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सुरक्षित गर्भपात सेवाओं में नवाचार के लिये छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
28 अप्रैल, 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित गर्भपात देखभाल पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम (National Consultation on Comprehensive Abortion Care) में छत्तीसगढ़ को सुरक्षित गर्भपात सेवाओं में नवाचार के लिये प्रथम पुरस्कार मिला है।
प्रमुख बिंदु
- मातृत्व स्वास्थ्य के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र अग्रवाल और राज्य सलाहकार अभिलाषा शर्मा रात्रे ने छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
- उल्लेखनीय है कि देश में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की निगरानी के लिये मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट लागू किया गया है।
- मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) एक्ट, 2021 के अनुसार गर्भवती महिला 24 हफ्ते तक गर्भपात करा सकती है। यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, नाबालिग या गर्भावस्था के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव (विधवा और तलाक), शारीरिक रूप से अक्षम और मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को गर्भपात की अनुमति है। साथ ही वे महिलाएँ भी गर्भपात करा सकती हैं, जिनके गर्भ में पल रहे भ्रूण में विकृति हो।
- प्रदेश में निजी चिकित्सालयों में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं की उपलब्धता एवं एमटीपी एक्ट के पालन की निगरानी के लिये ‘ई-कल्याणी एप’ तैयार किया गया है।
- इस एप के माध्यम से निजी चिकित्सालय अधिनियम के अंतर्गत सेवाएं प्रदान करने के लिये आवेदन कर सकती हैं, जिसकी ज़िला स्तरीय समिति द्वारा समीक्षा कर अनुमति प्रदान की जाती है।
- वर्तमान में प्रदेश में ‘ई-कल्याणी एप’ में 136 निजी चिकित्सालय पंजीकृत हैं, जहाँ एमटीपी एक्ट के तहत सुरक्षित गर्भपात सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। इनके अलावा 193 शासकीय चिकित्सालयों में भी सुरक्षित गर्भपात संबंधी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
- राज्य में सुरक्षित गर्भपात सेवाओं के संचालन में आईपास डवेलपमेंट फाउंडेशन (Ipas Development Foundation) द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
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भिलाई चरौदा, बिरगाँव एवं धमतरी में डायरेक्ट भवन अनुज्ञा परियोजना का हुआ शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
28 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने प्रदेश के तीन नगर निगमों भिलाई चरौदा, धमतरी और बिरगाँव में ऑनलाइन भवन अनुज्ञा परियोजना का वर्चुअली शुभारंभ किया, जिससे प्रदेश के सभी नगर निगमों में भवन निर्माण का नक्शा पास करने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि प्रदेश की 11 नगर निगमों में ऑनलाइन भवन अनुज्ञा परियोजना पहले ही प्रारंभ हो चुकी है।
- इस सॉफ्टवेयर में सभी फिजिकल टच प्वाइंट को हटाया गया है, जिससे नागरिकों को भवन अनुज्ञा से संबंधित कार्य हेतु कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है, दस्तावेजों का परीक्षण भी ऑनलाइन होगा एवं ऑनलाइन भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध है। नागरिकों को अब इस सुविधा का घर पर ही लाभ मिलेगा।
- अधिकारियों के लिये भी इस सॉफ्टवेयर में समय-सीमा तय की गई है, जिससे यह सुविधा नागरिकों को समय-सीमा में दी जा सके।
- इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से, छत्तीसगढ़ मॉडल के डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रोजेक्ट को भी इन शहरों में प्रारंभ किया गया है, अर्थात इन शहरों के नागरिकों को अब केवल एक क्लिक और एक रुपए में 5000 वर्ग फुट तक के घर बनाने की अनुमति मिलेगी।
- इस प्रक्रिया के माध्यम से, शहरों को भवन अनुज्ञा प्रक्रिया को एक सरल, त्वरित और आसान सिस्टम में बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित इस सॉफ्टवेयर का विकास नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स द्वारा नेशनल अर्बन डिजिटल मिशन के तहत किया गया है।
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मुख्यमंत्री ने पुस्तक ‘बासी’ का किया विमोचन
चर्चा में क्यों?
30 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में डॉ. गीतेश कुमार अमरोहित की पुस्तक ‘बासी’ का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री को डॉ. गीतेश अमरोहित ने बताया कि बासी छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का अभिन्न अंग है। पिछले वर्ष पूरे प्रदेश के साथ विदेशों में भी बोरे बासी दिवस पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। इस आयोजन से प्रेरित होकर उन्हें बासी पर किताब लिखने का विचार आया।
- इस पुस्तक में बासी से संबंधित विभिन्न जानकारियाँ, जैसे- बासी बनाने की विधि, बासी के पोषक तत्त्व, बासी खाने से विभिन्न बीमारियों में होने वाले लाभ, छत्तीसगढ़ के लोक जीवन में बासी का महत्त्व सहित बासी की अन्य विशेषताओं का संकलन किया गया है।
- पिछले वर्ष बोरे बासी दिवस पर विदेशों में भी मनाया गया, जिसके विषय में भी जानकारी किताब में दी गई है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फ्राँस की यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि से नवाज़ा
चर्चा में क्यों?
29 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विश्व प्रसिद्ध सोरबोन यूनिवर्सिटी द्वारा छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीमित एवं स्थानीय संसाधनों की उपयोगिता के साथ आगे बढ़ाने की विशिष्ट पहल के लिये डॉक्टरेट की उपाधि से नवाज़ा गया।
प्रमुख बिंदु
- यह उपाधि श्री अरोबिंदो फाउंडेशन द्वारा राजधानी रायपुर स्थित होटल सायाजी में आयोजित सोरबोन यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस, फ्राँस के कार्यक्रम ‘ग्लोबल अवार्ड्स 2023’ में दी गई।
- उल्लेखनीय है कि सोरबोन यूनिवर्सिटी का वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य में बड़ा स्थान है। यहाँ से निकले छात्र-छात्राओं को 33 नोबेल पुरस्कार मिल चुके हैं। इस यूनिवर्सिटी ने मुख्यमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी एवं सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के संचालन की सराहना भी की है।
- मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने के लिये जो उल्लेखनीय कार्य किये गए हैं, उन पर यूनिवर्सिटी के शोधार्थी एवं प्रोफेसर रिसर्च पेपर भी तैयार कर रहे हैं, जिसे यूनिवर्सिटी के विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जनरल पर प्रकाशित किया जाएगा।
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