये परियोजना हेतु भूमि की पेशकश करने के लिये कई भूमि मालिकों के साथ समझौते के तहत भूमि एकत्र करते हैं।
- यह नीति विकास योजना में निर्दिष्ट भूमि उपयोग के अनुरूप भूमि के लिये लागू होगी। साथ ही, यह नीति हरियाणा में किसी अन्य क्षेत्र के संबंध में भी लागू होगी, जहाँ विकास का उद्देश्य बुनियादी ढाँचा या औद्योगिक विकास हो।
- डेवलपपेंट ऑर्गेनाइज़ेशन द्वारा भू-स्वामियों को एक भूमि अधिकार प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा, जो ट्रेड या मोर्टगेज रखा जा सकता है।
- इस नीति के तहत कोई भी भूमि मालिक, या तो सीधे या एक एग्रीगेटर के माध्यम से प्रकाशन में निर्दिष्ट अवधि, जोकि 60 दिनों से कम नहीं होगी, के भीतर विकास उद्देश्य के लिये परियोजना हेतु भूमि की पेशकश करने के लिये आवेदन जमा कर सकता है। इस अवधि को डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन द्वारा आवश्यकता अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन यह 30 दिनों से अधिक नहीं होगी। आवेदन के लिये कोई शुल्क नहीं होगा।
- भूमि मालिक परियोजना के लिये प्रस्तावित भूमि के विवरण के साथ डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन की वेबसाइट पर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा करेंगे। मैन्युअल रूप से जमा किये गए किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा और ऐसे आवेदन को खारिज कर दिया जाएगा।
- विकास परियोजना के लिये योगदान करने वाले प्रत्येक भूस्वामी को वार्षिक अंतरिम वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसे परियोजना की कुल लागत में शामिल किया जाएगा।
- परियोजना की कुल लागत सभी भूस्वामियों द्वारा योगदान की गई अविकसित भूमि के मूल्य, विकास की लागत, अंतरिम वार्षिक सहायता और प्रशासनिक शुल्क का योग होगा।
- भूमि मालिक, सीधे या एग्रीगेटर के माध्यम से, निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिये परियोजना हेतु राज्य सरकार के ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से अपने स्वामित्व वाली भूमि की पेशकश करने के लिये स्वतंत्र होगा। इस स्थिति में उक्त प्रस्ताव पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की 6 फरवरी, 2017 की नीति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
- यदि एग्रीगेटर के माध्यम से भूमि की पेशकश की जाती है, तो एग्रीगेटर भूस्वामियों और एग्रीगेटर के बीच सहमति के अनुसार पारिश्रमिक प्राप्त करने का पात्र होगा, बशर्ते कि पारिश्रमिक 0.5 प्रतिशत से कम न हो।
झारखंड Switch to English
दिल्ली और देवघर के बीच सीधी उड़ान सेवा का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
30 जुलाई, 2022 को नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (जनरल) डॉक्टर वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने दिल्ली और देवघर के बीच इंडिगो एयरलाइन की सीधी उड़ान सेवा का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस नई उड़ान सेवा के साथ, देवघर से दैनिक प्रस्थान करने वाली उड़ानों की कुल संख्या 11 हो जाएगी। इससे बाबा बैद्यनाथ धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों को निर्बाध आवाजाही में मदद मिलेगी। इसके अलावा इससे झारखंड में पर्यटन बढ़ेगा।
- गौरतलब है कि देवघर हवाई अड्डे का उद्घाटन इसी साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। 655 एकड़ में फैले देवघर हवाई अड्डे का निर्माण 400 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसके तैयार होने से यह राँची के बाद झारखंड का दूसरा हवाई अड्डा बन गया है।
- नागरिक विमानन मंत्री ने कहा कि झारखंड में 3 और हवाई अड्डों - बोकारो, जमशेदपुर तथा दुमका में बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है, जिससे झारखंड में कुल हवाई अड्डों की संख्या 5 हो जाएगी।
- उन्होंने कहा कि झारखंड को जोड़ने वाले 14 नए मार्गों की घोषणा की गई है, जिनमें से 2 मार्ग - देवघर-कोलकाता और दिल्ली-देवघर पर काम शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में देवघर को राँची तथा पटना से और दुमका को राँची तथा कोलकाता से जोड़ा जाएगा। बोकारो हवाईअड्डा तैयार होने के बाद पटना और कोलकाता से जुड़ जाएगा।
- ‘उड़ान’योजना के अंतर्गत 425 मार्ग और 68 हवाई अड्डा, हेलीपोर्ट, जल एरोड्रम का संचालन किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 1 लाख 90 हज़ार से अधिक उड़ानें संचालित की जा चुकी हैं।
- नागरिक विमानन मंत्रालय ने पिछले 8 वर्षों में 66 हवाई अड्डों का निर्माण किया है। इससे पहले वर्ष 2014 में हवाई अड्डों की संख्या केवल 74 थी। 220 नए हवाई अड्डों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है, जिसमें अगले 5 वर्षों में जल एरोड्रम और हेलीपोर्ट शामिल हैं।
उत्तराखंड Switch to English
मास हिस्टीरिया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के एक स्कूल से कुछ बच्चों के बिना किसी वजह एकसाथ रोने, चीखने, ज़मीन पर लोटने, सिर पटकने और रोते-रोते बेहोश हो जाने की घटना हुई, जिसे ‘मास हिस्टीरिया’का मामला माना जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- सूत्रों के अनुसार यह घटना उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले के रैखोली जूनियर हाईस्कूल की है, जिसमें रोती-चीखती, बेसुध होती लड़कियाँ 8वीं कक्षा की बताई जा रही हैं। कुल 8 बच्चों में ये दिक्कत पाई गई थी। इनमें 6 छात्राएँ और 2 छात्र थे।
- बागेश्वर के डिप्टी सीएमओ हरीश पोखरियाल ने बताया कि बच्चों से बात करके पता चला कि वे पहले से घबराए हुए थे और खाली पेट स्कूल आए थे। उन्होंने कहा कि यह मामला मास हिस्टीरिया का है या नहीं? यह पूरी जाँच के बाद ही साफ होगा। हालाँकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड में इस तरह के ‘मास हिस्टीरिया’के मामले पहले भी अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली ज़िलों के स्कूलों में देखे गए हैं।
- ‘मास हिस्टीरिया ’ के सभी उदाहरणों में लोगों के अचानक चीखने, रोने और बेहोश होने की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। साल 2018 में नेपाल के प्यूथान ज़िले के स्कूल में एक 9 साल की बच्ची रोने और चीखने लगी थी, देखते-ही-देखते स्कूल में 47 बच्चों को रोते और चीखते हुए पाया गया था। उसी स्कूल में साल 2017 और साल 2016 में भी एक ही दिन कई बच्चों में एक जैसे बर्ताव या लक्षण देखे गए थे। इसे रिपीट होने वाले ‘मास हिस्टीरिया ’ का अनूठा मामला माना गया था।
- इसके अलावा, मई 2001 में भारत की राजधानी दिल्ली में मंकीमैन की अफवाह ने भी मास हिस्टीरिया का रूप ले लिया था। लोगों ने सूरज ढलने के बाद घर से निकलना बंद कर दिया था। कई लोगों ने दावा किया था कि उन पर मंकीमैन ने हमला किया। तीन लोगों की मौत हो गई थी, जो डर से भागने के दौरान छत से गिर गए थे। लोगों के शरीर पर नाखून और दाँतों के निशान मिले थे। पूरे मामले की जाँच के बाद पुलिस ने मंकीमैन को महज़ एक अफवाह बताया था। बाद के अध्ययनों से साफ हुआ कि यह ‘मास हिस्टीरिया’ था।
- हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘मास हिस्टीरिया’के मामलों में ज़्यादातर देखा-देखी और सुनी-सुनाई बातों के ज़रिये कोई घटना होती देखी गई है। जैसे दूसरों में जो बर्ताव, हरकत या लक्षण लोग देखते या सुनते हैं, अक्सर खुद भी वही करने लगते हैं या महसूस करते हैं।
- कोई खतरा जो असल में न हो, लेकिन उस खतरे के प्रति लोगों के एक समूह में डर हो, ऐसी स्थिति के लिये भी कुछ एक्सपर्ट्स ‘मास हिस्टीरिया’शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
- ‘मास हिस्टीरिया’के पीछे कोई अफवाह, हरकत, सोच, डर या खतरा जैसी चीज़ें होती हैं। इसके लक्षण वास्तविक होते हैं, भले ही उसके पीछे असल में कोई खतरा या स्वास्थ्य समस्या न हो। मास हिस्टीरिया के लक्षण अचानक शुरू और खत्म हो जाते हैं। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सुस्ती, सिर दर्द, बेहोशी, कांपना, आंशिक पैरालिसिस, हँसने या रोने लगना शामिल हैं। जाँच-पड़ताल के बाद भी इसमें दिखने वाले लक्षणों या हरकतों की वजह का पता नहीं चलता।
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