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स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Feb 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

75 लाख से अधिक नल कनेक्शन के साथ उत्तर प्रदेश हुआ देश के शीर्ष चार राज्यों में शामिल

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश ने 75 लाख से अधिक नल कनेक्शन देने वाले चार राज्यों में स्थान बनाते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रदेश सरकार की इस बड़ी उपलब्धि को नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने ‘हर घर जल, 75 लाख नल’समारोह के रूप में उत्साह के साथ मनाया।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तर प्रदेश में विभाग की समस्त टीम को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए 75 इंजीनियर, अधिकारी और कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
  • इसके अलावा जल जीवन मिशन की दो साल की सफलतापूर्वक यात्रा पर आधारित फिल्म ‘हर घर पानी, खुद निगरानी’का अनावरण व विभाग की उपलब्धियाँ गिनाती ई बुकलेट का विमोचन किया गया।
  • कार्यक्रम में खासकर बुंदेलखंड में विपरीत परिस्थितियों में किस तरह से गाँव-गाँव तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है इसको विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मंचित किया गया तथा पूर्वी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर जल पहुँचने से मिली खुशियों को सांस्कृतिक झलकियों से प्रस्तुत किया गया।
  • जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना ने सर्वाधिक ग्रामीण आबादी वाले उत्तर प्रदेश ने बहुत कम समय में बड़ा मुकाम हासिल करते हुए 62 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों में से 75,26,740 ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देने वाले राज्यों में चौथा स्थान हासिल किया है।
  • गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश से आगे बिहार 1.58 करोड़ से अधिक, महाराष्ट्र 1.06 करोड़ से अधिक और गुजरात 91 लाख से अधिक नल कनेक्शन देने वाले राज्य हैं।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम मज़बूत करने के लिये 100.99 करोड़ रुपए की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सड़कों पर बढ़ते यातायात दबाव और सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को सुदृढ़ करने के लिये 99 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रस्ताव के अनुसार, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) प्रदेश के राजमार्गों तथा मुख्य सड़कों पर यातायात नियमों की अवहेलना करने एवं नशे में वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई में अहम भूमिका निभाएगा।
  • इसके अलावा ओवर स्पीड एवं ओवरलोड वाहनों की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।
  • हाल ही में, राज्य सरकार द्वारा जयपुर स्थित हरीशचंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान में स्टेट रोड सेफ्टी इंस्टीट्यूट खोला गया है। रोड सेफ्टी एक्ट के तहत राजस्थान पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी का गठन भी प्रस्तावित है।
  • आईटीएमएस के अंतर्गत स्वचालित ट्रैफिक मॉनिटरिंग एंड वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम, स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम, रेड लाइट वॉयलेशन सिस्टम, विभिन्न प्रतीक चिन्ह, सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम, ट्रैफिक मॉनिटरिंग सेंटर एवं ई-चालान सहित विभिन्न कार्य होंगे।
  • आईटीएमएस के प्रमुख उद्देश्यों में चालानों का समयबद्ध एवं दक्षता के साथ निस्तारण, गंभीर सड़क हादसों पर अंकुश लगाना तथा बेहतर कार्यप्रणाली के लिये राज्य के विभिन्न विभागों को समन्वय के साथ एक प्लेटफॉर्म पर लाना शामिल हैं।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में स्थापित होगा सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी, काउंटर टेरेरिज्म एंड एंटी-इंसर्जेंसी

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकार द्वारा साइबर सिक्योरिटी को और मजबूत बनाने के क्रम में प्रदेश में अपराधों की रोकथाम और आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से स्थापित की जा रही सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी, काउंटर टेरेरिज्म एंड एंटी-इंसर्जेंसी और उपकरणों के लिये 40 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस स्वीकृति से सेंटर के अंतर्गत राज्य स्तरीय, रेंज/आयुक्तालय स्तरीय तथा ज़िला स्तरीय लैब विकसित की जाएगी। लैब में राज्य के लिये साइबर सुरक्षा, अपराधों की आसूचना, अनुसंधान तथा रोकथाम के लिये विभिन्न राज्य तथा देशों में मौजूद सरकारी एजेंसियों से संपर्क कर सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा।
  • सेंटर की स्थापना से नए-नए मालवेयर, थ्रेट्स, वायरस के बारे में अपडेट किये जाने में सहायता मिलेगी। साथ ही, साइबर क्राइम के बारे में नवीनतम अपडेट्स के लिये राज्य स्तरीय लैब में प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी ज़िलों में साइबर थानों की स्थापना हो चुकी है। इन थानों में अपराधों के अनुसंधान के लिये आवश्यक उपकरण भी प्रदान किये जा चुके हैं।

प्रारंभिक परीक्षा Switch to English

शिक्षा विभाग की नियमावली का विमोचन

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को राजस्थान के स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने जयपुर के शासन सचिवालय में शिक्षा विभाग की विभागीय नियमावली, 2021 का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग की नियमावली का पूर्व में वर्ष 1997 में विमोचन किया गया था।
  • स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने बताया कि शिक्षा विभाग की विभागीय नियमावली,1997 को अब पर्याप्त संशोधन एवं अद्यतन नियमों के साथ पुन: प्रकाशित किया गया है।
  • उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की विभागीय नियमावली, 2021 में राजस्थान राज्य शिक्षा नीति समिति के तत्वावधान में निर्दिष्ट 508 पृष्ठ की नियमावली में 17 अध्यायों में समस्त सेवा नियमों, विभागीय संरचना आदि को संकलित किया गया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

भोपाल में पाँचवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 का हुआ रंगारंग आगाज़

चर्चा में क्यों?

30 जनवरी, 2023 को पाँचवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 का भोपाल के तात्या टोपे स्टेडियम में रंगारंग आगाज़ हुआ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्य की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की मौजूदगी में इन खेलों का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश की मेजबानी में पहली बार हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में 13 दिन तक 23 आयोजन स्थलों पर छह हज़ार खिलाड़ी 27 खेलों में अपनी प्रतिभा की चमक बिखेरेंगे।
  • यह खेल राज्य के आठ शहरों भोपाल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मांडला, बालाघाट, खरगौन में आयोजित होंगे। साइकिलिंग का आयोजन नई दिल्ली के आईजी स्टेडियम वेलड्रोम में होगा।
  • भोपाल में एथलेटिक्स, कुश्ती, बॉक्सिंग, शूटिंग, वाटर स्पोर्ट्स (क्याकिंग-कनोइंग और रोइंग), वॉलीबाल और जूडो के मुकाबले होंगे।
  • इंदौर में बास्केटबॉल, वेटलिफ्टिंग, टेनिस, टेबल टेनिस, कबड्डी, युवा फुटबॉल (पुरुष) की प्रतियोगिताएँ होंगी।
  • ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर में 4 अलग-अलग खेल बैंडमिंटन, हॉकी, जिम्नास्टिक और कलरीपायट्टू के मुकाबले होंगे। महाकाल की नगरी उज्जैन में योग और मलखंब के मुकाबले होंगे।
  • संस्कारधानी जबलपुर में 4 अलग-अलग खेलों पारंपरिक खेल खो-खो, तीरंदाजी, फेंसिंग और साइक्लिंग (रोड) के मुकाबले होंगे।
  • मंडला में मणिपुर और पंजाब के मशहूर पारंपरिक खेल थांगता और गटका के आयोजन होंगे। बालाघाट में महिला युवा फुटबॉल और महेश्वर (खरगोन) में सहस्त्र धारा में सलालम के मुकाबले खेले जाएंगे।
  • नई दिल्ली के आईजी स्टेडियम में साइकिलिंग की प्रतियोगिता होगी।
  • गौरतलब है कि भोपाल के तात्या टोपे (TT नगर) स्टेडियम में बनाए गए खेलो इंडिया के मंच पर मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक विरासतों को दिखाया गया है। मंच को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिसमें महाकालेश्वर उज्जैन, खजुराहो के मंदिर, सांची के बौद्ध स्तूप के साथ ही नर्मदा मैया की बहती हुई सजीव छवि को दिखाया गया है।
  • मध्य प्रदेश में पहली बार हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन को देखते हुए खेलो इंडिया की थीम ‘हिन्दुस्तान का दिल धड़का दो’रखी गई है।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के जो खिलाड़ी पदक जीतकर आएंगे, उन्हें अगले खेलों की तैयारी के लिये 5 लाख रुपए का पुरुस्कार दिया जाएगा। पिछले खेलो इंडिया गेम्स में मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने 38 मेडल जीते थे।      

हरियाणा Switch to English

गुरुग्राम में स्थापित होगा हेलीपोर्ट

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में केंद्र सरकार की संस्था पवनहंस, एयर इंडिया, राज्य के उड्डयन विभाग के अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि प्रदेश में एयर इंडिया 3500 करोड़ रुपए का निवेश करने की तैयारी में है और इसके लिये प्रदेश में प्रशिक्षण शुरू करने की कड़ी में गुरुग्राम के सेक्टर-84 में हेलीपोर्ट स्थापित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर-84 में हेलीपोर्ट स्थापित करने की योजना अंतिम चरण में है। इस हेलीपोर्ट की स्थापना से दिल्ली के एयर स्पेस को एक नया विकल्प मिलेगा। इसके अलावा रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत हरियाणा के विभिन्न शहरों को उत्तरी राज्यों के शहरों के साथ जोड़ा जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण अकादमी को शुरू करने के लिये राज्य सरकार ने इंजीनियर प्रशिक्षण के लिये गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी (जीजेयू) और हिसार क्लस्टर के साथ मिलकर आगे बढ़ने का सुझाव दिया है।
  • दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सीमूलेटर के तहत पायलट और केबिन-क्रू प्रशिक्षण के लिये सरकार ने पातली-हाजीपुर और एटीएल सोहना में अकादमी खोलने का सुझाव दिया है।
  • उन्होंने बताया कि हेलीपोर्ट में 100 यात्रियों के लिये एक टर्मिनल को बनाने का प्रावधान किया है। इसमें छोटे व बडे हेलीकॉप्टर को रखने के लिये हैंगर, पार्किंग, मरम्मत इत्यादि सुविधाएँ शामिल हैं।
  • हैलीपोर्ट में 300 मीटर का रनवे होगा और यह हेलीकॉप्टर को जल्द से जल्द लैंडिंग और टेकआफ की सुविधा भी देगा और इसे 24 घंटे सुचारू रखा जाएगा।
  • उप मुख्यमंत्री ने बताया कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत आगे बढ़ते हुए हरियाणा लीड कर रहा है और इस दिशा में हिसार, अंबाला और करनाल से देश के उत्तरी राज्यों के शहरों के बीच उड्डयन कनेक्टिविटी करने के लिये केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे गए हैं।
  • इस स्कीम में हरियाणा सहित पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। प्राथमिक तौर पर इस स्कीम के अंतर्गत हिसार से जैसलमेर, हिसार से जयपुर, हिसार से आगरा, अंबाला से वाराणसी, अंबाला से गोरखपुर इत्यादि शहरों को कनैक्ट करने की योजना है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में 107.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का नया रिकॉर्ड

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीदी की अंतिम तिथि तक 107 लाख 51 हज़ार 858 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड कायम कर बीते साल 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।

प्रमुख बिंदु 

  • छत्तीसगढ़ देश में पंजाब के बाद दूसरा राज्य है, जहाँ सर्वाधिक मात्रा में धान खरीदा गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल स्थान पर है।
  • राज्य में 23 लाख 41 हज़ार 935 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यह आँकड़ा इतना ज्यादा है कि देश के अन्य राज्य इसके आसपास भी नहीं हैं।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में बीते चार सालों में धान खरीदी की व्यवस्था को इतना सुदृढ़ और बेहतर किया गया है कि किसानों को धान बेचने और भुगतान प्राप्त करने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है। यही वजह है कि बीते चार सालों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वालों किसानों की संख्या और धान खरीदी की मात्रा में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल में धान के योगदानकर्त्ता राज्य के रूप में दूसरे स्थान पर पहुँच गया है।
  • छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में कृषि और किसान दोनों समृद्ध हुए हैं। राज्य में धान खरीदी के आँकड़े में साल-दर-साल की रिकॉर्ड वृद्धि और ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के तहत प्रति एकड़ के मान से उत्पादक कृषकों को 9 हज़ार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।
  • इस साल राज्य में 249 नई राईस मिलें स्थापित हुई हैं, जिसके कारण राज्य में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग करने के लिये पंजीकृत मिलर्स की संख्या 2035 से बढ़कर अब 2284 हो गई है।
  • बीते चार सालों में कृषि के क्षेत्र में समृद्धि और किसानों की खुशहाली का ही परिणाम है कि राज्य में टैक्टर खरीदने वाले ग्रामीणों और किसानों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। राज्य में चार सालों में किसानों ने 80 हज़ार से अधिक ट्रैक्टर की खरीदी की है।
  • छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में धान खरीदी के लिये खरीदी केंद्रों की संख्या में वृद्धि के साथ ही पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के लिये मैन्यूअल टोकन के साथ-साथ ऑनलाईन टोकन जारी करने की व्यवस्था ‘टोकन तुहंर हाथ’ एप के माध्यम से किसानों को धान विक्रय के लिये बेहतर व्यवस्था की गई है।
  • राज्य में धान खरीदी शुरूआती दिन 1 नवंबर, 2022 से लेकर आखिरी दिन यानि 31 जनवरी, 2023 तक निर्बाध रूप से जारी रही। राज्य में 98 लाख पंजीकृत किसानों और 32.19 लाख हेक्टेयर रकबा को देखते हुए इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान था।
  • खाद्य सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि राज्य में बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिये खरीदी केंद्रों से मिलर्स द्वारा सीधे धान का उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई, जिसके चलते अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव किया जा चुका है।
  • उन्होंने बताया कि धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिये धान के उठाव की व्यवस्था के चलते इस साल बमुश्किल 3 लाख मीट्रिक टन धान ही संग्रहण केंद्रों में ले जाना पड़ेगा, जबकि बीते साल लगभग 23 लाख मीट्रिक टन धान संग्रहण केंद्रों ले जाने की जरूरत पड़ी थी। धान का उठाव की इस व्यवस्था के चलते लगभग 150-200 करोड़ रूपए की बचत होगी।
  • छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कस्टम मिलिंग के लिये मिलर्स को दी जानी वाली प्रोत्साहन राशि को प्रति क्विंटल के मान से 120 रुपए दिये जाने से भी कस्टम मिलिंग में तेजी आई है। इस साल 249 नये मिलर्स ने पंजीयन कराया है। इसका सीधा अर्थ यह है कि धान से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और औद्योगीकरण को गति मिली है, इससे रोज़गार के नये अवसर भी सृजित हुए हैं।
  • राज्य सरकार की किसान हितैषी नीति और फैसलों के चलते धान का रकबा बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। पंजीकृत किसानों में 2.32 लाख नये किसान शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

स्कूल शिक्षा मंत्री ने 31 शिक्षकों को ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’ पुरस्कार से किया सम्मानित

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने माध्यमिक शिक्षा मंडल परिसर स्थित संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा कार्यालय के सभागार में ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’ योजना के अंतर्गत रायपुर संभाग के 31 शिक्षकों को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इनमें शिक्षा दूत सम्मान से 12 शिक्षक, ज्ञानदीप से 03 शिक्षक, शिक्षा श्री से 03 व्याख्याता, उत्कृष्ट प्राचार्य 05 और 08 उत्कृष्ट प्रधान पाठक सम्मानित हुए।
  • मंत्री डॉ. टेकाम ने समारोह में विकासखंड स्तर पर कक्षा पहली से पाँचवी तक अध्यापन करने वाले शिक्षकों को शिक्षा दूत पुरस्कार में 5 हज़ार रुपए, ज़िला स्तर पूर्व माध्यमिक शाला के कक्षा छठवीं से आठवीं तक अध्यापन करने वालों शिक्षकों को ज्ञानदीप पुरस्कार में 7 हज़ार रुपए, संभाग स्तर पर कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक अध्यापन करने वाले शिक्षकों को शिक्षा श्री पुरस्कार में 10 हज़ार रुपए की सम्मान राशि के साथ ही प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये।
  • उन्होंने इसके साथ ही ज़िला अंतर्गत अपने विद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्राचार्यों को 2 हज़ार रुपए, विकासखंड स्तर पर प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रधान पाठकों को एक-एक हज़ार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की। सभी सम्मानित शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, शॉल, श्रीफल से सम्मानित किया गया।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार प्रतिवर्ष विकासखंड, ज़िला और संभाग स्तर पर मुख्यमंत्री गौरव अंलकरण योजना के अंतर्गत शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाता है।
  • विकासखंड स्तर पर शिक्षक दूत, ज़िला स्तर पर ज्ञानदीप और संभाग स्तर पर शिक्षा श्री सम्मान से ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’योजना के तहत् शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
  • यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों को बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के साथ कौशल विकास, बौद्धिक, शारीरिक एवं सामाजिक दायित्वों के प्रति उत्तरदायित्व के लिये प्रेरणादायक कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है।
  • स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी की अवधि में शिक्षकों ने शिक्षा की ज्योति को जलाए रखा और बहुत सारे नवाचार किये। राज्य के शिक्षकों द्वारा उस दौरान किये नवाचारों का अनुकरण अन्य राज्यों ने भी किया।    

उत्तराखंड Switch to English

ट्रांसफर एक्ट की जगह नियमावली बनाकर शिक्षकों का तबादले पर अधिकार खत्म करने की तैयारी

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों के लिये एक्ट की जगह नियमावली बनाकर शिक्षकों के तबादले के अधिकार को खत्म करने की तैयारी की जा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि शासन की ओर से सचिव समिति के पास हरियाणा की तर्ज पर बन रही नियमावली का जो ड्राफ्ट रखा जाना है, उसमें स्पष्ट लिखा है तबादला शिक्षक का अधिकार नहीं माना जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में पारदर्शी तबादले राज्य गठन के बाद से सरकारों के लिये चुनौती बने रहे हैं। मनमाने तबादलों को लेकर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े होते रहे हैं। यही वजह रही कि सरकार ने शिक्षकों के तबादलों के लिये वर्ष 2012 में बनी तबादला नीति को खत्म कर वर्ष 2017 में तबादला एक्ट बनाया, जिसे शिक्षा विभाग के साथ ही सभी विभागों के लिये वर्ष 2018 से लागू किया गया, लेकिन सरकार फिर नियमावली बनाने जा रही है।
  • शिक्षा विभाग की ओर से अब इसका जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें शिक्षकों के तबादलों के लिये स्कूलों को दो क्षेत्रों (पर्वतीय और मैदानी) में बाँटा गया है। ड्राफ्ट में स्पष्ट किया गया है कि तबादलों के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसमें अनिवार्य तबादले शिक्षकों के गुणांकों के आधार पर वरीयता क्रम में उपलब्ध खाली पदों पर किये जाएंगे। जबकि अनुरोध के आधार पर विशेष श्रेणी के शिक्षकों के तबादले होंगे।
  • जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर पुंडीर ने बताया कि एक्ट से दुर्गम से सुगम क्षेत्र के स्कूल में तबादले की उम्मीद रहती है। यदि एक्ट की जगह नियमावली बना दी गई तो अधिकारियों और मंत्रियों की परिक्रमा करने वाले चहेते शिक्षक ही सुविधाजनक स्कूलों में तबादला पाएंगे। 

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के मानसखंड की झाँकी को देश में पहला स्थान मिलने पर किया गया पुरस्कृत

चर्चा में क्यों?

31 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में उत्तराखंड की झाँकी मानसखंड को प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिये केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने पुरस्कार प्रदान किया। राज्य की ओर से सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड की झाँकी को देश में पहला स्थान मिलने पर देश, विदेश के लोग मानसखंड के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे।
  • इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन के बाद मानसखंड पर आधारित झाँकी प्रस्तावित की गई थी।
  • उन्होंने बताया कि कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड राज्य की ओर से मानसखंड की झाँकी में 18 कलाकारों के दल ने अपनी प्रस्तुति दी थी। झाँकी का थीम सांग ‘जय हो कुमाऊँ, जय हो गढ़वाल’को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था। सौरभ मैठाणी और साथियों ने इसे सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे।
  • सूचना महानिदेशक ने बताया कि श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊँ के पौराणिक मंदिरों के लिये मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर भी काम किया जा रहा है। इससे इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है। पहले चरण में करीब दो दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।
  • इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचौड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चौती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किये गए हैं।

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