उत्तर प्रदेश Switch to English
गोरखपुर में खुलेगी रीजनल फिल्म सिटी
चर्चा में क्यों?
28 फरवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर राज्य के नोएडा में फिल्म सिटी के साथ ही अब पूर्वांचल के गोरखपुर में रिजनल फिल्मी सिटी खोलने की तैयारी है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार मुंबई के कारोबारी अतुल गर्ग ने रीजनल फिल्म सिटी के लिये प्रदेश सरकार के साथ एमओयू किया है। एमओयू के तहत कारोबारी अतुल गर्ग 500 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे।
- भोजपुरी भाषा की सबसे महंगी फिल्म के फिल्मांकन के बाद ही अब गोरखपुर में रीजनल फिल्म सिटी बनाने का फैसला लिया गया है। गोरखपुर में रिजनल फिल्मी सिटी खुलने के बाद पूर्वांचल की प्रतिभाओं को बाहर नहीं जाना होगा। बता दें कि गोरखपुर क्षेत्र भोजपुरी एवं नेपाली सिनेमा का हब बन चुका है।
- 500 करोड़ रुपए के निवेश से 2000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी के लिहाज से गोरखपुर को फिल्म सिटी के लिये बेहतर विकल्प बताया जा रहा है।
- अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री दो हज़ार करोड़ रुपए से ऊपर का उद्योग बन चुकी है। भोजपुरी के साथ ही आने वाले दिनों में प्रदेश में अवधी, बुंदेलखंडी, ब्रज व अन्य क्षेत्रीय सिनेमा के उभरने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में कूड़ा उठाने का डोर टू डोर अभियान
चर्चा में क्यों?
27 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) की निदेशक नेहा शर्मा ने बताया कि राज्य में शहरी क्षेत्रों को साफ रखने के लिये नगर विकास विभाग 4 से 31 मार्च तक स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) में ‘डोर टू डोर’ अभियान का तीसरा चरण चलाएगा। इसमें गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग देना होगा।
प्रमुख बिंदु
- मिशन निदेशक नेहा शर्मा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) में ‘डोर टू डोर’ अभियान के तीसरे चरण में गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग न करने व गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा। यह 50 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक होगा।
- उन्होंने बताया कि 1 फरवरी से 100 प्रतिशत डोर-टू-डोर कलेक्शन और कूड़े को अलग-अलग करने की जानकारी देने का अभियान चलाया गया।
- इस अभियान के तीन चरण हैं- पहला चरण प्रार्थना व दूसरा सहमति था। दूसरा चरण 3 मार्च को समाप्त होगा।
- तीसरे व अंतिम चरण में कूड़े को अलग-अलग न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसमें स्पष्ट किया गया है कि निकाय परिधि में स्थित गेटेड कालोनी, आरडब्लयूए कालोनी व बल्क वेस्ट निकालने वालों का चालान किया जाएगा। लोगों को पोस्टर, बैनर आदि के माध्यम से चालान के बारे में सचेत किया जाएगा तथा निकाय अधिकारी रोजाना निरीक्षण कर इसका पालन न करने वालों का चालान करेंगे।
- नेहा शर्मा ने बताया कि 6 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को लेकर विशेष रूप से निर्देश जारी किए हैं। यहाँ जुर्माने की राशि अधिक रहने वाली है।
- उन्होंने बताया कि सबसे कम जुर्माना नगर पंचायतों में लगेगा। यहाँ एक तो आबादी कम होती है और साथ में संसाधनों का अभाव होता है। लोगों को जागरूक करने के लिये यहाँ तीन चरण में अभियान भी चलेगा।
- नगर निगम ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था के लिये निजी कंपनी स्वच्छता कारपोरेशन के साथ करार किया है तथा कंपनी के कामकाज पर नज़र रखने के लिये नगर निगम फीडबैक संस्था के साथ करार किया गया है।
- कंपनी को साफ निर्देश दिया गया है कि घरों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके लेना है। अलग-अलग कंटेनरों में ही कचरा ट्रीटमेंट प्लांट तक जाएगा। इसके साथ ही नगर निगम ने चमड़े की कतरन, पेठे का वेस्ट और गोबर के लिये अलग-अलग गाड़ियाँ चला रखी हैं।
बिहार Switch to English
बिहार विधानसभा में 2.61 लाख 885 करोड़ रुपए का बजट पेश
चर्चा में क्यों?
28 फरवरी, 2023 को बिहार विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये 61 लाख 885.4 करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें युवाओं, महिलाओं से लेकर नौकरीपेशा और राज्य की जनता के अंतिम व्यक्ति तक को लाभ पहुँचाने की बात की गई है।
प्रमुख बिंदु
- वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बजट पेश करते हुए दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में बिहार की अर्थव्यवस्था लगभग तीन गुनी हो गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 2011-12 में 47 लाख करोड़ रुपए था, जो 2022-23 में बढ़कर 6.75 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
- बिहार बजट 2023 के महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- बिहार सरकार 10 लाख युवाओं को रोज़गार देगी। युवाओं को सरकारी नौकरी दिये जाने के अलावा स्वावलंबन और उनमें आत्मविश्वास पैदा कर रोज़गार सृजन किया जाएगा।
- खेलकूद को बढ़ावा देने के लिये राजगीर में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
- साइकिल योजना के लिये 50 करोड़, बालिका प्रोत्साहन योजना के लिये 100 करोड़ और पोशाक के लिये 100 करोड़ दिये जाएंगे।
- नारी सशक्तीकरण योजना के लिये 60 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 10वीं पास छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिये 94 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। वहीं, पटना मेडिकल कॉलेज के लिये 5540 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।
- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वालों के लिये 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- बिहार बजट 2023 में शहरी क्षेत्र में बाइपास बनाने और ऊर्जा के क्षेत्र में 3323 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- बजट में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना है। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वालों को होल्डिंग टैक्स में 5 फीसदी की छूट का प्रावधान किया गया है।
- नवाचार को बढ़ावा देने के लिये बिहार सरकार नई स्टार्ट अप नीति लेकर आएगी। कई कन्या महाविद्यालयों के निर्माण के लिये बजट में व्यवस्था की गई है।
- इसी तरह थानों में ढाँचागत सुधार किया जाएगा। इसके लिये 155 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
राजस्थान Switch to English
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- 2023
चर्चा में क्यों?
28 फरवरी, 2023 को राजस्थान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जयपुर के शास्त्रीनगर में स्थापित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं विज्ञान उद्यान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के क्यूरेटर कैलाश मिश्रा ने बताया कि विज्ञान के प्रचार प्रसार के लिये विभाग द्वारा 28 फरवरी से 15 मार्च तक प्रदेश के सभी ज़िलों में निजी शिक्षण संस्थाओं, महाविद्यालय, विद्यालय, अभियांत्रिकी विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
- इनमें चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या पर प्रदर्शन, द्रव्य नाइट्रोजन के मनोरंजक प्रयोग, साइंस शो, विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान चित्रकला प्रतियोगिता, विज्ञान निबंध, विज्ञान क्विज, विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान वार्ता, स्लोगन राइटिंग, वाद विवाद जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी।
- कार्यक्रम में आगामी 15 दिनों के लिये पूरे प्रदेश में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रमों के पोस्टर का विमोचन किया गया।
- उल्लेखनीय है कि नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी वी रमन ने रमन प्रभाव की खोज 28 फरवरी, 1928 को की थी, इस दिवस को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इस वर्ष की थीम ‘वैश्विक कल्याण के लिये वैश्विक विज्ञान’ (ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेल बीइंग) रखी गई है।
- कैलाश मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विभाग द्वारा पूरे जयपुर शहर के प्रमुख स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट लगाए गए हैं। विभाग द्वारा यह नवाचार इसलिये किया गया है ताकि लोगों को विज्ञान की अवधारणाओं से जोड़ा जा सके और अंधविश्वासों से परे जागरूक किया जा सके।
- कार्यक्रम में राजस्थान विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ऋषि कुमार सिंघल ने बताया कि मात्र 18 वर्ष की उम्र में सर सी वी रमन का शोध पत्र प्रकाशित हुआ था। सागर की लहरों पर सूर्य के किरणों की अठखेलियाँ देखकर सी वी रमन के मन में विचार आया कि यह कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि विज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण घटना है और वे प्रकाश के प्रकीर्णन के अध्ययन में जुट गए।
- उन्होंने मात्र 200 रुपए की लागत से स्पेक्ट्रोमीटर का आविष्कार किया और स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से रमन प्रभाव ने उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करवाया।
- कार्यक्रम में राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी-2022, राष्ट्रीय विज्ञान नाटक उत्सव प्रतियोगिता- 2022, पश्चिम भारत विज्ञान मेला 2022-23, नेशनल चिल्ड्रन साइंस कॉन्ग्रेस 2022-23 के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान साहित्य अकादमी की मासिक पत्रिका मधुमती का नियमित प्रकाशन
चर्चा में क्यों?
28 फरवरी, 2023 को राजस्थान के कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा मासिक पत्रिका मधुमती का नियमित प्रकाशन किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि इस पत्रिका के 48 अंकों का प्रकाशन कर ई-बुक को अकादमी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
- मधुमती के अंकों में देशभर के एवं राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकारों एवं महापुरूषों के लेख समाहित किये जाते हैं। इसके अलावा किसी विदेशी भाषा का लेख भी आया है तो उसका अनुवाद भी प्रकाशित किया गया है।
- डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि अकादमी द्वारा पुस्तक ‘गांधी सबद निरंतर’का भी प्रकाशन किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि 28 जनवरी, 1958 में राजस्थान साहित्य अकादमी की स्थापना हुई थी। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर द्वारा अन्य भारतीय भाषाओं एवं विदेशी भाषाओं के साहित्य के अनुवाद के लिये वर्ष 2013 से 2017 के दौरान कोई कार्य नहीं किया गया है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा हाईपावर वर्किंग कमेटी मीटिंग में गुरुग्राम के लिये 155 करोड़ रुपए के 4 प्रोजेक्ट मंजूर
चर्चा में क्यों?
28 फरवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हाई पावर वर्किंग कमेटी में प्रदेश के गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण की लगभग 155 करोड़ रुपए की 4 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि पहली बार 10 करोड़ रुपए से अधिक के इंजीनियरिंग कार्यों के आवंटन के लिये हाई पावर वर्किंग कमेटी की बैठक हुई।
- उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग वर्क्स के लिये पहली बार ई-निविदाएँ आमंत्रित करने के लिये आरंभ किया गया हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल कारगर सिद्ध हो रहा है।
- बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम की मुख्य सड़क एमजी रोड का दिल्ली के लोधी रोड की तर्ज पर सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
- गुरुग्राम के इफको चौक से सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन तक सर्विस लेन, वेंडर ज़ोन तथा बस क्यू शेल्टर को भी नया रूप दिया जाएगा तथा धनवापुर में 100 एमएलडी एसटीपी के निर्माण, वसई व बहरमपुर में सब स्टेशन से संबंधित परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
झारखंड Switch to English
केंद्र सरकार ने रद्द किया धालभूमगढ़ में बनने वाले एयरपोर्ट का प्रस्ताव
चर्चा में क्यों?
27 फरवरी, 2023 को केंद्रीय नागर विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पर्यावरण संरक्षण एवं एलीफेंट कोरिडोर होने का कारण दर्शाते हुए झारखंड के धालभूमगढ़ (पूर्वी सिंहभूम) में एयरपोर्ट निर्माण के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना उड़ान के तहत जमशेदपुर में टाटा स्टील के स्वामित्व वाले सोनारी हवाई अड्डा से उड़ानों का संचालन शुरू हो चुका है तथा धालभूमगढ़ में द्वितीय विश्वयुद्ध का परित्यक्त हवाई अड्डा है, जो वर्तमान में जर्जर हालत में है तथा संचालन के लिये उपयुक्त नहीं है।
- ज्ञातव्य है कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट लिमिटेड को झारखंड में हवाई अड्डे के विकास के लिये संयुक्त उद्यम कंपनी बनाया गया था। इसके लिये राज्य सरकार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भार मुक्त भूमि उपलब्ध करानी थी।
- इस संबंध में पर्यावरण मूल्यांकन समिति ने पाया कि प्रस्तावित स्थल जंगलों में पड़ता है तथा बड़ी संख्या में हाथियों का निवास स्थान है तथा यह स्थान हाथी गलियारे के रूप में जाना जाता है। प्रस्तावित स्थल हवाई अड्डे के विकास के लिये उपयुक्त नहीं है।
- राज्य सरकार द्वारा एएआई को कोई ज़मीन नहीं सौंपी गई तथा साथ ही वन मंजूरी भी प्राप्त नहीं हुई। इसके कारण प्राधिकरण ने धालभूमगढ़ एयरपोर्ट लिमिटेड को बंद करने का निर्णय लिया है।
- विदित है कि धालभूमगढ़ में द्वितीय विश्वयुद्ध काल के एयरपोर्ट को चालू करने के लिये रघुवर दास सरकार ने पहल की थी। एयरपोर्ट का भूमि पूजन 24 जनवरी, 2019 को किया गया था।
- केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट के लिये 100 करोड़ की राशि भेजने के बाद भी 4 साल में एक ईंट तक नहीं जुड़ी है। राज्य सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति नहीं मिलने के कारण काम अधर में अटका हुआ था।
छत्तीसगढ़ Switch to English
महासमुंद में पाँच संकल्प कार्यक्रम का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
28 फरवरी, 2023 को ज़िला प्रशासन महासमुंद और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में ज़िला पंचायत सभा कक्ष में ‘पाँच संकल्प : कल आज और कल’ महा-अभियान का कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- महासमुंद ज़िला कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने बताया कि पाँच संकल्प महा-अभियान का उद्देश्य पाँच स्वस्थ्य व्यवहारों के प्रति जनमानस में जागरूकता लाना है। साथ ही हर वर्ग के लोगों के बीच स्वास्थ्य को लेकर आ रही चुनौतियों के समाधान के लिये कार्ययोजना बनाकर काम करना है, ताकि लोग बेहतर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें।
- उन्होंने बताया कि पाँच संकल्प के माध्यम से पाँच व्यवहार जिसमें स्वस्थ किशोरावस्था का संकल्प, प्रसव पूर्व जाँच व संस्थागत प्रसव का संकल्प, एनीमिया मुक्ति का संकल्प, स्तनपान को बढ़ावा देने का संकल्प, संपूर्ण पोषण विविधता का संकल्प शामिल हैं।
- कलेक्टर ने कहा कि व्यवहार परिवर्तन एक दिन की बात नहीं इसके लिये लगातार काम करने की आवश्यकता है और सभी व्यवहार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, इन संकल्पों से हम आईएमआर और एमएमआर में कमी ला सकते हैं।
- यूनिसेफ छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि केवल एक घंटे के अंदर माँ का दूध पीने से 22 प्रतिशत तक बच्चों की मृत्यु में कमी आ सकती हैं एवं हाथ धोने से 40% तक बीमारियों को कम किया जा सकता है, इन संकल्पों से ज़िले में परिवर्तन लाया जा सकता है।
- ज़िला पंचायत सीईओ एस.आलोक ने बताया कि पाँच संकल्प के प्रति जागरूकता के लिये विभिन्न विभागों के अब तक लगभग 60 हज़ार लोगों को प्रशिक्षित किया गया है जो समाज में इन व्यवहारों के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करेंगे।
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