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बिहार सरकार द्वारा श्रमिकों की ट्रैकिंग का निर्णय
चर्चा में क्यों?
31 मार्च, 2022 को बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने विधानपरिषद में बताया कि सरकार बिहार से बाहर काम करने वाले मज़दूरों की ट्रैकिंग कराएगी।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने बताया कि मज़दूरों की ट्रैकिंग के लिये पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसके आधार पर उनके हुनर का आकलन कर उन्हें काम दिया जाएगा।
- गौरतलब है कि कोरोना काल में अन्य राज्यों से लगभग 15 लाख मज़दूर लौटे थे। इनको रोज़गार प्रदान करने के लिये राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किये गए हैं।
- ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ के तहत 16 हज़ार लोगों का चयन कर स्वरोज़गार के लिये सरकार द्वारा दस लाख रुपए प्रदान किये जा रहे हैं, जिससे लगभग एक लाख 60 हज़ार युवकों को रोज़गार मिलेगा।
- इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 18 क्लस्टर बनाकर कोरोना काल में बिहार लौटे युवकों को रोज़गार देने की व्यवस्था की जा रही है।
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