राजस्थान दिवस 2024 | राजस्थान | 01 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान दिवस प्रतिवर्ष 30 मार्च को राज्य के स्थापना दिवस को मनाने के लिये मनाया जाता है, जिस दिन यह आधिकारिक तौर पर संघीय इकाई का हिस्सा बन गया।
मुख्य बिंदु:
- क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान का एक लंबा इतिहास है जो प्रागैतिहासिक काल से चला आ रहा है। इसकी संस्कृति सिंधु घाटी सभ्यता के समान थी, जो 3,000 और 1,000 ईसा पूर्व के बीच की थी।
- 12वीं शताब्दी तक चौहान एक शाही शक्ति बन गए और 7वीं शताब्दी से राजपूत मामलों पर उनका प्रभुत्व रहा। चौहानों के बाद मेवाड़ गुहिलों ने युद्धरत जनजातियों के भाग्य पर शासन किया।
- वर्तमान राजस्थान निम्नलिखित 7 चरणों में अस्तित्व में आया:
- मत्स्य संघ: भारत का विभाजन बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक आंदोलन द्वारा प्रकट हुआ जिसने राष्ट्र को अभिभूत कर दिया। भरतपुर और अलवर भी इन दंगों से सुरक्षित नहीं रहे।
- 17 मार्च 1948 को, भारत सरकार ने इन राज्यों की देखरेख अपने हाथ में ले ली क्योंकि शासक शांति बनाए रखने में विफल रहे। इन राज्यों के पड़ोसी क्षेत्र करौली और धौलपुर थे। सरकार की सलाह पर, सभी चार राज्य मत्स्य संघ बनाने के लिये एक साथ आने पर सहमत हुए।
- राजस्थान संघ: 25 मार्च 1948 को, दक्षिणी एवं दक्षिण-पूर्वी राजपूताना के कुशलगढ़, बांसवाड़ा, कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, शाहपुरा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर तथा किशनगढ़ नामक दस और राज्यों ने एक साथ मिलकर एक और संघ की संरचना की, जिसे पूर्वी राजस्थान का नाम दिया गया।
- संयुक्त राज्य राजस्थान: इसके बाद, उदयपुर राज्य (मेवाड़) भी 18 अप्रैल 1948 को राजस्थान संघ में एकजुट हो गया। तब इसका नाम बदलकर संयुक्त राजस्थान कर दिया गया। अतः राजस्थान के 15 राज्यों ने अपना-अपना संघ बनाया।
- ग्रेटर राजस्थान: 30 मार्च 1949 को चार राज्यों का गठन हुआ। जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और जैसलमेर इस एकीकरण में शामिल हुए तथा इस क्षेत्र को ग्रेटर राजस्थान के रूप में जाना जाने लगा। इसमें नीमरा और लावा की रियासतें भी शामिल हो गईं। 30 मार्च को अब राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- संयुक्त राज्य ग्रेटर राजस्थान: 15 मई 1949 को, मत्स्य संघ को ग्रेटर राजस्थान में मिला दिया गया और उसके बाद इस परिसंघ को संयुक्त राज्य ग्रेटर राजस्थान का नाम दिया गया।
- संयुक्त राजस्थान: एकमात्र राज्य सिरोही अभी तक महासंघ में शामिल नहीं हुआ था। सिरोही राज्य 26 जनवरी 1950 को महासंघ में शामिल हुआ।
- पुनर्गठित राजस्थान: अजमेर-मेरवाड़ा क्षेत्र लंबे समय तक ब्रिटिश शासन के अधीन था और राज्य पुनर्गठन आयोग के बयान के प्रस्ताव पर 1 नवंबर 1956 को इसे राजस्थान में मिला दिया गया। उस समय मध्य प्रदेश की भानपुरा तहसील और गुजरात की आबू तहसील को भी राजस्थान में मिला दिया गया था।