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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Jul 2023
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लैंसडौन का नाम जसवंतगढ़ करने का प्रस्ताव पारित

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड के लैंसडौन छावनी बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर विजय मोहन चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लैंसडौन नगर का नाम हीरो ऑफ द नेफा महावीर चक्र विजेता शहीद राइफलमैन बाबा जसवंत सिंह रावत के नाम पर जसवंतगढ़ करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। छावनी बोर्ड की कार्यालय अधीक्षक विनीता जखमोला ने इसकी पुष्टि की है। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि छावनी परिषद ने वर्षों पुराने छावनी नगर का नाम लैंसडौन से परिवर्तित कर जसवंतगढ़ करने का सुझाव रक्षा मंत्रालय को भेजा है। रक्षा मंत्रालय ने पूर्व में छावनी बोर्ड से नाम बदलने संबंधी सुझाव मांगा था।  
  • उल्लेखनीय है कि जसवंत सिंह रावत का जन्म राज्य के पौड़ी ज़िले के बीरोंखाल ब्लॉक के दुनाव ग्राम पंचायत के बाड़ियूं गाँव में 19 अगस्त, 1941 को हुआ था। जिस समय वे शहीद हुए उस समय वह गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में सेवारत थे।  
  • 1962 का भारत-चीन युद्ध अंतिम चरण में था। चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश के तवांग से आगे तक पहुँच गए थे। जसवंत सिंह रावत सेला टॉप के पास की सड़क के मोड़ पर तैनात थे। इस दौरान वह चीनी मीडियम मशीन को खींचते हुए भारतीय चौकी पर ले आए और उसका मुँह चीनी सैनिकों की तरफ मोड़कर उनको तहस-नहस कर दिया। 72 घंटे तक चीनी सेना को रोककर अंत में 17 नवंबर, 1962 को वह वीरगति को प्राप्त हुए।  
  • जसवंत सिंह रावत को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।


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