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स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Jun 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कोष में वृद्धि की घोषणा

चर्चा में क्यों?

31 मई, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश के विधायकों के लिये स्थानीय क्षेत्र विकास कोष को 3 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • यह केंद्र सरकार के सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम (Members of Parliament Local Area Development Scheme – MPLAD) का ही रूपांतरित स्वरूप है।
  • इस योजना का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर आवश्यकता आधारित बुनियादी ढाँचा तैयार करना, सार्वजनिक उपयोग की संपत्ति का निर्माण करना और विकास में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना है।
  • यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के लिये भी है।
  • विधायकों को इस योजना के अंतर्गत कोई पैसा नहीं मिलता है। सरकार इसे सीधे संबंधित स्थानीय अधिकारियों को हस्तांतरित करती है।
  • विधायक केवल दिशा-निर्देशों के आधार पर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में इसके अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत प्रति विधायक धन का आवंटन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है।
  • गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएलएएलएडी फंड को फरवरी 2020 में 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया था, जिसे कोविड महामारी के कारण 2020-21 में निलंबित कर दिया गया था और 2021-22 में आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया था।

हरियाणा Switch to English

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान

चर्चा में क्यों? 

31 मई, 2022 को हरियाणा सरकार ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय सचिवों के अधिकार-प्राप्त समूह (ईजीओएस) का गठन किया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • ईजीओएस का कार्यक्षेत्र राज्य मास्टर प्लान के कार्यान्वयन की समीक्षा और निगरानी करना तथा पायलट आधार पर बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण में सभी उपयोगी सेवाओं के साथ सड़कों, रेललाइन आदि के निर्माण हेतु विभिन्न गतिविधियों के समन्वय के लिये एक प्रक्रिया और एक निश्चित समय सीमा निर्धारित करना है। 
  • इसके अतिरिक्त हरियाणा मेंराज्य रसद समन्वय प्रकोष्ठअबपीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ (एनएमपी) के लियेतकनीकी सहायता इकाई’ (टीएसयू) के रूप में कार्य करेगा। यह प्रकोष्ठ प्रदेश मेंपीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ (एनएमपी) के संचालन के लिये राज्यस्तरीय संस्थागत सेटअप के रूप में काम करेगा। 
  • गौरतलब है कि वर्ष 2021 में भारत सरकार ने लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिये समन्वित और बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के निष्पादन हेतु महत्त्वाकांक्षी गति शक्ति योजना यानेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्लानलॉन्च किया है।  
  • इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं- 
    • ज़मीनी स्तर पर कार्य में तेज़ी लाने, लागत को कम करने और रोज़गार सृजन पर ध्यान देने के साथ-साथ आगामी चार वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।  
    • गति शक्ति योजना के तहत वर्ष 2019 में शुरू की गई 110 लाख करोड़ रुपए कीराष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइनको शामिल करना।  
    • लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती, कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और व्यापार को बढ़ावा देने हेतु बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय को कम करना। 
    • 11 औद्योगिक गलियारे और दो नए रक्षा गलियारे (एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में) बनाना। 
  • इसके तहत सभी गाँवों में 4G कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा, साथ ही गैस पाइपलाइन नेटवर्क में 17,000 किलोमीटर की क्षमता जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। 
  • यह वर्ष 2024-25 के लिये सरकार द्वारा निर्धारित महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई को 2 लाख किलोमीटर तक विस्तारित करना, 200 से अधिक नए हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम का निर्माण करना शामिल है।

झारखंड Switch to English

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन स्कीम

चर्चा में क्यों?

30 मई, 2022 को राज्य में कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन स्कीम के तहत छात्रवृत्ति, पीएम केयर्स फंड का पासबुक और आयुष्मान भारत के हेल्थ कार्ड दिए गए।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना के तहत राज्य के लाभार्थियों में 18 ज़िलों के 49 बच्चे शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना की शुरुआत 29 मई, 2021 को की गई थी। आरंभ में इस योजना का लाभ लेने की समय-सीमा 31 दिसंबर, 2021 निर्धारित की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 28 फरवरी, 2022 तक कर दिया गया था।
  • इसका लाभ लेने के लिये पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन डॉट इन नामक पोर्टल लॉन्च किया गया था।
  • इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ हैं-
    • माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 साल की उम्र तक सरकार मासिक भत्ता देगी।
    • 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए की एकमुश्त राशि मिलेगी।
    • सरकार की ओर से बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी।
    • उच्च शिक्षा के लिये बच्चों को लोन मिलेगा, लोन का ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।
    • आयुष्मान भारत योजना के तहत 18 साल तक पाँच लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा, जिसका प्रीमियम पीएम केयर्स फंड के माध्यम से भरा जाएगा।
    • बच्चे का नामांकन यदि प्राइवेट स्कूल में होता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसकी फीस पीएम केयर्स फंड से दी जाएगी, साथ ही स्कूल यूनिफॉर्म और किताब आदि का खर्च भी केयर्स फंड से दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

रायपुर विकास योजना, 2031

चर्चा में क्यों?

31 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ के आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में राजधानी के न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में आयोजित कार्यशाला में रायपुर विकास योजना, 2031 के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई।

प्रमुख बिंदु

  • रायपुर विकास योजना (पुनर्विलोकित), 2031 का प्रारूप नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है।
  • आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि रायपुर शहर में बढ़ती आबादी और विकास की संभावनाओं के कारण नियोजन के उद्देश्य से 2031 में 30 लाख आबादी को ध्यान में रखकर योजना तैयार की जा रही है।
  • रायपुर विकास योजना पुनर्विलोकन (प्रारूप), 2031 का उद्देश्य निवेश क्षेत्र में हरित क्षेत्र उपलब्ध कराना और उनमें सुधार करना है।
  • इसी तरह प्राकृतिक संसाधनों और जलस्रोतों का संरक्षण, पर्यावरण में सुधार, विकेंद्रीयकृत दृष्टिकोण तथा क्षेत्रीय यातायात के पृथक्करण पर ज़ोर दिया जा रहा है। साथ ही स्थानीय वाहनों की निर्बाध आवाजाही हेतु आंतरिक मार्गों में सुधार तथा भविष्य में होने वाले संभावित बदलाव-भूमि उपयोग के पैटर्न में बदलाव को शामिल किया गया है।

उत्तराखंड Switch to English

तंबाकू-मुक्त उत्तराखंड का संकल्प

चर्चा में क्यों?

31 मई, 2022 को उत्तराखंड में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर 5 लाख से अधिक लोगों ने तंबाकू से परहेज़ करने का संकल्प लिया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज (जीडीएमसी) में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल, एडमिरल (सेवानिवृत्त), डी.के. जोशी ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
  • तंबाकू-मुक्त समाज के निर्माण के लिये तंबाकू-मुक्त उत्तराखंड कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जिसके तहत राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक तंबाकू की खपत को 15 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
  • इस कार्यक्रम के तहत ही राज्य सरकार ने प्रत्येक प्रखंड के दो गाँवों को तंबाकूमुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।
  • इस अवसर पर बोलते हुए उत्तराखंड के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि तंबाकू-मुक्त उत्तराखंड के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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