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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Mar 2023
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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- 2023

चर्चा में क्यों?

28 फरवरी, 2023 को राजस्थान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जयपुर के शास्त्रीनगर में स्थापित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं विज्ञान उद्यान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के क्यूरेटर कैलाश मिश्रा ने बताया कि विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिये विभाग द्वारा 28 फरवरी से 15 मार्च तक प्रदेश के सभी ज़िलों में निजी शिक्षण संस्थाओं, महाविद्यालय, विद्यालय, अभियांत्रिकी विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
  • इनमें चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या पर प्रदर्शन, द्रव्य नाइट्रोजन के मनोरंजक प्रयोग, साइंस शो, विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान चित्रकला प्रतियोगिता, विज्ञान निबंध, विज्ञान क्विज, विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान वार्ता, स्लोगन राइटिंग, वाद विवाद जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी।
  • कार्यक्रम में आगामी 15 दिनों के लिये पूरे प्रदेश में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रमों के पोस्टर का विमोचन किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी वी रमन ने रमन प्रभाव की खोज 28 फरवरी, 1928 को की थी, इस दिवस को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • इस वर्ष की थीम ‘वैश्विक कल्याण के लिये वैश्विक विज्ञान’ (ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेल बीइंग) रखी गई है।
  • कैलाश मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विभाग द्वारा पूरे जयपुर शहर के प्रमुख स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट लगाए गए हैं। विभाग द्वारा यह नवाचार इसलिये किया गया है ताकि लोगों को विज्ञान की अवधारणाओं से जोड़ा जा सके और अंधविश्वासों से परे जागरूक किया जा सके।
  • कार्यक्रम में राजस्थान विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ऋषि कुमार सिंघल ने बताया कि मात्र 18 वर्ष की उम्र में सर सी वी रमन का शोध पत्र प्रकाशित हुआ था। सागर की लहरों पर सूर्य के किरणों की अठखेलियाँ देखकर सी वी रमन के मन में विचार आया कि यह कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि विज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण घटना है और वे प्रकाश के प्रकीर्णन के अध्ययन में जुट गए।
  • उन्होंने मात्र 200 रुपए की लागत से स्पेक्ट्रोमीटर का आविष्कार किया और स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से रमन प्रभाव ने उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करवाया।
  • कार्यक्रम में राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी-2022, राष्ट्रीय विज्ञान नाटक उत्सव प्रतियोगिता- 2022, पश्चिम भारत विज्ञान मेला 2022-23, नेशनल चिल्ड्रन साइंस कॉन्ग्रेस 2022-23 के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।

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राजस्थान साहित्य अकादमी की मासिक पत्रिका मधुमती का नियमित प्रकाशन

चर्चा में क्यों?

28 फरवरी, 2023 को राजस्थान के कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा मासिक पत्रिका मधुमती का नियमित प्रकाशन किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि इस पत्रिका के 48 अंकों का प्रकाशन कर ई-बुक को अकादमी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
  • मधुमती के अंकों में देशभर के एवं राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकारों एवं महापुरूषों के लेख समाहित किये जाते हैं। इसके अलावा किसी विदेशी भाषा का लेख भी आया है तो उसका अनुवाद भी प्रकाशित किया गया है।
  • डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि अकादमी द्वारा पुस्तक ‘गांधी सबद निरंतर’का भी प्रकाशन किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि 28 जनवरी, 1958 में राजस्थान साहित्य अकादमी की स्थापना हुई थी। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर द्वारा अन्य भारतीय भाषाओं एवं विदेशी भाषाओं के साहित्य के अनुवाद के लिये वर्ष 2013 से 2017 के दौरान कोई कार्य नहीं किया गया है।

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