सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी पदों के लिये राजस्थान के 2 संतान के नियम को बनाये रखा | राजस्थान | 01 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय ने सार्वजनिक रोज़गार पाने के लिये राजस्थान सरकार के दो संतान की पात्रता मानदंड को बरकरार रखा है तथा निर्णय सुनाया है कि यह भेदभावपूर्ण नहीं है और ना ही संविधान का उल्लंघन नहीं करता है।
मुख्य बिंदु:
- राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन) नियम, 2001 उन उम्मीदवारों को सरकारी पद पाने से रोकता है जिनकी दो से अधिक संतान हैं।
- शीर्ष न्यायालय ने दो-संतान के मानदंड को बरकरार रखते हुए पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया, जिन्होंने वर्ष 2017 में सेना से सेवानिवृत्ति के बाद 25 मई, 2018 को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद के लिये आवेदन किया था।
- पीठ ने कहा कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4), जो कहता है कि “कोई भी उम्मीदवार सेवा में नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा, जिसके 1 जून 2002 को या उसके बाद दो से अधिक संतान हैं, यह भेदभावपूर्ण नहीं है और संविधान का उल्लंघन नहीं करता।
- न्यायालय ने माना कि वर्गीकरण, जो दो से अधिक जीवित संतान होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है, गैर-भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे से बाहर है, क्योंकि प्रावधान के पीछे का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना था।