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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Feb 2023
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ट्रांसफर एक्ट की जगह नियमावली बनाकर शिक्षकों का तबादले पर अधिकार खत्म करने की तैयारी

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों के लिये एक्ट की जगह नियमावली बनाकर शिक्षकों के तबादले के अधिकार को खत्म करने की तैयारी की जा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि शासन की ओर से सचिव समिति के पास हरियाणा की तर्ज पर बन रही नियमावली का जो ड्राफ्ट रखा जाना है, उसमें स्पष्ट लिखा है तबादला शिक्षक का अधिकार नहीं माना जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में पारदर्शी तबादले राज्य गठन के बाद से सरकारों के लिये चुनौती बने रहे हैं। मनमाने तबादलों को लेकर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े होते रहे हैं। यही वजह रही कि सरकार ने शिक्षकों के तबादलों के लिये वर्ष 2012 में बनी तबादला नीति को खत्म कर वर्ष 2017 में तबादला एक्ट बनाया, जिसे शिक्षा विभाग के साथ ही सभी विभागों के लिये वर्ष 2018 से लागू किया गया, लेकिन सरकार फिर नियमावली बनाने जा रही है।
  • शिक्षा विभाग की ओर से अब इसका जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें शिक्षकों के तबादलों के लिये स्कूलों को दो क्षेत्रों (पर्वतीय और मैदानी) में बाँटा गया है। ड्राफ्ट में स्पष्ट किया गया है कि तबादलों के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसमें अनिवार्य तबादले शिक्षकों के गुणांकों के आधार पर वरीयता क्रम में उपलब्ध खाली पदों पर किये जाएंगे। जबकि अनुरोध के आधार पर विशेष श्रेणी के शिक्षकों के तबादले होंगे।
  • जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर पुंडीर ने बताया कि एक्ट से दुर्गम से सुगम क्षेत्र के स्कूल में तबादले की उम्मीद रहती है। यदि एक्ट की जगह नियमावली बना दी गई तो अधिकारियों और मंत्रियों की परिक्रमा करने वाले चहेते शिक्षक ही सुविधाजनक स्कूलों में तबादला पाएंगे। 

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उत्तराखंड के मानसखंड की झाँकी को देश में पहला स्थान मिलने पर किया गया पुरस्कृत

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में उत्तराखंड की झाँकी मानसखंड को प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिये केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने पुरस्कार प्रदान किया। राज्य की ओर से सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड की झाँकी को देश में पहला स्थान मिलने पर देश, विदेश के लोग मानसखंड के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे।
  • इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन के बाद मानसखंड पर आधारित झाँकी प्रस्तावित की गई थी।
  • उन्होंने बताया कि कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड राज्य की ओर से मानसखंड की झाँकी में 18 कलाकारों के दल ने अपनी प्रस्तुति दी थी। झाँकी का थीम सांग ‘जय हो कुमाऊँ, जय हो गढ़वाल’को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था। सौरभ मैठाणी और साथियों ने इसे सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे।
  • सूचना महानिदेशक ने बताया कि श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊँ के पौराणिक मंदिरों के लिये मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर भी काम किया जा रहा है। इससे इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है। पहले चरण में करीब दो दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।
  • इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचौड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चौती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किये गए हैं।

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