उत्तर प्रदेश Switch to English
मोबाइल फोन वितरण अभियान
चर्चा में क्यों?
31 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित आशा बहनों के सम्मेलन में 80,000 मोबाइल फोन वितरण अभियान का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कोविड की रोकथाम में अच्छा कार्य करने वाली आशा बहनों व आशा सगिनियों को 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक 500 रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त मानदेय उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की।
- आशा व आशा संगिनियों को केंद्र सरकार द्वारा 2000 रुपए प्रतिमाह तथा राज्य सरकार द्वारा 750 रुपए प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाता था। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जाता था। इस प्रकार उन्हें लगभग 5,300 रुपए मानदेय उपलब्ध हो पाता था।
- प्रदेश सरकार ने तय किया है कि आशा एवं आशा संगिनियों को राज्य सरकार से मिलने वाली मासिक प्रोत्साहन राशि को 750 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपए किया जाए। इससे कम से कम उन्हें 6,000 रुपए तक निर्धारित राशि उपलब्ध होगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की 20 करोड़ डोज लगाए जाने पर 60 दिवस से अधिक दिनों में टीकाकरण करने वाली संविदा पर कार्यरत ए.एन.एन. को एकमुश्त 10,000 रुपए का मानदेय उपलब्ध कराया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से 80,000 आशा बहनों को स्मार्टफोन वितरित किये जा रहे हैं। शेष 80,000 आशा बहनों को दूसरे चरण में स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 01 लाख 56 हज़ार आशा बहनें हैं, जो बच्चों के टीकाकरण से लेकर स्वाथ्स्य से संबंधित हर एक अभियान से जुड़ी हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी की गई स्टेट हेल्थ इंडेक्स 2019-20 की रिपोर्ट में देश के 19 बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश ने इंक्रिमेंटल रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया है। हेल्थ आउट-कम प्रोमेन के जो 12 संकेतांक थे, उनमें से 06 में उत्तर प्रदेश ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
राजस्थान Switch to English
‘कोविड हैल्थ कंसलटेंट एवं कोविड स्वास्थ्य सहायकों की नियोजन अवधि तीन माह बढ़ाई गई’
चर्चा में क्यों?
31 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड की वर्तमान स्थिति एवं तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत कोविड हैल्थ कंसलटेंट एवं कोविड स्वास्थ्य सहायकों की नियोजन अवधि तीन माह जनवरी, 2022 से मार्च, 2022 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से कोविड-19 की तीसरी लहर की रोकथाम, संक्रमण के प्रसार को सीमित करने तथा प्रदेश में डोर-टू-डोर सर्वे एवं दवाई वितरण के कार्य को सुचारू रूप से संचालित किया जा सकेगा।
- मुख्यमंत्री ने कोविड हैल्थ कंसलटेंट एवं कोविड स्वास्थ्य सहायकों के मानदेय का भुगतान केंद्र के 15वें वित्त आयोग की भाँति राज्य वित्त आयोग के तहत पंचायती राज संस्थाओं या स्थानीय निकाय संस्थाओं को मिलने वाले अनुदान से करने की मंजूरी भी प्रदान की है।
मध्य प्रदेश Switch to English
स्वैच्छिक पुनर्स्थापन स्वीकार करने वाले प्रत्येक परिवार को 10 लाख की जगह 15 लाख का मिलेगा मुआवजा
चर्चा में क्यों?
31दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने बताया है कि प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों और टाईगर रिजर्व कॉरीडोर क्षेत्र के ग्राम से स्वैच्छिक पुनर्स्थापन स्वीकार करने वाले परिवार इकाइयों को प्रति परिवार अब 15 लाख रुपए दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके पहले वर्ष 2008 से संरक्षित ग्रामों से विस्थापन के लिये मुआवज़ा राशि प्रति परिवार इकाई 10 लाख रुपए दी जाती थी।
- वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि राज्य ने इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था। प्रस्ताव पर भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली ने प्रस्तावित मुआवज़ा राशि को अपनी मंज़ूरी दे दी।
- मंत्रि-परिषद की 7 दिसंबर 2021 को हुई बैठक में पुनर्वास के लिये मुआवज़ा पैकेज में बढ़ोतरी सहित योजना क्र. 5109 की निरंतरता को अनुमोदित किया गया।
- वर्ष 2022-23 में पुनर्स्थापन के लिये 300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इसमें कैंपा मद से 285 करोड़ और योजना क्रमांक 5109 में पुनर्स्थापन के लिये 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए हैं। इस व्यवस्था के लागू होने से संजय टाइगर रिज़र्व नौरादेही अभयारण्य और रातापानी अभयारण्य के आस-पास रहने वाले परिवारों का पुनर्स्थापन हो सकेगा।
- मुआवजा पैकेज में वृद्धि होने से दुर्गम वन क्षेत्रों के भीतर बसे ग्रामीणों को पुनर्स्थापित होकर विकास की मुख्य-धारा से जुड़ने को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही दुर्गम वन क्षेत्रों में मानवीय व्यवधान कम होने से मानव-वन्य-प्राणी द्वंद्व में भी कमी आएगी और वन्य-प्राणी संरक्षण और अधिक सुदृढ़ हो सकेगा।
- ऐसे वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामवासियों ने स्वैच्छिक रूप से पुनर्स्थापित होने का विकल्प चुना, जिसमें 16 हज़ार परिवार इकाइयों को नवीन रहवास स्थलों में पुनर्स्थापित कराया जा चुका है।
झारखंड Switch to English
रांची रेलवे स्टेशन से प्रीपेड ऑटो सेवा शुरू
चर्चा में क्यों?
31 दिसंबर, 2021 को रेलवे मंडल प्रबंधक (डीआरएम), प्रदीप गुप्ता की उपस्थिति में रांची विधायक, चंदेश्वर प्रसाद सिंह द्वारा यात्रियों को और अधिक सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से रांची रेलवे स्टेशन पर प्रीपेड ऑटो सेवा प्रणाली का उद्घाटन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस सेवा के शुरू होने से यात्रियों विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों, विकलांग और बीमार यात्रियों को स्टेशन से अपने गंतव्य तक जाने में काफी सहूलियत होगी और उन्हें कुछ ऑटो चालकों द्वारा वसूले जाने वाले मनमाने किराए से भी छुटकारा मिलेगा। साथ ही महिला यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुँचने में मदद करेगी।
- इस प्रीपेड ऑटो सेवा प्रणाली के तहत यात्रा शुल्क के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि ज़िला परिवहन विभाग से अनुमोदन के परिणामस्वरूप एक निश्चित मानक के तहत निर्धारित की गई है। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर यात्री 139 पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- रांची रेलवे स्टेशन पर प्रीपेड ऑटो सेवा काउंटर से ऑटो बुकिंग की जाएगी। इसके लिये बूथ बनाया गया है। जहाँ यात्रियों को पहले भुगतान करना होगा। इसके बाद यात्री को रसीद दी जाएगी।
- प्रीपेड बूथों से चलने वाले ऑटो के रेट रूट और दूरी के हिसाब से तय किये गए हैं। इसके तहत यात्रियों से बुकिंग के लिये न्यूनतम 100 रुपए और अधिकतम 300 रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्य स्तरीय गुरु घासीदास लोक महोत्सव एवं जयंती
चर्चा में क्यों?
31 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश ने बघेल बेमेतरा ज़िले के विकासखंड मुख्यालय नवागढ़ में आयोजित चार दिवसीय राज्यस्तरीय गुरु घासीदास लोक महोत्सव एवं जयंती समारोह एवं ओपन पंथी नृत्य प्रतियोगिता के समापन समारोह में नगर पंचायत नवागढ़ को नगर पालिका का दर्जा प्रदान करने के साथ ही अनेक घोषणाएँ की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने नवागढ़ अस्पताल का 50 बिस्तर वाले अस्पताल के रूप में उन्नयन करने, संबलपुर में पुलिस चौकी एवं नवागढ़ के जोड़ा जैतखाम को विकसित करने के लिये एक करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए समाज के अंधकार को दूर करने का प्रयास किया है। छत्तीसगढ़ की धरती में गुरु बाबा अवतरित हुए और छत्तीसगढ़ी बोली में जन-जन तक अपना संदेश पहुँचाया। समानता, समाजिक समरसता का संदेश देकर बाबा ने मानव समाज को एक सूत्र में जोड़ने का कार्य किया।
- बाबा ने सूत्र वाक्य दिया ‘मनखे-मनखे’ एक समान अर्थात मानव-मानव में कोई भेदभाव नहीं है, सब समान हैं। इसके अलावा उन्होंने सत्य ही ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है का संदेश दिया है।
- समारोह में मुख्यमंत्री ने ओपन पंथी नृत्य प्रतियोगिता के विजेता पंथी दल को पुरस्कार वितरित किये। प्रथम पुरस्कार एक लाख 51 हज़ार, द्वितीय पुरस्कार एक लाख एक हज़ार रुपए, तृतीय पुरस्कार 75 हज़ार रुपए एवं स्पर्धा में शामिल पंथी नृत्य दलों को 3100 रुपए सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
स्किल हब इनिशिएटिव कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
- 31 दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार के मानव संसाधन शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्कूल छोड़ चुके बच्चों और युवाओं को रोज़गारपरक शिक्षा से जोड़ने के लिये पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में छत्तीसगढ़ के 18 स्कूलों में स्किल हब इनिशिएटिव कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की गई। यह कार्यक्रम नए साल से शुरू होगा।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ राज्य के 18 स्कूलों में यह कार्यक्रम प्रथम चरण में शुरू होगा। कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल छोड़ चुके बच्चों, छात्र-छात्राओं के लिये व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने और स्कूल समय के बाद तथा सप्ताहिक अवकाश के दिवसों में स्किल ट्रेनिंग के शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन कोर्स कराया जाएगा।
- रोज़गारपरक शिक्षा और कौशल उन्नयन के लिये शुरू की जा रही इस नई पहल के लिये स्कूल छोड़ चुके बच्चे और युवाओं को विभिन्न रोज़गारमूलक कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रशिक्षण के लिये 15 से 29 वर्ष आयु समूह के लोगों का चयन किया जाएगा। इस संबंध में सभी ज़िला कलेक्टरों को कार्यक्रम की तैयारी के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए हैं।
- बच्चों को विभिन्न रोज़गारपरक कार्यों में प्रशिक्षण देने के लिये चयनित स्कूलों में व्यवस्था की जाएगी। इस कार्य में अंतर्विभागीय सहयोग भी लिया जाएगा।
- ज़िला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग से जुड़े नामांकित अधिकारी प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग करेंगे। स्कूल में पदस्थ व्यावसायिक प्रशिक्षक प्रशिक्षण तथा अन्य व्यवस्था करेंगे।
- प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को रोज़गार से भी जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही स्किलिंग, री-स्किलिंग, अपस्किलिंग पाठ्यक्रमों के माध्यम से कौशल प्रमाण-पत्र और अकादमिक क्रेडिट प्राप्त होगी।
- स्किल हब इनिशिएटिव से जुड़े स्कूल स्किल इंडिया पोर्टल में रजिस्टर होंगे। इस कार्यक्रम के पॉयलेट चरण में सीमित अवधि के प्रशिक्षण संचालित किये जाएंगे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र
चर्चा में क्यों?
31 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के 7 सरकारी अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही कोंडागाँव ज़िला अस्पताल को प्रसव कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर की उत्कृष्ट सुविधाओं तथा प्रसूताओं एवं गर्भवती महिलाओं की अच्छी देखभाल के लिये ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र (LaQshya Certification) प्रदान किया गया है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश के दो ज़िला अस्पतालों, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को गुणवत्ता प्रमाण-पत्र से नवाजा है।
- भारत सरकार द्वारा मुंगेली ज़िला चिकित्सालय और नारायणपुर ज़िला चिकित्सालय को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
- वहीं बलौदाबाज़ार-भाटापारा ज़िले के कटगी और गरियाबंद के कोपरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र मिला है।
- रायपुर के राजातालाब और हीरापुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा सरगुजा ज़िले के नवापारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र से नवाज़ा गया है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के अंतर्गत उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों के नियमित प्रशिक्षण के बाद अस्पतालों का आंतरिक तथा राज्य स्तरीय मूल्यांकन, सेवा प्रदाय ऑडिट तथा पेशेंट संतुष्टि सर्वे की प्रक्रिया की जाती है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा विगत नवंबर माह में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र और ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र के लिये चयनित अस्पतालों का निरीक्षण कर वहाँ मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया था। उन्होंने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र और ‘लक्ष्य’प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का कई मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
उत्तराखंड Switch to English
‘स्टेट क्रेडिट सेमिनार’2022 -23 में स्टेट फोकस पेपर का विमोचन
चर्चा में क्यों?
31 दिसंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड द्वारा आयोजित ‘स्टेट क्रेडिट सेमिनार’में स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- नाबार्ड द्वारा 2022-23 के लिये उत्तराखंड राज्य के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिये कुल ऋण क्षमता 28528 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है।
- उत्तराखंड में आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाओं के माध्यम से सड़कों, भंडारण व्यवस्था, पेयजल, सिंचाई आदि में सुधार हुआ है। विशेष रूप से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को मज़बूत करने और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका सृजन कर महिला सशक्तीकरण में भी नाबार्ड का येागदान रहा है।
- नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक अरुण प्रताप दास ने कहा कि नाबार्ड, ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के अपने जनादेश के अनुरूप कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सहभागी और परामर्शी दृष्टिकोण अपनाकर हर साल देश के प्रत्येक ज़िले के लिये संभावित लिंक्ड क्रेडिट प्लान (पीएलपी) तैयार करता है।
- पीएलपी राज्य के प्रत्येक ज़िले के लिये प्राथमिकता क्षेत्र के भीतर कृषि, संबद्ध और अन्य क्षेत्रों में ऋण क्षमता का अनुमान लगाता है। ये अनुमान ज़िला स्तर पर अग्रणी बैंकों और राज्य स्तर पर एसएलबीसी के लिये वार्षिक ऋण योजना (एसीपी) तैयार करने के लिये एक आधार के रूप में भी काम करते हैं।
- स्टेट फोकस पेपर, पीएलपी के परिणामों की परिणति है, जिसमें सभी ज़िलों की संभावनाओं और अनुमानों को समग्र रूप से राज्य के लिये एक समेकित दस्तावेज़ में शामिल किया गया है।
- वर्ष 2022- 23 के लिये राज्य फोकस पेपर में उत्तराखंड राज्य में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिये कुल ऋण क्षमता 28 हज़ार 528 करोड़ का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष के क्रेडिट योजना की तुलना में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
- स्टेट फोकस पेपर, भारत और राज्य सरकार दोनों की विभिन्न नीतिगत पहलों का भी संश्लेषण करता है। यह दस्तावेज़ 2022-23 के लिये नीतिगत पहल और बजट परिव्यय की प्राथमिकता के लिये राज्य सरकार के लिये मददगार साबित होगा।
- कार्यक्रम में सराहनीय कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों, एनजीओ, सहकारी संस्थाओं, बैंकों व विभागों को सम्मानित किया गया।
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