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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Jul 2022
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राजनांदगाँव ज़िला महिला सशक्तीकरण की दिशा में देश के अग्रणी जिलों में शुमार

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ज़िला राजनांदगाँव को महिला सशक्तीकरण और उनके हित की दिशा में बेहतरीन कार्य करने के लिये अग्रणी जिलों में शुमार किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • जिले में किये गए उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा ‘महिलाओं एवं बच्चों पर प्रभाव’ थीम पर राँची में आयोजित जोनल मीटिंग में शामिल होने के लिये कलेक्टर को आमंत्रित किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि ज़िला कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में राजनांदगाँव जिले में गोठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिये गोठान में उन्हें कार्य कर आत्मनिर्भर करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • समूह से जुड़ी महिलाएँ स्थानीय स्तर पर पापड़, बड़ी, अचार, मसाला जैसे विभिन्न उत्पाद बना रही हैं, जिनकी स्कूलों, आँगनबाड़ी केंद्रों एवं छात्रावास में आपूर्ति की जा रही है।
  • समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये उन्हें ऋण प्रदान किया गया है, जिससे उन्हें रोजगार मिला है। सी-मार्ट एवं गोठान परिसर के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर सशक्त बनाया जा रहा है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन में दुकान का निर्माण कर विक्रय किया जा रहा है।
  • जिले में आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं द्वारा एनीमिक किशोरी बालिका, गर्भवती महिलाओं एवं अन्य महिलाओं के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के लिये घर-घर जाकर जागरूक किया जा रहा है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरी बालिकाओं के शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक विकास से संबंधित कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं। नवविवाहितों को उनके आने वाले जीवन व मातृत्व से संबंधित जानकारी प्रदान की जा रही है, साथ ही आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिये विभिन्न योजनाओं के बारे में स्वसहायता समूहों की कार्य प्रणाली से अवगत कराया जा रहा है।
  • ‘प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना’ के अंतर्गत जिले में 125 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर उपलब्धि हासिल की गई है। ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ एवं ‘महतारी जतन योजना’ के अंतर्गत पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
  • पोषण मेला, पौष्टिक व्यंजनों से संबंधित प्रतियोगिता एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय रूप से उपलब्ध भोजन एवं पौष्टिक आहार की जानकारी दी जा रही है।
  • 15 से 49 वर्ष आयु की किशोरी बालिका एवं महिलाओं में एनीमिया दूर करने हेतु स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर एनीमिया जाँच तथा एनीमिक पाए जाने पर आवश्यक दवाइयाँ (आयरन, फोलिक एसिड) उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में नशाबंदी के लिये पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ‘निजात अभियान’ के तहत समूह की महिलाएँ जागरूक होकर कार्य कर रही हैं।

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धान की रिकॉर्ड खरीदी के बाद चावल जमा करने में छत्तीसगढ़ ने रचा कीर्तिमान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ ने केंद्रीय पूल में चावल जमा कराने के मामले में एक नया कीर्तिमान रचते हुए जून माह के अंत तक 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करा दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं दूरदर्शी निर्णयों के फलस्वरूप खरीफ वर्ष 2021-22 में राज्य में सर्वाधिक धान उपार्जन का कीर्तिमान रचने के बाद समितियों से धान का उठाव और केंद्रीय पूल में चावल जमा कराने के मामले में भी छत्तीसगढ़ ने एक नया कीर्तिमान रचा है।
  • खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.99 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड खरीदी के साथ ही राज्य में पहली बार माह अप्रैल-मई में ही उपार्जन केंद्रों से शत-प्रतिशत धान का उठाव पूरा कर लिया गया। इसके अलावा संग्रहण केंद्रों में भंडारित लगभग 22.90 लाख मीट्रिक टन धान का भी शत-प्रतिशत उठाव वर्षा पूर्व माह जून में ही कर लिया गया है।
  • गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में उपार्जित 97.99 लाख मीट्रिक टन धान में से 75.03 लाख मीट्रिक टन धान (लगभग 77 प्रतिशत) का उपार्जन केंद्रों से सीधे उठाव मिलरों द्वारा किया गया, जबकि खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में उपार्जित धान का 58 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान का 61 प्रतिशत एवं वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान का 62 प्रतिशत मात्रा का उपार्जन केंद्रों से मिलरों द्वारा सीधे उठाव किया गया था।
  • खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में उपार्जन केंद्रों से सीधे मिलरों द्वारा धान का रिकॉर्ड उठाव करने के कारण परिवहन व्यय, सूखत की मात्रा एवं धान की सुरक्षा एवं रखरखाव के व्यय में भी बीते वर्षों की तुलना में कमी आई है।
  • राज्य सरकार द्वारा धान उठाव व कस्टम मिलिंग हेतु निर्धारित व्यवस्था व व्यवहारिक नीतियों के फलस्वरूप न केवल धान का समय पर उठाव सुनिश्चित हुआ, अपितु कस्टम मिलिंग तेजी से हुई, जिसके कारण राज्य ने चावल जमा करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
  • अब तक भारतीय खाद्य निगम में लगभग 25.74 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में लगभग 24.35 लाख मीट्रिक टन इस प्रकार कुल 50.09 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 में जून माह के अंत तक 36.56 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया गया था। इस वर्ष जमा कराए गए चावल की मात्रा बीते वर्ष की तुलना में लगभग 13.44 लाख मीट्रिक टन अधिक है। भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा का कार्य निरंतर रूप से जारी है।

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