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हरियाणा में नई SC आरक्षण श्रेणियाँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिये अनुसूचित जातियों (SC) के भीतर उप-वर्गीकरण लागू किया।
प्रमुख बिंदु
- सर्वोच्च न्यायालय के उप-वर्गीकरण पर निर्णय:
- 1 अगस्त 2024 को, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि राज्यों को अनुसूचित जाति (SC) श्रेणी के भीतर उप-वर्गीकरण बनाने का संवैधानिक अधिकार है, जो इसकी सामाजिक विविधता को स्वीकार करता है।
- इस फैसले के बाद, हरियाणा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जाति उप-वर्गीकरण को मंजूरी दे दी।
- हरियाणा में उप-वर्गीकरण:
- हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने अनुसूचित जाति आरक्षण को दो श्रेणियों में विभाजित करने की सिफारिश की:
- वंचित अनुसूचित जातियाँ (DSC): इसमें धानक, बाल्मीकि, मज़हबी सिख और खटीक जैसी 36 जातियाँ शामिल हैं, जिन्हें अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के कारण नौकरियों में SC आरक्षण कोटे का 50% प्राप्त होगा।
- अन्य अनुसूचित जातियाँ (OSC): इसमें चमार, जटिया चमार, रेहगर, रैगर, रामदासी, रविदासी, जाटव, मोची और रामदासिया जैसी जातियाँ शामिल हैं।
- हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने अनुसूचित जाति आरक्षण को दो श्रेणियों में विभाजित करने की सिफारिश की:
- हरियाणा में DSC के लिये शैक्षिक कोटा:
- वर्ष 2020 में, हरियाणा ने अनुसूचित जाति (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम लागू किया, जिसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति की 50% सीटें DSC श्रेणी के लिये आरक्षित कर दी गईं।
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