उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में बेसहारा गोवंश के लिये सफारी निर्माण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव ने बेसहारा गोवंश को सहारा देने के लिये प्रदेश भर में गोसफारी बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत प्रदेश भर के वन क्षेत्र की ज़मीन पर बाड़ बनाकर शेडयुक्त आश्रय निर्माण किया जाएगा, जहाँ गोवंश के लिये चारा एवं पानी की भी व्यवस्था होगी।
- गोवंश संरक्षण के लिये गोसफारी निर्माण पर सहमति 14 मार्च को पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग द्वारा आयोजित बैठक में बनीं थी, जिसमें प्रदेश भर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, वेटनरी यूनिवर्सिटी के डीन, गोशाला संचालक एवं एनजीओ पदाधिकारी शामिल हुए थे।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में गोवंश के संरक्षण हेतु गोशाला निर्माण के लिये उत्तर प्रदेश गोशाला योजना’ का संचालन किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार द्वारा गोशाला खोलने पर अनुदान प्रदान किया जाता है, जो कि प्रति गाय 30 रुपए है।
बिहार Switch to English
बिहार सरकार द्वारा श्रमिकों की ट्रैकिंग का निर्णय
चर्चा में क्यों?
31 मार्च, 2022 को बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने विधानपरिषद में बताया कि सरकार बिहार से बाहर काम करने वाले मज़दूरों की ट्रैकिंग कराएगी।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने बताया कि मज़दूरों की ट्रैकिंग के लिये पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसके आधार पर उनके हुनर का आकलन कर उन्हें काम दिया जाएगा।
- गौरतलब है कि कोरोना काल में अन्य राज्यों से लगभग 15 लाख मज़दूर लौटे थे। इनको रोज़गार प्रदान करने के लिये राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किये गए हैं।
- ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ के तहत 16 हज़ार लोगों का चयन कर स्वरोज़गार के लिये सरकार द्वारा दस लाख रुपए प्रदान किये जा रहे हैं, जिससे लगभग एक लाख 60 हज़ार युवकों को रोज़गार मिलेगा।
- इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा 18 क्लस्टर बनाकर कोरोना काल में बिहार लौटे युवकों को रोज़गार देने की व्यवस्था की जा रही है।
राजस्थान Switch to English
मेडिफेस्ट-2022
चर्चा में क्यों?
31 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में मेडिफेस्ट-2022 के लोगो का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- दोदिवसीय मेडिफेस्ट-2022 का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा 5 अप्रैल को किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 5 अप्रैल को एसएमएस अस्पताल में बनने वाले 24 मंजिला नए आईपीडी टावर एवं इंस्टीट्यूट ऑफ कॉर्डियोलॉजी का भूमिपूजन तथा शिलान्यास भी किया जाएगा।
- साथ ही, एसएमएस मेडिकल कॉलेज ग्राउंड में 5 अप्रैल को ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी होगा।
- मेडिफेस्ट-2022 के दौरान 18 इंटरेक्टिव सेशन में विशेषज्ञ विभिन्न बीमारियों एवं उनके उपचार में काम आने वाली आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी देंगे।
- आईपीडी टावर एवं कॉर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट बनने से एसएमएस हॉस्पिटल में 1200 बेड की क्षमता बढ़ जाएगी। साथ ही 20 ऑपरेशन थियेटर, 4 कैथ लैब एवं 100 ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बढ़ेंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश से 3 खिलाड़ियों का राष्ट्रीय तीरंदाज़ी टीम में चयन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश राज्य तीरंदाज़ी अकादमी की खिलाड़ी मुस्कान किरार, रागिनी मार्को तथा सृष्टि सिंह का भारतीय तीरंदाज़ी टीम में चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- तीनों ही अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को जबलपुर स्थित राज्य तीरंदाजी अकादमी के कोच रिचपाल सिंह सलारिया के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
- मुस्कान किरार ने एशियाई खेलों (2018) में रजत पदक, रागिनी मार्को ने यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप (मैड्रिड, स्पेन) में मिश्रित स्पर्धा में स्वर्ण पदक तथा सृष्टि सिंह ने इटली में विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भाग लेने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त किया है।
- मुस्कान किरार मूलरूप से जबलपुर की निवासी हैं, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में एकलव्य पुरस्कार और वर्ष 2019 में विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम इस वर्ष पाँच विश्व कप (विभिन्न चरणों) और एशियाई खेलों (चीन) में भाग लेगी।
हरियाणा Switch to English
उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिये खेल कोटे के अंतर्गत ग्रुप-सी की कुल नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण
चर्चा में क्यों?
31 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश के उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिये खेल कोटे के अंतर्गत राज्य सरकार ने ग्रुप-सी की कुल नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में श्रेणी-घ की नौकरियों के लिये खेल कोटा हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण पहले से ही जारी है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार अपने ‘पदक लाओ-पद पाओ’ कार्यक्रम के तहत भविष्य में भी उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरियाँ प्रदान करेगी।
- ग्रुप-सी नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय से लगभग 400 से 450 खिलाड़ियों को हर वर्ष नौकरी मिलेगी।
- सरकार द्वारा ग्रुप-सी नौकरियों के लिये खिलाड़ियों को उनके पसंदीदा विभाग चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा और उनकी प्राथमिकता के आधार पर उन्हें छूट दी जाएगी तथा उनके विकल्प के आधार पर उन्हें नियुक्त किया जा सकेगा।
हरियाणा Switch to English
‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ के पोर्टल की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
31 मार्च, 2022 को हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ के नाम से एक नई बागवानी फसल बीमा योजना के पोर्टल की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी।
- प्रतिकूल मौसम कारक तथा प्राकृतिक आपदाओं, जैसे- ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर/ड्रेन का टूटना, जलभराव), आंधी तूफान व आग, जो फसल नुकसान का कारण बनते हैं, को योजना में शामिल किया जा रहा है।
- इस योजना के तहत 21 फसलें शामिल हैं, जिनमें 14 सब्जियाँ (टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, मूली), 2 मसाले (हल्दी, लहसुन) और 5 फल (आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची) शामिल हैं।
- यह योजना उन सभी किसानों के लिये वैकल्पिक तौर पर होगी, जो ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ के तहत पंजीकृत हैं।
- योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योर्ड) सब्जियों व मसालों के लिये रुपए 30,000 रुपए प्रति एकड़ व फलों के लिये 40,000 रुपए प्रति एकड़ होगी तथा किसान का योगदान/हिस्सा आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा, जो कि सब्जियों में 750 रुपए व फलों में 1000 रुपए प्रति एकड़ होगी।
- कृषि मंत्री ने बताया कि मुआवजा को चार श्रेणी- 25, 50, 75 व 100 में बाँटा गया है। 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान की अवस्था में मुआवजा 50 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिये 15,000 रुपए व फलों के लिये 20,000 रुपए, 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान की अवस्था में मुआवजा 75 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिये 22,500 रुपए व फलों के लिये 30,000 रुपए तथा 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान की अवस्था में मुआवजा 100 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिये 30,000 रुपए व फलों के लिये 40,000 रुपए दिया जाएगा।
- सरकार द्वारा योजना के लिये प्रारंभिक पूंजी के रूप में 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जाएगी। मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी। योजना की निगरानी, समीक्षा एवं विवादों का समाधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गठित राज्य स्तर व ज़िला स्तर की समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
झारखंड Switch to English
हज़ारीबाग के पुरातात्त्विक अवशेषों को मिलेगी नई पहचान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व विभाग द्वारा झारखंड के हज़ारीबाग के दैहर और सोहरा में 72 वर्ष पूर्व खुदाई से प्राप्त बौद्ध अवशेष एवं मूर्तियों में लिखी विशेष लिपि के अध्ययन का निर्णय लिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके लिये भारतीय पुरातत्त्व विभाग द्वारा लिपि विशेषज्ञ डॉ. अर्पिता रंजन को भेजा गया है, ताकि मूर्तियों के कालखंड का पता लगाया जा सके।
- गौरतलब है कि 1950 में यहाँ के तत्कालीन मुखिया जगरनाथ सिंह और अन्य ग्रामीणों को दैहर एवं सोहरा से अनेक मूर्तियाँ प्राप्त हुई थीं। इनके अध्ययन के लिये कई प्रयास किये गए, लेकिन वे सफल नहीं रहे।
- यह क्षेत्र बौद्ध धर्म से संबंधित पुरातात्त्विक अवशेषों से भरा पड़ा है। उदाहरण के लिये दैहर से प्राप्त प्रतिमा, जिसे ग्रामीण कमला माता के रूप में पूजते हैं, बौद्ध देवी मारीचि हैं। साथ ही सोहरा से प्राप्त प्रतिमा, जिसे ग्रामीण समोखर माता के रूप में पूजते हैं, बौद्ध धर्म की देवी तारा हैं। वहीं मानगगढ़ में झारखंड के सबसे बड़े बौद्ध स्तूप की पहचान हुई है।
- इसके धार्मिक महत्त्व को देखते हुए ही इसे बौद्ध सर्किट में शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 4 नए अनुविभाग एवं 23 नई तहसीलों का किया शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
31 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश में 4 नए राजस्व अनुविभाग एवं 23 नई तहसीलों का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- अभी तक छत्तीसगढ़ में कुल 96 अनुविभाग तथा 179 तहसीलें थीं। 4 नए अनुविभाग से अब प्रदेश में कुल 100 अनुविभाग तथा 23 नई तहसीलों के गठन से अब प्रदेश में कुल 202 तहसीलें हो गई हैं।
- नवीन अनुविभाग एवं तहसीलों के प्रारंभ होने से शासकीय योजनाओं के सुचारु रूप से क्रियान्वयन एवं प्रशासनिक कामकाज में कसावट लाने में सुविधा होगी।
- मुख्यमंत्री ने जगदलपुर ज़िले में तोकापाल, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले में मरवाही, सूरजपुर ज़िले में भैयाथान तथा गरियाबंद ज़िले में मैनपुर अनुविभाग का शुभारंभ किया।
- इसी तरह मुख्यमंत्री ने जिन 23 नई तहसीलों का शुभारंभ किया, वे हैं-
- सीपत और बोदरी (ज़िला- बिलासपुर)
- सकोला (कोटमी) (ज़िला- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही)
- अड़भार (ज़िला- जांजगीर-चांपा)
- सरिया और छाल (ज़िला- रायगढ़)
- बरपाली, अजगरबहार और पसान (ज़िला- कोरबा)
- चांदो, रघुनाथनगर और डोरा-कोचली (ज़िला- बलरामपुर-रामानुजगंज)
- बिहारपुर (ज़िला- सूरजपुर)
- सुहेला और भटगाँव (ज़िला- बलौदाबाज़ार-भाटापारा)
- अहिवारा (ज़िला- दुर्ग)
- नांदघाट (ज़िला- बेमेतरा)
- सरोना (ज़िला- उत्तर बस्तर कांकेर)
- बारसूर (ज़िला- दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा)
- कुटरू और गंगालूर (ज़िला- बीजापुर)
- छोटे डोंगर और कोहकामेटा (ज़िला- नारायणपुर)
छत्तीसगढ़ Switch to English
राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा के लिये ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
31 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में राजस्व प्रकरणों के निर्धारित समय-सीमा में निराकरण की समीक्षा के लिये ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पोर्टल के माध्यम से नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन तथा वृक्ष कटाई समेत अन्य राजस्व कार्यों की मुख्यमंत्री कार्यालय, राजस्व मंत्री कार्यालय समेत वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सतत् मानिटरिंग की जा सकती है।
- नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन तथा वृक्ष कटाई की समय-सीमा के बाहर के अनिराकृत प्रकरणों के निराकरण हेतु भुइयां सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल की व्यवस्था की गई है।
- प्रकरणों का समय पर निराकरण हो, इसके लिये मॉनिटरिंग पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय, राजस्व मंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय, सचिव राजस्व विभाग, संचालक भू-अभिलेख, संभाग आयुक्त एवं ज़िला कलेक्टर के स्तर से सीधे मॉनिटरिंग की जाएगी।
उत्तराखंड Switch to English
टिहरी ज़िले के सुरकंडा मंदिर क्षेत्र में डॉपलर रडार का कार्य पूर्ण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि टिहरी ज़िले के सुरकंडा मंदिर क्षेत्र में डॉपलर रडार लगाने का काम पूरा हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में रडार टेस्टिंग का काम चल रहा है, जिसके एक महीने के भीतर सुचारु तरीके से कार्य प्रारंभ करने की उम्मीद है।
- गौरतलब है कि जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद से सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिये पर्वतीय क्षेत्र में रडार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, लेकिन क्षेत्र में रडार स्थापित करने के लिये वर्षों से भूमि का चयन नहीं हो पाने के कारण रडार की स्थापना नहीं हो सकी थी।
- डॉपलर रडार से करीब दो घंटे पहले ही भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं की संभावना की जानकारी मिल सकेगी।
- रडार 100 किलोमीटर के दायरे में मौसमी गतिविधियों पर डाटा रिकॉर्ड करने में सक्षम होगा।
- रडार से मौसम की सटीक जानकारी चारधाम सर्किट पर यात्रा करने वाले लोगों को भी दी जाएगी।
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