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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Jul 2023
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बिहार के लिये वरदान साबित होगी गंडक-गंगा नदी जोड़ योजना

चर्चा में क्यों?

29 जून, 2023 को बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शुरू होने वाली गंडक-गंगा नदी जोड़ योजना राज्य के गोपालगंज, सीवान और सारण ज़िलों के लिये वरदान साबित होगी।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस योजना में गोपालगंज ज़िले के हीरापाकड़ के पास गंडक नदी से शुरू कर सारण ज़िले के हासिलपुर के पास गंगा नदी तक कुल 170 किमी. लंबे लिंक चैनल का निर्माण होगा। इसमें सेक्शनिंग और खुदाई के कार्य शामिल हैं।  
  • साथ ही, सारण तटबंध के किमी. 139.59 पर निर्धारित डिजाइन के अनुसार 4 भेंट वाले एंटी फ्लड स्लूईस का निर्माण किया जाएगा। योजना की प्राक्कलित राशि 69 करोड़ 89 लाख 79 हज़ार रुपए है। 
  • इस नदी जोड़ योजना से गोपालगंज ज़िले के गोपालगंज, मांझा, बरौली, सीवान ज़िले के बड़हरिया, गोरियाकोठी, महराजगंज, दरौंदा और सारण ज़िले के दिघवारा, सोनपुर, खैरा, नगरा, बनियापुर, मढ़ौरा आदि प्रखंडों के निवासी लाभान्वित होंगे।  
  • इन क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार और पर्यावरण संतुलन के लिहाज से भी एक महत्त्वपूर्ण योजना साबित होगी। 
  • विदित है कि नेपाल में हाई डैम नहीं बना है। जब तक हाई डैम नहीं बन जाता, बिहार की नदियों के पानी को कंट्रोल नहीं किया जा सकता। नेपाल में यदि हाई डैम बन जाता है तो बिहार में कोसी, कमला, बागमती, गंडक नदी के अधिकतर क्षेत्र बाढ़मुक्त हो जाएंगे। 
  • राज्य के पश्चिम चंपारण ज़िले में गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बरौज से निकलने वाली नहरों की संख्या बढ़ाकर सिंचाई क्षमता बढ़ाई जाएगी। जल संसाधन विभाग इसका आकलन कर योजना तैयार करेगा। इसका उदेश्य गंडक नदी के पानी का अधिकतम उपयोग सिंचाई में किया जाना है। साथ ही, इससे गंडक नदी में हर साल आने वाली बाढ़ से भी सुरक्षा हो सकेगी।  
  • वर्तमान में इस बैराज से निकलने वाली नहरों से बिहार के सात ज़िलों में करीब 11.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता है। 
  • ज्ञातव्य है कि वाल्मीकिनगर बैराज की अधिकतम डिस्चार्ज क्षमता करीब 8.50 लाख क्यूसेक की है, इस बैराज से 31 जुलाई, 2003 को अब तक का अधिकतम डिस्चार्ज करीब छह लाख 19 हज़ार 750 क्यूसेक हुआ था।  
  • इस बैराज का निर्माण 1967-68 में किया गया था। इसकी लंबाई करीब 739 मीटर है। इसका आधा हिस्सा नेपाल में है। इसमें 52 गेट, 18 रियल वे, 12 अंडर स्लूइस, 8 रिवर स्लूइस, 18 हेड रेगुलेटर गेट हैं।


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