उत्तर प्रदेश Switch to English
चरकुला और कत्थक
चर्चा में क्यों?
27 फरवरी, 2022 को मथुरा रोड स्थित पुराना किला, दिल्ली में आयोजित सांकृतिक संध्या में उत्तर प्रदेश से चरकुला एवं कत्थक की प्रस्तुतियाँ दी गई।
प्रमुख बिंदु
- सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किया। यह आयोजन आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत विदेश मंत्रालय एवं भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा किया गया।
- इसमें 25 राज्यों के 175 कलाकारों ने प्रस्तुतियाँ दीं जिसमें उत्तर प्रदेश का चरकुला और कत्थक शामिल हैं।
- चरकुला उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में किया जाने वाला नृत्य है। इस नृत्य में महिलाएँ अपने सिर पर बड़े बहु-स्तरीय वृत्ताकार लकड़ी के पिरामिडों को रखकर कृष्ण भक्ति गीतों पर नृत्य करती हैं।
- कथक भारत के शास्त्रीय नृत्यों में से एक है जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में प्रदर्शित किया जाता है। कथक का नृत्य की एक विशिष्ट विधा के रूप में विकास पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी में भक्ति आंदोलन के प्रसार के साथ हुआ।
- यह अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के संरक्षण में प्रमुख कला के रूप में विकसित हुआ। इसके प्रमुख कलाकारों में बिरजू महाराज का नाम उल्लेखनीय है जिनकी अभी हाल ही में मृत्यु हो गई है।
Switch to English