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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Jul 2022
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हरियाणा को मिला ‘एमएसएमई नेशनल अवार्ड’ में तीसरा स्थान

चर्चा में क्यों?

30 जून, 2022 को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित उद्यमी-भारत कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा को एमएसएमई के क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय कार्यों हेतु देश में तीसरा स्थान पाने के लिये सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • एमएसएमई के क्षेत्र में हरियाणा देश के टॉप-3 राज्यों में शामिल हैं। कार्यक्रम में हरियाणा के दो एमएसएमई को भी अवार्ड मिला है। इनमें डॉ. हरजिंद्र कौर तलवार को वुमैन कैटेगरी के स्मॉल सर्विस इंटरप्राइज में प्रथम तथा रिषभ गुप्ता को मैनुफैक्चरिंग माईक्रो इंटरप्राइज की ओवरऑल कैटेगरी में तीसरे स्थान का अवार्ड मिला है।
  • इस अवसर पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के आर्थिक विकास में एमएसएमई का विशेष योगदान रहा है। प्रदेश में लगभग 9.7 लाख एमएसएमई हैं, जो कि बढ़ती अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
  • दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में एमएसएमई का समर्थन करने के लिये एक समर्पित विभाग ‘एमएसएमई निदेशालय’ की स्थापना की हुई है, इससे बाजार, प्रौद्योगिकी और कुशल श्रमिकों तक पहुँच आसान हुई है।
  • उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा ने ‘वोकल फॉर ग्लोबल’ के सिद्धांत पर चलते हुए अपनी तरह का एक प्रोग्राम ‘पद्मा’ शुरू किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य खंड स्तर पर एक गतिशील, आत्मनिर्भर और संपन्न औद्योगिक बुनियादी ढाँचा तैयार करना है।
  • उन्होंने कहा कि भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना पर जोर देने के अलावा हरियाणा अपनी तरह की पहली ‘राज्य मिनी क्लस्टर योजना’ भी लेकर आया है। अब तक, एमएसई-सीडीपी योजना के तहत हरियाणा से 140 करोड़ रुपए की लागत के 9 क्लस्टरों को मंजूरी दी गई है। इसमें से भारत सरकार की ओर से 58 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।
  • राज्य मिनी क्लस्टर विकास योजना के तहत प्रदेश में 43 एमएसएमई कलस्टर की विभिन्न पहलें, जिनकी कीमत 119 करोड़ रुपए से अधिक है, आरंभ की गई हैं। राज्य सरकार के इन व्यापक क्लस्टर विकास प्रयासों से हरियाणा में 8,000 से अधिक एमएसएमई लाभान्वित हुए हैं।

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हरियाणा ‘स्टेट ईंज ऑफ डूईंग बिजनेस’ में शीर्ष राज्यों में शामिल

चर्चा में क्यों?

30 जून, 2022 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी ‘स्टेट ईंज ऑफ डूईंग बिजनेस’ के पाँचवें संस्करण में हरियाणा टॉप अचीवर्स कैटेगरी में शामिल है। हरियाणा के अलावा टॉप अचीवर्स कैटेगरी में आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार ने बताया कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार के प्रमोशन के लिये गठित विभाग (डीपीआईआईटी) ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) को सुधारात्मक कदमों के कार्यान्वयन और फीडबैक के आधार पर रैंक प्रदान की है।
  • उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 की कार्ययोजना में 15 क्षेत्रों में 301 सुधार बिंदु शामिल थे। इन सुधारों के कार्यान्वयन में हरियाणा ने 99+ प्रतिशत का स्कोर हासिल किया है। इसके अतिरिक्त निर्यात तैयारी सूचकांक (भूमि बंद श्रेणी)-2021 में राज्य को पहला तथा ‘लॉजिस्टिक्स इज एक्रोस डिफरेंट स्टेटस सर्वे-2021’ में दूसरा स्थान मिला है।
  • राज्य सरकार ने राज्य में निवेश के माहौल में सुधार के लिये कई प्रमुख कदम उठाए, जिनमें नई औद्योगिक नीति ‘हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति, 2020’ विशेष रही। इन नीति का उद्देश्य राज्य में 5 लाख नौकरियाँ पैदा करना, 1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित करना और निर्यात को दोगुना करके 2 लाख करोड़ रुपए करना है।
  • राज्य में 100 राज्य-विधियों (अधिनियमों, नियमों और दिशा-निर्देशों) का पुनर्मूल्यांकन किया गया, जिससे प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बना है।
  • हरियाणा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के कई निवेश-प्रस्तावों, जैसे- मारुति, फाइवले, ग्रासिम पेंट्स, एटीएल बैटरीज, आरती ग्रीन टेक लिमिटेड, एंपेरेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एनरिच एग्रो फूड प्रोडक्टस आदि ने रुचि दिखाई है।
  • विजयेंद्र कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार की उद्योगों को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण ही हरियाणा की ईंज ऑफ डूईंग बिजनेस, ईंज ऑफ लॉजिस्टिक्स और एक्सपोर्ट रेडीनेस में उत्कृष्ट रैंकिंग आई।

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