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छत्तीसगढ़ में 107.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का नया रिकॉर्ड
चर्चा में क्यों?
31 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीदी की अंतिम तिथि तक 107 लाख 51 हज़ार 858 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड कायम कर बीते साल 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ देश में पंजाब के बाद दूसरा राज्य है, जहाँ सर्वाधिक मात्रा में धान खरीदा गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल स्थान पर है।
- राज्य में 23 लाख 41 हज़ार 935 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यह आँकड़ा इतना ज्यादा है कि देश के अन्य राज्य इसके आसपास भी नहीं हैं।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में बीते चार सालों में धान खरीदी की व्यवस्था को इतना सुदृढ़ और बेहतर किया गया है कि किसानों को धान बेचने और भुगतान प्राप्त करने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है। यही वजह है कि बीते चार सालों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वालों किसानों की संख्या और धान खरीदी की मात्रा में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल में धान के योगदानकर्त्ता राज्य के रूप में दूसरे स्थान पर पहुँच गया है।
- छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में कृषि और किसान दोनों समृद्ध हुए हैं। राज्य में धान खरीदी के आँकड़े में साल-दर-साल की रिकॉर्ड वृद्धि और ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के तहत प्रति एकड़ के मान से उत्पादक कृषकों को 9 हज़ार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।
- इस साल राज्य में 249 नई राईस मिलें स्थापित हुई हैं, जिसके कारण राज्य में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग करने के लिये पंजीकृत मिलर्स की संख्या 2035 से बढ़कर अब 2284 हो गई है।
- बीते चार सालों में कृषि के क्षेत्र में समृद्धि और किसानों की खुशहाली का ही परिणाम है कि राज्य में टैक्टर खरीदने वाले ग्रामीणों और किसानों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। राज्य में चार सालों में किसानों ने 80 हज़ार से अधिक ट्रैक्टर की खरीदी की है।
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में धान खरीदी के लिये खरीदी केंद्रों की संख्या में वृद्धि के साथ ही पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के लिये मैन्यूअल टोकन के साथ-साथ ऑनलाईन टोकन जारी करने की व्यवस्था ‘टोकन तुहंर हाथ’ एप के माध्यम से किसानों को धान विक्रय के लिये बेहतर व्यवस्था की गई है।
- राज्य में धान खरीदी शुरूआती दिन 1 नवंबर, 2022 से लेकर आखिरी दिन यानि 31 जनवरी, 2023 तक निर्बाध रूप से जारी रही। राज्य में 98 लाख पंजीकृत किसानों और 32.19 लाख हेक्टेयर रकबा को देखते हुए इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान था।
- खाद्य सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि राज्य में बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिये खरीदी केंद्रों से मिलर्स द्वारा सीधे धान का उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई, जिसके चलते अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव किया जा चुका है।
- उन्होंने बताया कि धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिये धान के उठाव की व्यवस्था के चलते इस साल बमुश्किल 3 लाख मीट्रिक टन धान ही संग्रहण केंद्रों में ले जाना पड़ेगा, जबकि बीते साल लगभग 23 लाख मीट्रिक टन धान संग्रहण केंद्रों ले जाने की जरूरत पड़ी थी। धान का उठाव की इस व्यवस्था के चलते लगभग 150-200 करोड़ रूपए की बचत होगी।
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कस्टम मिलिंग के लिये मिलर्स को दी जानी वाली प्रोत्साहन राशि को प्रति क्विंटल के मान से 120 रुपए दिये जाने से भी कस्टम मिलिंग में तेजी आई है। इस साल 249 नये मिलर्स ने पंजीयन कराया है। इसका सीधा अर्थ यह है कि धान से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और औद्योगीकरण को गति मिली है, इससे रोज़गार के नये अवसर भी सृजित हुए हैं।
- राज्य सरकार की किसान हितैषी नीति और फैसलों के चलते धान का रकबा बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। पंजीकृत किसानों में 2.32 लाख नये किसान शामिल हैं।
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स्कूल शिक्षा मंत्री ने 31 शिक्षकों को ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’ पुरस्कार से किया सम्मानित
चर्चा में क्यों?
31 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने माध्यमिक शिक्षा मंडल परिसर स्थित संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा कार्यालय के सभागार में ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’ योजना के अंतर्गत रायपुर संभाग के 31 शिक्षकों को सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- इनमें शिक्षा दूत सम्मान से 12 शिक्षक, ज्ञानदीप से 03 शिक्षक, शिक्षा श्री से 03 व्याख्याता, उत्कृष्ट प्राचार्य 05 और 08 उत्कृष्ट प्रधान पाठक सम्मानित हुए।
- मंत्री डॉ. टेकाम ने समारोह में विकासखंड स्तर पर कक्षा पहली से पाँचवी तक अध्यापन करने वाले शिक्षकों को शिक्षा दूत पुरस्कार में 5 हज़ार रुपए, ज़िला स्तर पूर्व माध्यमिक शाला के कक्षा छठवीं से आठवीं तक अध्यापन करने वालों शिक्षकों को ज्ञानदीप पुरस्कार में 7 हज़ार रुपए, संभाग स्तर पर कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक अध्यापन करने वाले शिक्षकों को शिक्षा श्री पुरस्कार में 10 हज़ार रुपए की सम्मान राशि के साथ ही प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये।
- उन्होंने इसके साथ ही ज़िला अंतर्गत अपने विद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्राचार्यों को 2 हज़ार रुपए, विकासखंड स्तर पर प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रधान पाठकों को एक-एक हज़ार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की। सभी सम्मानित शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, शॉल, श्रीफल से सम्मानित किया गया।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार प्रतिवर्ष विकासखंड, ज़िला और संभाग स्तर पर मुख्यमंत्री गौरव अंलकरण योजना के अंतर्गत शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाता है।
- विकासखंड स्तर पर शिक्षक दूत, ज़िला स्तर पर ज्ञानदीप और संभाग स्तर पर शिक्षा श्री सम्मान से ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’योजना के तहत् शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
- यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों को बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के साथ कौशल विकास, बौद्धिक, शारीरिक एवं सामाजिक दायित्वों के प्रति उत्तरदायित्व के लिये प्रेरणादायक कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है।
- स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी की अवधि में शिक्षकों ने शिक्षा की ज्योति को जलाए रखा और बहुत सारे नवाचार किये। राज्य के शिक्षकों द्वारा उस दौरान किये नवाचारों का अनुकरण अन्य राज्यों ने भी किया।
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